सोमवार, 13 जनवरी 2014

साबर मोहनी जाल



साबर तंत्र में इस साधना को मोहनी जाल के नाम से जाना जाता है | इसका प्रयोग कभी विफल नहीं जाता !इस से जहाँ अपने उच्च अधिकारी को अपने अनुकूल बना सकते है | वही अपने आस पास के वातावरण को अपने विरोध होने से रोक सकते है | अपनी झगड़ालू पत्नी जा पति को भी अपने वश में कर उसे अनुकूलता दे सकते है | कई लोग इस प्रयोग का गलत इस्तेमाल कर लेते है | उन्हें जही कहता हू कोई भी ऐसा कार्य ना करे जो समाजिक दृष्टि से अनुकूल ना हो | सिर्फ आवश्कता पड़ने पर ही यह प्रयोग करे मुझे कई सवाल आये वशिकर्ण वारे पर मैं ज्यादा करके टाल देता हू | जहा भी यह प्रयोग जिज्ञाशा के लिए दे रहा हू | इस
लिए इसे सद्कार्य हेतु इस्तेमाल करे नहीं तो शक्ति कई वार विपरीत स्थिति भी पैदा कर देती है | मैंने
काफी समय पहले साबर शिव तंत्र पड़ा था | उस में यह प्रयोग दिया था | इसे अनुभूत किया यह घर से भी साध्य व्यक्ति को भी बुला लेता है | ऐसा परखा हुआ है | मोहनी जाळ फेकना आसन है, मगर उठाना उतना ही मुश्किल इस लिए इसे इस्तेमाल करने से पहले पुनः सोच विचार कर ले | इस का प्रयोग
अति शक्तिशाली है | इस से अपने प्रतिबंधिओ को अपने अनुकूल कर मन चाहा कार्य संपन करा सकते है | यह
प्रयोग पहली वार आपके समक्ष ला रहा हू |

साधना विधि --
१. इसे लाल वस्त्र धारण कर करना चाहिए |
२. आसन कुषा का जा कबल का ले सकते है |
३. दिशा उतर रहेगी |
४. मन्त्र जाप पाँच माला करना है | इस के लिए लाल चन्दन जा कुंकुम की माला जा काले हकीक की माला इस्तेमाल कर सकते है |
५ तेल का दीपक साधना काल में जलता रहेगा जब तक आप मन्त्र जाप करते है | दीपक में तिल का तेल इस्तेमाल करे तो जयादा उचित है |
६. सोलह किस्म का सिंगार ले आये उसे वेजोट पे लाल वस्त्र विछा के उस पर रख दे और सात किस्म की मिठाई भी रख दे इस के इलावा छोटी इलाची और एक शीशी इतर पास रखे और एक मीठा पान का बीड़ा रख
दे |
७. साधना के बाद छोटी इलाची और इतर को छोड़ कर शेष समग्री किसी निर्जन स्थान पे उसी लाल वस्त्र में बांध कर छोड़ दे अथवा नदी में प्रवाहित करदे |
८. वशीकरन के लिए एक इलाची ७ वार यह मन्त्र पढ़ किसी को खिला दे |
९. जब आप किसी अधिकारी से मिलने जा रहे हो जो आपका कार्य नहीं कर रहा तो थोरा इतर लगा के चले जाये वोह आपकी बात जरुर सुनेगा |
१०. इसे २१ दिन करना है और मन शुद रखे |
११. सारी समग्री लाल वस्त्र पे रख के उस में तेल का दिया किसी पात्र में रख कर लगा दे और मन्त्र जाप शुरू करने से पहले गणेश पूजन गुरु पूजन और श्री भैरव पूजन अनिवर्य है |
१२. उस दिये पे एक मिटी के पात्र पर थोरा घी लगा के दिये से थोरा उचा रख सकते है | काजल उतरने के लिए !उस काजल से तीव्र संमोहन होता है | उसे आँखों में लगा के जिसे भी देखेगे समोहित हो जायेगा ! साधना करते वक़्त ख्याल रखे कई वार मोहिनी भयानक रूप में साहमने आ जाती है | जिस के काले वस्त्र होते है और रंग
काला होता है | होठो पे ढेर सारी सुर्खी लगी होती है | आंखे बिजली की तरह चमक रही होती है | ऐसी हालत में डरे न नहीं तो मेहनत बेकार हो जाती है | और ना ही उसकी आंखो में देखने का प्रयत्न करे नहीं तो आप समोहित हो जाएगे और साधना रुक जाएगी बहुत धार्य से काम ले जब तक वोह वर मांगने को न कहे तब तक बोले न सिर्फ अपने मंत्र जप पे ध्यान दे | जब आपका बचन हो जाए तो उसे कहे के जब भी मैं आपको याद कर इस मंत्र का जप कर जिसे समोहित करना चाहु कर सकु आप ऐसा वर दे इस से समोहन की शक्ति आपको दे देगी उसे सिंगार मिठाई पान आदि प्रदान करे वोह खुश हो कर आपको सकल स्मोहन का बचन दे देगी अगर ऐसा न भी हो तो भी मंत्र सिद्ध हो जाता है और कार्य करने लगता है | ऐसा सिर्फ इस लिए लिखा है के मेरा ऐसा अनुभव है | जो मैं समझता हु किसी के साथ भी ऐसा हो सकता है | पर अक्सर मंत्र सिद्ध हो जाता है और कार्य
करने लगता है | साधना के बाद आप इसके प्रयोग की पुष्टि कर सकते है | भूल कर भी गलत कार्यओ में इसका इस्तेमाल न करे इस का कई वार विपरीत परिणाम भी भुगतना पै सकता है |

साबर मंत्र
मोहिनी मोहिनी मैं करा मोहिनी मेरा नाम | राजा मोहा प्रजा मोहा मोहा शहर ग्राम ||
त्रिंजन बैठी नार मोहा चोंके बैठी को | स्तर बहतर जिस गली मैं जावा सौ मित्र सौ वैरी को ||
वाजे मन्त्र फुरे वाचा | देखा महा मोहिनी तेरे इल्म का तमाशा ||

शनिवार, 11 जनवरी 2014

मनोकामना पूर्ति का एक सरल प्रयोग:



आपके और हमारे मन में हर समय कोई न कोई मनोकामना जरुर होती है और मनोकामना पूर्ण होने पर हमें अत्यंत प्रसन्नता होती है । हर मानव मन चाहता है की उसकी मनोकामना पूर्ण हो । कोई  चमत्कार हो जाए जिससे उसकी कामना पूर्ण हो जाये । कुछ लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण भी हो जाती हैं । लेकिन हर व्यक्ति के साथ चमत्कार नहीं हो सकता । लेकिन तंत्र में कई गुप्त क्रियाएं,  मंत्र, साधनायें और विधान हैं जिनकी सहायता से आप अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकते हैं और हर व्यक्ति अपने जीवन में चमत्कार जैसे शब्दों का प्रयोग कर सकता है । तो आपके जीवन में चमत्कारिक परिवर्तन लाने के लिए एक ऐसी ही साधना जिसे
आप पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ करें और लाभ उठाएं ।
आप एक नारियल लेकर (जो की जटा से युक्त हो) उसे सिंदूर मे तिल का तेल मिलकर और गीला कर उस से पूरा रंग दें और अपने मन की कामना पूरी होने की प्रार्थना माँ भगवती जगदम्बा से करें और निम्न मंत्र का 15 मिनट तक उतनी ही जोर से उच्चारण करें, जितने मे आपको ही सुनाई दे । किसी और को नहीं ।
मंत्र :- ॥ ॐ ईं ह्रीं कं ह्रीं ईं ॐ ॥
ये क्रम आपको 7 दिन तक करना है । याद रहे नारियल सिर्फ पहले दिन ही स्थापित करना है । अंतिम दिन क्रिया पूरी होने के बाद
नारियल को किसी नदी या तालाब मे विसर्जित कर दें और किसी बच्ची को जो घर से सम्बंधित ना हो उसे कुछ मिठाई और धन दे दें ।
ये क्रिया असाध्य कामना भी सहज सिद्ध कर देती है । आवशयकता है मात्र पूर्ण विश्वास की । प्रयोग करें और अपने अनुभव बताएं ॥

बुधवार, 8 जनवरी 2014

महाकाल भैरव महा मंत्र

महाकाल भैरव महा मंत्र

साधक मित्रो मैं आज आपको एक ऐसा मन्त्र दे रहा हूँ ..जिसके सिद्ध करने के बाद असफल कुछ भी नहीं रहता ..साधक मित्रो ये एक ऐसा मंत्र है इसे सिद्ध करने के बाद कुछ भी नहीं शेष रहता ....बस आवशकता है तो कठिन अभ्यास और एकाग्रता और दृढ़ इच्छाशक्ति के साधना की ....इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए आप का दैनिक व्यवहार सात्विक न किसी को गलत बोलना न गलत सुन्ना .और विषय भोग का त्याग ..कुछ ही दिनों में आपको पता चल जायेगा क्या परिवर्तन हो रहा है ...! ये सर्व कार्य सिद्धि मंत्र है ..( ये देहात भाषा में साबर मंत्र है इसके व्याकरण को बदलने का प्रयास न करे ) ये मूल भाषा में ही मंत्र है ..!
महाकाल भैरव अमोघ मंत्र माला मंत्र:-
ॐ गुरूजी काला भैरू कपिला केश ,काना मदरा भगवा भेस मार मार काली पुत्र बरह कोस की मार भूता हाथ कलेजी खुहां गेडिया जहाँ जाऊं भेरुं साथ ,बारह कोस की सिद्धि ल्यावो , चौबीस कोस की सिद्धि ल्यावो सूती होय तो जगाय ल्यावो बैठा होय तो उंय ल्यावो अनंत
केसर की भारी ल्यावो गौरा पारवती की बिछिया ल्यावो गेल्यां किरस्तान मोह कुवे की पनिहारी मोह बैठा मनिया मोह घर की बैठी बनियानी मोह ,राजा की रजवाड मोह ,महिला बैठी रानी मोह , डाकिनी को शाकिनी को भूतनी को पलितनी को ओपरी को पराई को ,लाग कूं लापत कूं ,धूम कूं , धक्का कूं ,पलिया कूं ,चौड कूं चौगट कूं ,काचा कुण ,कालवा कूं भूत कूं पालित कूं जिन कूं , राक्षस कूं ,बैरियो से बरी करदे ,नजरा जड़ दे ताला ..इत्ता भैरव नहीं करे तो ..पिता महादेव की जाता तोड़ तागड़ी करे माता पार्वती का चीर फाड़ लंगोट करे ..चल डाकिनी शाकिनी ..चौडूं मैला बकरा देस्युं मद की धार भरी सभा में द्यूं आने में कहाँ लगाईं बार ,खप्पर में खाय मसान में लोटे ऐसे काल भेरू की कुन पूजा मेंटे राजा मेंटे राज से जाय प्रजा मेंटे दूध पूत से जाये जोगी मेंटे ध्यान से जाये ..शब्द
साँचा ब्रम्ह वाचा चलो मन्त्र इश्वरो वाचा ...!

विधि :- इस मन्त्र की साधना शुरू करने से पहले इकत्तीस दिन पहले ब्रम्ह चर्य का पालन और सात्विकता बरते फिर अनुष्टान का प्रारंभ करे ..इस साधना को घर में न करे ..ये साधना रात्रि कालीन साधना है ..इसे कृष्ण पक्ष के शनिवार से आरंभ करनी है ..एक त्रिकोनी काला पत्थर ले कर उसे स्वच्छ पानी से धोकर उस पर सिन्दूर और तील के तेल से लेपन कर ले ..पश्चात् पान का बीड़ा , लेवे , सात लॉन्ग का जोड़ा धर ..लोबान धुप और सरसों के तेल का दिया जल लेवे चमेली के फूल रख लेवे पूजा के समय ...फिर एक
श्रीफल की बलि देकर ...गुरुपूजन करके गणेश पूजन कर .बाबा महाकाल यानि ( महादेव से मंत्र सिद्धि के लिए आशीर्वाद मांगे ) और अनुष्ठान आरम्भ करे ..इकतालीस दिनों तक नित्य इकतालीस पाठ इस मंत्र की करे .....हर रॊज जप समाप्ति पर एक विशेष  सामग्री से हवंन करले ये हवंन रोज मन्त्र समाप्ति के बाद करना है . .( सामग्री है कपूर केशर लवंग ) प्रथम दिन और अंतिम दिन भोग के लिए ..उड़द के पकोड़े और बेसन के लड्डू भोग में रख लेवे ..दूध और थोडा सा गुड भी रख लेवे ..इनका प्रशाद गरीबो में
बाट देवे ....सातवे दिन से ही आपको अनुभव होने लगेगा की आप के सामने कोई खड़ा है .....भैरवजी का रूप डरावना है इसलिए सावधान ..कम्जोर दिल वाले इस साधना को न करे ..अंतिम दिन भैरवजी प्रगट हो जायेंगे ...उनसे फिर आप मनचाहा .वर मांगले ..
(कृपया कोई कबच अनिवार्य सिद्ध करके हि साधनामे बैठियगा और गुरुजि का निर्देशन आबश्यक है)