सोमवार, 25 अप्रैल 2016

हर कामना पूर्ण करें श्री गणेश के सिद्ध मंत्र

हर कामना पूर्ण करें श्री गणेश के सिद्ध मंत्र


रोजगार की प्राप्ति व आर्थिक वृद्धि के लिए लक्ष्मी विनायक मंत्र का जप 


करें-
ॐ श्रीं सौम्याय सौभाग्याय गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानाय 


स्वाहा।

शाबर महाकाली साधना

मंत्र सिद्ध है....

शाबर महाकाली साधना.

मंत्र सिद्ध है फिर भी मन मे येसा कुछ ना आये के मुज़े अनुभव कैसे 


मिलेगा ईसलिये किसी भी मंगलवार के दिन शाम को 6:30 से 7:30 के 

समय मे मंत्र का 108 बार जाप कर लिजिये और 21 आहुती घी का दे 

साथ मे एक नींबू मंत्र का जाप करके चाकू से काटे तो बलि विधान भी 

पूर्ण हो जायेगा,नींबू को हवन कुंड मे डालना ना भूले.


अब जब भी आपको अपनी मनोकामना पूर्ण करने हेतु विधान करना हो 

तब जमीन पर थोडासा कुछ बुंद जल डाले और हाथ से जमीन को पौछ 

लिजिये.

साफ़ जमीन पर कपूर कि टिकिया रखे और मन ही मन अपनी कामना 


बोलिये.अब तीन बार

"ओम नम: शिवाय"

बोलकर कपूर जलाये और माहाकाली मंत्र का जाप करे,यहा पर मंत्र जाप 


संख्या का गिनती नही करना है और जाप करते समय ध्यान कपूर के 

ज्योत मे होना चाहिये इसलिये मंत्र भी पहिले ही याद करना जरुरी है.

कम से कम 3-4 टिकिया कपूर का इस्तेमाल करे और कपूर इस क्रिया मे 


बुज़ना नही चाहिये जब तक आपका जाप पूर्ण ना हो और इतने समय 

तक जाप करे अन्दाज से के आपका 21 बार मंत्र जाप होना चाहिये.अब 

आपही सोचिये आपको रोज कितना कपूर जलाना है.


साधना तब तक करना है जब तक आपका इच्छा पूर्ण ना हो और इच्छा 

पूर्ण होने के बाद कुछ गरिब बच्चो मे कुछ मिठा बाटे क्युके इच्छा पूर्ण 

होने के खुशी मे..


मंत्र-

ll ओम नमो आदेश माता-पिता-गुरू को l आदेश कालिका माता को,धरती 


माता-आकाश पिता को l ज्योत पर ज्योत चढाऊ ज्योत कालिका माता 

को,मन की इच्छा पुरन कर,सिद्धी कारका l दुहाई माहादेव कि ll


मंत्र सिद्ध है शाबर महाकाली साधना. मंत्र सिद्ध है फिर भी मन मे येसा 

कुछ ना आये के मुज़े अनुभव कैसे मिलेगा ईसलिये किसी भी मंगलवार 

के दिन शाम को 6:30 से 7:30 के समय मे मंत्र का 108 बार जाप कर 

लिजिये और 21 आहुती घी का दे

सोमवार, 18 अप्रैल 2016

शत्रु नाशक बगला प्रयोग



जिस साधक पर भगवती बगलामुखी की कृपा हो जाती है, उसके शत्रु 

कभी अपने षड़यंत्र मे सफल नही हो पाते है.क्युकी भगवती का मुद्गर 

उन शत्रुओ की समस्त क्रियाओ को निस्तेज कर देता है.प्रस्तुत साधना 

उन साधको के लिये है,जो शत्रू के कारण समस्याओ से घिर जाते है.वैसे 

दरिद्रता,रोग,दुख ये भी माँ कि दृष्टि मे आपके शत्रू ही है.अतः सभी को 

यह साधना करनी करनी चाहिये.यह साधना आपको २६ तारीख को 

करना ै.किसी कारणवश ना कर पाये तो किसी भी रविवार को 

करे.समय रात्रि १० के बाद का रखे.आसन वस्त्र पिले हो.आपका मुख 

उत्तर की और होना चाहिये.सामने बाजोट रखकर उस पर पिला वस्त्र 

बिछा दे.और वस्त्र पर पिले सरसो कि एक ढ़ेरी बनाये.इस ढ़ेरी पर एक 

मिट्टि का दिपक सरसो का तेल डालकर प्रज्जवलित करे.ईसके अतिरिक्त 

किसी सामग्री की आवश्यक्ता नही है.दिपक की सामान्य पुजन कर गुड़ 

का भोग अर्पित करे.अब संकल्प ले .


हे माता बगलामुखी हर शत्रू से,रोगो से,दुखो से,दरिद्रता से तथा हर कष्ट 

प्रद स्थिती से रक्षा हेतु मै यह प्रयोग कर रहा हु.आप मेरी साधना को 

स्विकार कर.मुझे सफलता प्रदान करे.

अब निम्न मंत्र कि पिली हकीक माला,हल्दि माला,अथवा रूद्राक्ष माला 


से २१ माला करे.

क्रीं ह्लीं क्रीं सर्व शत्रू मर्दिनी क्रीं ह्लीं क्रीं फट्

Kreem hleem kreem sarv shatru mardini kreem hleem kreem 


phat

यह मंत्र महाकाली समन्वित बगला मंत्र है.जो कि अत्यंत तिव्र है.ईसका 


जाप वाचिक कर पाये तो उत्तम होगा अन्यथा उपांशु करे.पंरतु मानसिक 

ना करे.जाप समाप्त होने के बाद.घृत मे सरसो मिलाकर १०८ आहुति 

प्रदान करे.इस प्रकार साधना पुर्ण होगी.साधना के बाद पुनः स्नान करना 

आवश्यक है.

अगले दिन गुड़,सरसो पिला वस्त्र किसी वृक्ष के निचे रख आये.यह एक 


दिवसीय प्रयोग साधक को शत्रू से मुक्त कर देता है.साधक चाहे तो 

साधना को ३,७, या २१ दिवस के अनुष्ठान रूप मे भी कर सकता है.