बुधवार, 25 सितंबर 2013

शीघ्र नौकरी पाने का सरल उपाए:

आज के समय में नौकरी प्राप्त करना किसी युद्ध में विजय होने से कम नहीं है, यदि व्यक्ति अशिक्षित हो और घर पर खाली बैठा हो तो एक बार को समझ में आ सकता है पर बड़ी बड़ी डिग्रियां हासिल करने के बाद भी हजारों युवा आज घर पर खाली हाथ बैठे हैं। अनपढ़ व्यक्ति तो मेहनत मजदूरी कर लेता है, रिक्शा चला लेता है पर पढ़ा लिखा डिग्री के दंभ में खाली रह जाता है।

बेरोजगारों की तादात आज इतनी है कि कहीं भी इंटरव्यू देने जाइये ५० आदमी आपसे पहले लाइन में खड़े होते हैं, अच्छी डिग्री होने के बावजूद मनपसंद नौकरी या आराम से बैठ कर की जाने वाली नौकरी या अच्छी कमाई वाली नौकरी तो बहुत दूर की बात है, अपना जेब खर्च चलाने लायक नौकरी भी नहीं मिल पाती, ऊपर से पास पड़ोस में रहने वालों के ताने, रिश्तेदारों के द्वारा बार बार पूछा जाना "अभी तक नौकरी नहीं लगी ? घर पे खाली बैठे हो?" सबसे बढ़कर चोट तब लगती है जब अपने ही माँ बाप कहने लगें की "घर पे बैठे बैठे रोटियां तोड़ता रहता है, चवन्नी भी कमाने लायक नहीं है, नाकारा" जी करता है की आत्महत्या कर लें या कहीं भाग जाएँ। नौकरी नहीं होती तो इज्ज़त भी मिलना बंद हो जाती है और शादी तो दूर का सपना होती है।

आज आपको एक ऐसा सरल उपाए बताने जा रहा हूँ जिसके प्रयोग से आजीविका का साधन सरलता से प्राप्त हो जाता है।

इसके लिए सबसे पहले किसी ज्योतिषी या विद्वान पंडित जी से मिलकर अपनी जन्म कुंडली में चन्द्रमा की स्थिति का पताकर लेना चाहिए क्यूंकि ये उपाए उन लोगों को अति शीघ्र लाभ पहुंचाएगा यानि रोजगार दिलवाएगा जिनका चन्द्रमा बली हो और शुभ फल दे रहा हो या शुभ फल देने में सक्षम हो। यदि आपकी जन्म कुंडली में चन्द्रमा बली है और शुभफलप्रद है तो सबसे पहले किसी ऐसे पीपल के पेड़ की खोज करें जिस पर बाँदा उगा हुआ हो अर्थात ऐसा पीपल का पेड़ जिसके ऊपर कोई अन्य पेड़ उगा हो, जो की बहुत ही सामान्य है और आपको पीपल पर बरगद, पाकड़ या जामुन जैसे वृक्ष आसानी से उगे हुए मिल जायेंगे।
जब कोई ऐसा बाँदा युक्त या बाँदा धारी पीपल का पेड़ आपको मिल जाये तो स्वयं पंचांग की मदद से या पंडित जी से पूछ कर शुक्ल पक्ष के किसी ऐसे शनिवार के दिन का चयन करें जिस दिन चतुर्थी, नवमी या चतुर्दशी तिथि पड़ रही रही हो। जब दिन का चयन कर लें तो उक्त तिथि से एक दिन पूर्व यानि शुक्रवार की सायंकाल उक्त पीपल के बांदे को विधि पूर्वक निमंत्रण दे आयें (जिसकी विधि आप मेरीपुरानी पोस्ट 'रत्न जड़ी धारण विधि') से प्राप्त कर सकते हैं और फिर शनिवार को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान अदि कर स्वच्छ हो पुनः पूजन कर उक्त बन्दे को अपने घर ले आयें।

फिर उसी दिन प्रातः काल में या यदि उस दिन संभव न हो तो किसी अन्य शनिवार को जब फिर दिन और तिथि का यही योग बन रहा हो तो पीपल के इस बांदे को देवता की प्रतिमा मानकर इसे गंगाजल से स्नान कराएँ, इसकी पंचोपचार पूजा करें धुप दीप करें और निम्न मंत्र की रक्त चन्दन या रुद्राक्ष की माला से पञ्च माला जप करें:

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्रीँ महाल्क्ष्मये सर्व सौभाग्य दायिनी नमोस्तुते।

तत् पश्चात् रुद्राक्ष की माला से निम्न मंत्र की तीन माला जप करें

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्नैश्चराये नमः।

और फिर उक्त बांदे के टुकड़े को किसी चाँदी के ताबीज़ में भरकर फिर उसे लाल कपडे में सिलकर गले या दाहिनी भुजा में धारण करें।

ईश्वर की कृपा से उक्त प्रयोग करके आपको अतिशीघ्र नौकरी प्राप्त होगी, मैंने अब तक जिन जिन लोगों को ये बना कर दिया श्री राम जी की कृपा से उन सब को इसे धारण करने के ७ सप्ताह के भीतर ही रोजगार प्राप्त हो गया। एक और बात की जब कोई नौकरी आये तो उसे स्वीकार कर लें चाहे वेतन कम ही हो बाकि अच्छे वेतन वाली नौकरी हेतु प्रयासरत रहें। ताबीज़ पहने रहें, माता महालक्ष्मी जी की कृपा से आगे के मार्ग स्वयं प्रशस्त होते रहेंगे।

जिन लोगों का चन्द्रमा बली न हो अथवा उच्च या नीच का हो और शुभ फल न दे रहा हो, वे किसी अच्छे ज्योतिषी या पंडित जी से मिलकर उसका उपचार करें और तत् पश्चात उक्त प्रयोग करें।

धन्यवाद्

।।जय श्री राम।।

सोमवार, 23 सितंबर 2013

पितृ शांति साधना

यह साधना किसी भी पूर्णिमा अथवा अमावस्या को करे या शनिवार को भी की जा सकती है.

समय शाम का होगा सूर्यास्त के समय करे.

दिशा पूर्व हो.पीले वस्त्र धारण करे आसन पिला हो.सामने बजोट पर पिला कपडा बिछाये 

और उस पर गुरु चित्र स्थापित कर सामान्य पूजन करे फिर वही सामने एक शकर की ढ़ेरी बनाये,एक
 
सफ़ेद तिल की बनाये और एक कटोरी में थोडा घी भी रखे.एक नारियल का गोला भी रखे.

अब ३० 
दिन तक बिना माला के 

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

मंत्र का जाप करे.फिर ३ माला गायत्री मंत्र की करे.अब गोले को थोडा सा काटकर उसमे ये तील,शकर और 

घी भर दे और गोले को फिर से बंद कर दे.ऊपर पुनः नारियल का जो गोला काटा था उससे ही बंद करे और 

आस पास गिले आटा लगा दे ताकि गोला खुले नहीं और इस गोले को जाकर किसी पीपल वृक्ष के निचे गाड

 दे और बिना पीछे मुड़े घर आ जाये.जाप के बाद सारे जाप पितरो को समर्पित कर दे.इस साधना से पित्र 

तृप्त होते है और साधक को आशीर्वाद देते है.
ब्रह्मानंदम  परमसुखदं केवलं ज्ञानमुर्तिम ।  द्वान्दातीतम गगन सदृशम तत्वमास्यादी लक्ष्यम ।  एकं नित्यं विमलं अचलं सर्व धिः साक्षीभूतम । भावातीतम त्रिगुण रहितम सद्गुरुम  तं नमामि ।