शुक्रवार, 9 सितंबर 2016

तंत्र बाधा और रोग निवारण

मंत्र :- ॐ ह्रीं ब्री बिकट वीर हनुमंत वीर मंत्र को मारो । उलट दो पाताल काल जाल संधारो । जो धन जहाँ से आय वहाँ को जाय । टोनहिन का टोना ओझा को दंड  द्रोही शत्रु को मारो न मारो तो माता अंजनी का पिया दूध हराम करो । माता सीता  पे चोट पड़े हूं फट स्वाहा । 

प्रयोग :- हनुमान जी की पूजा करके 108 बार जप करे ।  पीड़ित का अगरबत्ती से 9 बार झाड़ा लगाने से लगाने से आराम  होता है ।  

तेल मातंगी साधना

ग्रहण में मंत्र का १०८ बार जप करे । आसान और वस्त्र लाल रंग के हो, रुद्राक्ष माला, उत्तर दिशा की और मुख करके बैठे । 

मंत्र :- ॐ ऐं तेल मातंगी न्रू नख मध्ये आगच्छ तत कर्म कुरु कुरु स्वाहा । 

प्रयोग :- बारह वर्ष से काम उम्र के बालक/बालिका के दाहिने हाथ के अंगूठे पर चमेली का तेल लगाए और 21 बार मंत्र बोलकर अंगूठे पर फूंक मारे तो बच्चे को माता का चेहरा दिखाई देगा और जो सवाल पूछा जायेगा उसका जवाब मिलेगा । 

देह रक्षा मंत्र

देह रक्षा मंत्र :- ॐ नमो  हनुमान वज्र का कोठा उसमे पिंड हमारा बैठा ।  ईश्वर कुंजी ब्रह्मा ताला मेरे इस पिंड का आठो याम का यति हनुमंत रखवाला । 

प्रयोग विधि :- पहले मंत्र को किसी शुभ मुहूर्त में 108 बार जपकर सिद्ध कर ले फिर जब भी देह रक्षा करनी हो 21 बार पढ़कर अपनी छाती पर फूंक मारे । सभी प्रकार की बाधा से रक्षा होगी ।