रविवार, 8 अप्रैल 2018

अगर आपकी नोकरी नही लग रही या आपका प्रमोशन नहीं हो रहा तो करे यह उपाय 100 % मिलेगी सफलता।

अगर आपकी नोकरी नही लग रही या आपका प्रमोशन नहीं हो रहा तो करे यह उपाय 100 % मिलेगी सफलता।

* चोर साबित हुए आदमी को या जैल काट चुके आदमी या औरत को अमावस्या की रात ९ बजे के बाद अपने घर बुलाकर खीर का भोजन करवाये।
* अगर नौकरी में तरक्की चाहते हैं, तो 7 तरह का अनाज चिड़ियों को डालें।
* गुरूवार को किसी मंदिर में पीली वस्तुये जैसे खाद्य पदार्थ, फल, कपडे इत्यादि का दान करें !
* हर सुबह नंगे पैर घास पर चलें ! सफेद वस्त्र पहन कर ।
* सरकारी या निजी रोजगार क्षेत्र में परिश्रम के उपरांत भी सफलता नहीं मिल रही हो, तो नियमपूर्वक किये गये विष्णु यज्ञ की विभूति ले कर, अपने पितरों की ृकुशा´ की मूर्ति बना कर, गंगाजल से स्नान करायें तथा यज्ञ विभूति लगा कर, कुछ भोग लगा दें और उनसे कार्य की सफलता हेतु कृपा करने की प्रार्थना करें। किसी धार्मिक ग्रंथ का एक अध्याय पढ़ कर, उस कुशा की मूर्ति को पवित्र नदी या सरोवर में प्रवाहित कर दें। सफलता अवश्य मिलेगी। सफलता के पश्चात् किसी शुभ कार्य में दानादि दें।

कुलदेवी कृपा प्राप्ति साधना

कुलदेवी कृपा प्राप्ति साधना
कुलदेवी सदैव हमारी कुल
कि रक्षा करती है,हम पर चाहे
किसी भी प्रकार कि कोई
भी बाधाये आने वाली हो तो सर्वप्रथम
हमारी सबसे
ज्यादा चिंता उन्हेही ही होती है.कुलदेवी कि कृपा से
कई जीवन के येसे कार्य है जिनमे पूर्ण
सफलता मिलती है.
कई लोग येसे है जिन्हें
अपनी कुलदेवी पता ही नहीं और
कुछ येसे भी है जिन्हें
कुलदेवी पता है परन्तु
उनकी पूजा या फिर
साधना पता नहीं है.तो येसे समय यह
साधना बड़ी ही उपयुक्त है.यह
साधना पूर्णतः फलदायी है और गोपनीय
है.यह दुर्लभ विधान
मेरी प्यारी भाई/बहन कि लिए आज
सदगुरुजी कि कृपा से हम सभी के लिये.
इस साधना के माध्यम से घर मे क्लेश चल
रही हो,कोई
चिंता हो,या बीमारी हो,धन
कि कमी,धन का सही तरह से
इस्तेमाल न हो,या देवी/देवतओं कि कोई
नाराजी हो तो इन सभी समस्या ओ के
लिये कुलदेवी साधना सर्वश्रेष्ट साधना है.
सामग्री :-३ पानी वाले नारियल,लाल
वस्त्र ,९ सुपारिया ,८ या १६ शृंगार कि वस्तुये ,खाने कि ९ पत्ते ,३
घी कि दीपक,कुंकुम ,हल्दी ,सिंदूर ,मौली ,तिन
प्रकार कि मिठाई .
साधना विधि :-
सर्वप्रथम नारियल कि कुछ जटाये निकाले और कुछ बाकि रखे फिर
एक नारियल को पूर्ण सिंदूर से रंग दे दूसरे
को हल्दी और तीसरे नारियल को कुंकुम
से,फिर ३ नारियल को मौली बांधे .
किसी बाजोट पर लाल वस्त्र बिछाये ,उस पर ३ नारियल
को स्थापित कीजिये,हर नारियल के सामने ३ पत्ते
रखे,पत्तों पर १-१ coin रखे और coin कि ऊपर
सुपारिया स्थापित कीजिये.फिर गुरुपूजन और
गणपति पूजन संपन्न कीजिये.
अब ज्यो पूजा स्थापित कि है उन
सबकी चावल,कुंकुम,हल्
दी,सिंदूर,जल ,पुष्प,धुप और दीप से
पूजा कीजिये.जहा सिन्दूर वाला नारियल है वह सिर्फ
सिंदूर ही चढ़े बाकि हल्दी कुंकुम
नहीं इस प्रकार से पूजा करनी है,और
चावल भी ३ रंगों मे ही रंगाने है,अब ३
दीपक स्थापित कर दीजिये.और कोई
भी मिठाई किसी भी नारियल के
पास चढादे .साधना समाप्ति के बाद प्रसाद परिवार मे
ही बाटना है.शृंगार पूजा मे
कुलदेवी कि उपस्थिति कि भावना करते हुये चढादे और
माँ को स्वीकार
करनेकी विनती कीजिये.
और लाल मूंगे कि माला से ३ दिन तक ११ मालाये मंत्र जाप रोज
करनी है.यह साधना शुक्ल पक्ष कि १२,१३,१४
तिथि को करनी है.३ दिन बाद
सारी सामग्री जल मे परिवार के कल्याण
कि प्रार्थना करते हुये प्रवाहित कर दे.
मंत्र :-
|| ओम
ह्रीं श्रीं कुलेश्वरी प्रसीद
- प्रसीद ऐम् नम : ||
साधना समाप्ति के बाद सहपरिवार आरती करे
तो कुलेश्वरी कि कृपा और बढती

अन्नपूर्णा प्रयोग

अन्नपूर्णा प्रयोग
मित्रो !
यहाँ आज में जो प्रयोग बताने जा रहा हूँ उससे घर में सदैव सुख और समृद्धि का वास रहता है।
अन्नपूर्णा प्रयोग :-
प्रयोग किसी भी शुक्रवार की रात्रि 10 के बाद करे । अथवा ब्रह्म मुहूर्त में करे । आपके पास जो भी आसन वस्त्र हो उसका प्रयोग करे । पीला हो तो अति उत्तम है । उत्तर की और मुख कर बैठ जाये । सामने भूमि पर एक लाल वस्त्र बिछा दे ।
उस पर एक मिटटी की मटकी रखे । मटकी पर कुमकुम की 7 बिंदी लगाये । और मटकी का सामान्य पूजन करे । घी का दीपक लगाये । कोई मीठी चीज़ भोग में अर्पण करे ।
माँ अन्नपूर्णा से प्रार्थना करे की वो आपके जीवन में अन्न, धन आदि के भंडार भरे तथा आपको गृहस्थी का पूर्ण सुख प्रदान करे ।
अब निम्न मंत्र को पड़ते जाये और मटकी में थोड़े थोड़े अक्षत डालत जाये । स्मरण रखे आपको मटकी अक्षत से पूरी भरनी होगी । जब तक मटकी भर न जाये साधना बिच में न छोड़े । और आपको अक्षत भी थोड़े थोड़े ही डालने है । जल्दी समाप्त करने के चक्कर में मुट्ठी भर भर कर न डाले ।
जिस तरह हम अंगुष्ठ मध्यमा और अनामिका से यज्ञ में आहुति डालते है उसी प्रकार आपको अक्षत डालना है ।
जब ये क्रिया पूर्ण हो जाये तब माँ से पुनः प्रार्थना करे । तथा दंडवत प्रणाम करे । यदि क्रिया रात्रि में की है तो अगले दिन और यदि प्रातः की है तो उसी दिन ये मटकी किसी देवी मंदिर में रख आये साथ ही कुछ दक्षिणा भी रख दे ।
प्रसाद घर के सभी सदस्य ले सकते है । लाल वस्त्र भी मंदिर में ही रख कर आना है। मंत्र :- ॥ ॐ ह्रीं अन्नपूर्णेश्वरि ह्रीं नमः ॥
ये एक दिवसीय प्रयोग आपके जीवन के कई संकट दूर कर देगा । घर से रोग दूर हो जाते है । धन आदि में वृद्धि होती है । तथा घर में रात दिन होने वाले कलह शांत हो जाते है ।
तथा माँ अन्नपूर्णा की कृपा से साधक की गृहस्थी में पूर्ण सुख लौट आता है । आवश्यकता है इसे पूर्ण विश्वास से करने की ॥