गुरुवार, 13 दिसंबर 2018

परविद्या छेदन मंत्र

परविद्या छेदन मंत्र
आज कल के समय मे लोग परविद्या अर्थात किये कराये से ज्यादा परेशान हैं एक पुरानी घटना इसका निवारण हमें दे सकती है जब सुग्रीव जी और बाली मे युद्ध चलता था तब सुग्रीव पर्वत पर रहते थे और सिद्धि करते थे उस समय श्री सुग्रीव जी को अनेक सिद्धियाँ भी प्राप्त हुईं और जब श्री राम ने लंका पर चढ़ाई की तब भी सुग्रीव जी ने इन सिद्धियों के बल पर अपनी सेना की काफी सहायता की रावण के सैनिक राक्षस थे और परविद्या मे निपुण थे ऐसे मे श्री सुग्रीव जी और हनुमान जी अपनी शक्तियों से अपनी सेना की रक्षा करते थे ऐसा ही एक मंत्र आज भी बहुत प्रचलित और उपयोग है जिसका नाम है परविद्या नाशक सुग्रीव मंत्र
अगर आप किसी भी ऐसी समस्या मे घिरे हैं जैसे धन की समस्या, काम का ना चलना, व्यापार मे हानि कोर्ट केस इत्यादि जिससे निकलने के स्थान पर उसमे और फंसते जा रहे हों तो आप समझ लीजिए कि पर विद्या है ऐसे मे
एक मुट्ठी चावल लेकर
ll ॐ सुग्रीवाय जने वह ताराय स्वाहा डाकिनी दिशा बंध पुत्र रक्षा च प्रवश्य प्रवश्य ll
मंत्र को १०८ बार पढ़कर अक्षत अपने ईष्ट और कुलदेवी का ध्यान करते हुए दक्षिण दिशा की और उछाल दें
यह परविद्या की समाप्ति का बड़ा ही बेहतर और शक्तिशाली उपाय है

गुरुवार, 8 नवंबर 2018

दरिद्रता को समूल नष्ट करने के लिये......श्रीस्वर्णाकर्षण भैरव-साधना

जय जय माँ !
दरिद्रता को समूल नष्ट करने के लिये
श्रीस्वर्णाकर्षण भैरव-साधना
श्रीभैरव के अनेक रूप व साधनाओं का वर्णन तन्त्रों में वर्णित है। उनमें से एक श्रीस्वर्णाकर्षण भैरव साधना है जो साधक को दरिद्रता से मुक्ति दिलाती है। जैसा इनका नाम है वैसा ही इनके मन्त्र का प्रभाव है। अपने भक्तों की दरिद्रता को नष्ट कर उन्हें धन-धान्य सम्पन्न बनाने के कारण ही आपका नाम ' स्वर्णाकर्षण -भैरव ' के रूप में प्रसिद्ध है।

इनकी साधना विशेष रूप से रात्रि काल में कि जाती हैं। शान्ति-पुष्टि आदि सभी कर्मों में इनकी साधना अत्यन्त सफल सिद्ध होती है। इनके मन्त्र, स्तोत्र, कवच, सहस्रनाम व यन्त्र आदि का व्यापक वर्णन तन्त्रों में मिलता है। यहाँ पर सिर्फ मन्त्र-विधान दिया जा रहा है। ताकि जन -सामान्य लाभान्वित हो सके।
प्रारंभिक पूजा विधान पूर्ण करने के बाद --
#विनियोग-
ऊँ अस्य श्रीस्वर्णाकर्षण-भैरव मन्त्रस्य श्रीब्रह्मा ॠषिः, पंक्तिश्छन्दः, हरि-हर ब्रह्मात्मक श्रीस्वर्णाकर्षण-भैरवो देवता, ह्रीं बीजं, ह्रीं शक्तिः, ऊँ कीलकं, श्रीस्वर्णाकर्षण-भैरव प्रसन्नता प्राप्तये, स्वर्ण-राशि प्राप्तये श्रीस्वर्णाकर्षण-भैरव मन्त्र जपे विनियोगः।
#ॠष्यादिन्यास
ऊँ ब्रह्मा-ॠषये नमः-----शिरसि।
ऊँ पंक्तिश्छन्दसे नमः----मुखे।
ऊँ हरि-हर ब्रह्मात्मक स्वर्णाकर्षण-
भैरव देवतायै नमः ---ह्रदये।
ऊँ ह्रीं बीजाय नमः-------गुह्ये।
ऊँ ह्रीं शक्तये नमः--------पादयोः।
ऊँ ऊँ बीजाय नमः-------नाभौ।
ऊँ विनियोगाय नमः------सर्वाङ्गे।
#करन्यास-
ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं ऐं श्रीं आपदुद्धारणाय----अंगुष्टाभ्यां नमः। ::
ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रूं अजामल-बद्धाय --------तर्जनीभ्यां नमः।
ऊँ लोकेश्वराय----------------------मध्यमाभ्यां नमः।
ऊँ स्वर्णाकर्षण-भैरवाय नमः--------अनामिकाभ्यां नमः।
ऊँ मम दारिद्र्य-विद्वेषणाय-----------कनिष्ठिकाभ्यां नमः।
ऊँ महा-भैरवाय नमः श्रीं ह्रीं ऐं--------करतल-कर पृष्ठाभ्यां नमः।
#ह्रदयादिन्यासः-
ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं ऐं श्रीं आपदुद्धारणाय----ह्रदयाय नमः।
ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रूं अजामल-बद्धाय---------शिरसे स्वाहा।
ऊँ लोकेश्वराय-----------------------शिखायै वषट्।
ऊँ स्वर्णाकर्षण-भैरवाय -------------कवचाय हुम्।
ऊँ मम दारिद्र्य-विद्वेषणाय----------नेत्र-त्रयाय वौषट्।
ऊँ महा-भैरवाय नमः श्रीं ह्रीं ऐं -------अस्त्राय फट्।
#ध्यान-
पारिजात-द्रु-कान्तारे ,स्थिते माणिक्य-मण्डपे।
सिंहासन-गतं ध्यायेद्, भैरवं स्वर्ण - दायिनं।।
गाङ्गेय-पात्रं डमरुं त्रिशूलं ,वरं करैः सन्दधतं त्रिनेत्रम्।
देव्या युतं तप्त-सुवर्ण-वर्णं, स्वर्णाकृतिं भैरवमाश्रयामि।।
ध्यान करने के बाद पञ्चोपचार पूजन करले ।
#मन्त्र-
ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं ऐं श्रीं आपदुद्धारणा ह्रां ह्रीं ह्रूं अजामल-बद्धाय लोकेश्वराय स्वर्णाकर्षण-भैरवाय मम दारिद्र्य-विद्वेषणाय महा-भैरवाय नमः श्रीं ह्रीं ऐं।
जप संख्या व हवन - एक लाख जप करने से उपरोक्त मन्त्र का पुरश्चरण होता है और खीर से दशांश हवन करने तथा दशांश तर्पण और तर्पण का दशांश मार्जन व मार्जन का दशांश ब्राह्मण भोजन करने से यह अनुष्ठान पूर्ण होता है।
पुरश्चरण के बाद तीन या पाँच माला प्रतिदिन करने से एक वर्ष में दरिद्रता का निवारण हो जाता है। साथ ही उचित कर्म भी आवश्यक है।

साधना करने से पूर्व किसी योग्य विद्वान से परामर्श जरूर प्राप्त करले।

आज दिपावली पर पाठ जप करके आप जीवन मे परिवर्तन ला सकते हैं ।

सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
मुझे प्रतिदिन लोग पूछते हैं उनके व्यवसाय नोकरी कारोबार में उन्हें काफी अड़चनों का सामना करना पड़ता हैं किसी को रोजगार नही मिल रहा तो में उनकी इस प्रकार की समस्या को लेकर एक  रिसर्च किया और आप तक कुछ  मंत्रो को ला रहा हूँ जिसका आज दिपावली पर पाठ जप करके आप जीवन मे परिवर्तन ला सकते हैं ।
जो बताया जा रहा पूर्ण श्रद्धा से करे। ॐ जगन्माते नमः श्री कमलायै नमः
मंत्र :
1. ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः।
2. श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये।
3. श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा ।
4. ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः।
5. ॐ श्रीं श्रियै नमः।
6. ॐ ह्री श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा ।
7. धन लाभ एवं समृद्धि मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ ।
8. अक्षय धन प्राप्ति मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ॐ ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौं ऐं क्लीं ह्रीं श्री ॐ ।
इस मंत्र की शक्ति से ही कुबेर धनाधिपति बने ।
यह 8 मंत्र है आपकी समस्या के अनुसार
मेष,वृश्चिक राशि के लोग मंत्र 3 की 5 माला करे ।
वृषभ, तुला राशि के लोग मंत्र 4 की 5 माला करे।
मिथुन,कन्या के लोग मंत्र 5 की 9 माला जपे।
कर्क, सिंह राशि के लोग मंत्र 6 की 7 माला करे ।
धनु,मीन राशि के लोग मंत्र 7 की 9 माला करे।
मकर,कुम्भ राशि के लोग मंत्र 8 की 11 माला करे
1,2 मंत्र में से कोई भी सभी को 1 माला जरूरी हैं ।