शुक्रवार, 19 जून 2015

घर में सुख-समृद्धि कारक एक अद्भुत प्रयोग

हमेशा घर मे कलह होता है। घर में सदस्यों में आपस में बनती नहीं है। कोर्ट कचेहरी में हमेशा धन का नाश 
होता है। या किसी ने आपसे कहा है आपके घर में वास्तु दोष है और इस कारक आपके घर में सुख-समृद्धि नहीं 
होती है तो इस प्रयोग को अवश्य अपनाना चाहिए।

यह अद्भुत प्रयोग है इस प्रयोग को करने वाला व्यक्ति हमेशा आत्मविश्वास से चलने वाला होना चाहिए तो यह प्रयोग और अधिक जल्दी फायदा देगा। 
एक छोटी सी मिटटी की लुटिया ले लें। उसमें गंगा जल से भरकर सात 
गोमती चक्र डालें। लुटिया मे छेद वाली केंदुका कौड़ी कलावे में बांधकर 
डाल दें। उसके बाद ढक्कन लगा दें और इसे घर मे उत्तरपूर्व (North 
East) दिशा में स्थापित कर लें। घर में सुख शांति होगी धन लाभ होगा। 
और कारोबारी सारी समस्याओं का निवारण हो जायेगा। शनि अमावस्या 
के दिन लुटिया के अंदर डाली गयी सामग्री को बहते जल में प्रवाहित कर 
दें और नई सामग्री डाल दें।

बुधवार, 17 जून 2015

कांजी भाई और pk

कांजी भाई और pk कोर्ट में हाजिर हुए >>

वकील : हाँ तो आप दोनों का कहना है कि इन्सान
डर के कारण मंदिर जाता है और मूर्ति पूजा गलत है।
कांजी भाई : जी बिलकुल। ईश्वर तो सभी जगह है
उसको मंदिर में ढूँढने की क्या आवश्यकता है।
वकील : आप का मतलब है कि मंदिर में नहीं है।
कांजी भाई : वहां भी है।
वकील : तो फिर आप लोगो को मंदिर जाना क्यों
पाखंड लगता है?
कांजी भाई : हमारा मतलब है मंदिर ही क्यों
जाना मूर्ति में ही क्यों?? जब सभी जगह है तो
जरूरत ही क्या है पूजा करने की बस मन में ही पूजा
कर लो।
वकील-'हा हा हा हा '
कांजी भाई- इसमें हंसने की क्या बात है??
वकील दोनो को घूरते हुए आगे बड़ा और पुछा- एक
बात बताइए आप पानी केसे पीते है?
'पानी कैसे पीते है?
ये कैसा पागलो जासा सवाल है जज साहब?कांजी
बोला'
वकील लगभग चिल्लाते हुए - मैं पूछता हूँ आप पानी
कैसे पीते है ?
कांजी भाई हडबडाते हुए - ज ज ज जी ग्लास से।
पॉइंट टू बी नोटेड मी लार्ड कांजी भाई ग्लास से
पानी पीते है
और ये pk तो इस ग्रह का आदमी नहीं है फिर भी पूछ
लेते है।
क्यों भाई तुम पानी कैसे पीते हो?
pk- जी मैं भी ग्लास से पीता हूँ।
वकील कांजी भाई की और मुड़ते हुए - कांजी भाई
एक बात बताइए जब पानी हाइड्रोजन और
आक्सीजन के रूप में इस हवा में भी मोजूद है तो आप
हवा में से सूंघकर पानी क्यों नहीं पी लेते?
और ऐसा कहकर वकील ने हवा में लगभग नाक को
तीन बार अलग अलग घुसेड़ते हुए बताया मानो हवा से
नाक से पानी पी रहा हो।
कांजी भाई झुंझलाकर बोला - जज साहब वकील
साहब कैसी बाते कर रहे है?भला इस प्रकार हवा से
सूंघकर पानी कैसे पिया जा सकता है ?पानी पीने के
लिए किसी ग्लास की जरूरत तो पड़ेगी ही।
और वकील जेसे कांजी पर टूट पड़ा हो- इसी प्रकार
कांजी भाई जैसे आप यह जानते हुए भी कि पानी
सभी जगह मोजूद है आप को पानी पीने के लिए
ग्लास की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार यह
जानते हुए भी कि ईश्वर सभी जगह मोजूद है उसके
बावजूद हमें मूर्ति ,मंदिर या तीर्थस्थल की
आवश्यकता होती है ताकि हम ईश्वर की सरलता से
ध्यान लगाकर आराधना कर सके ।

कांजी भाई चुप।
और अब pk को भी बात समझ में आ चुकि थी कि
आदमी मंदिर क्यों जाता है

शनिवार, 6 जून 2015

स्वप्न वाराही सिद्धी

स्वप्न वाराही सिद्धी.
-------------------------------
यह एक अनोखी साधना है जिसमे सफलता पाना आसान है परंतु इस साधना का उपयोग तभी करना चाहिये जब आप किसी कठिन समस्या मे फसे हुए हो और समस्या से बाहर निकलने का रास्ता ना मिले.
कभी भी इस साधना का गलत प्रयोग ना करे जैसे सट्टा या लौटरी का नंबर स्वप्न मे देखना.
साधना विधि:-
----------------------
सोने से पूर्व जहा आप सोते है वहा के आस पास का जगहा साफ करके रखे और चद्दर भी साफ सुधरी होनी चाहिये.
सोने से पहिले 3 माला जाप 21 दिनो तक करना है.इससे आपको इस साधना मे सफलता मिलती है.जब किसी सवाल का जवाब प्राप्त करना हो तब 'स्वप्न वाराही" से प्रार्थना करके अपना सवाल बताये और 11 बार मंत्र का जाप करके निद्रा ले,इस विधान से आपको समस्या के निवारण हेतु जवाब स्वप्न मे मिल जायेगा.
मंत्र-
-------
ll ओम ह्रीं नमो वाराहि अघौरे स्वप्न दर्शय दर्शय ठ: ठ: स्वाहा ll
ll om hreem namo vaarahi aghoure swapn darshay darshay thaa thaa swaahaa ll
3 माला रोज 21 दिनो तक जाप करना है.
दिशा,वस्त्र,माला का कोई विधान नही है इसलिये चिंतित ना हो.