शनिवार, 18 जनवरी 2014

सिद्ध वशीकरण मन्त्र

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१॰ “बारा राखौ, बरैनी, मूँह म राखौं कालिका। चण्डी म राखौं मोहिनी, भुजा म राखौं जोहनी। आगू म राखौं सिलेमान, पाछे म राखौं जमादार। जाँघे म राखौं लोहा के झार, पिण्डरी म राखौं सोखन वीर। उल्टन काया, पुल्टन वीर, हाँक देत हनुमन्ता छुटे। राजा राम के परे दोहाई, हनुमान के पीड़ा चौकी। कीर करे बीट बिरा करे, मोहिनी-जोहिनी सातों बहिनी। मोह देबे जोह देबे, चलत म परिहारिन मोहों। मोहों बन के हाथी, बत्तीस मन्दिर के दरबार मोहों। हाँक परे भिरहा मोहिनी के जाय, चेत सम्हार के। सत गुरु साहेब।”

विधि- उक्त मन्त्र स्वयं सिद्ध है तथा एक सज्जन के द्वारा अनुभूत बतलाया गया है। फिर भी शुभ समय में १०८ बार जपने से विशेष फलदायी होता है। नारियल, नींबू, अगर-बत्ती, सिन्दूर और गुड़ का भोग लगाकर १०८ बार मन्त्र जपे।
मन्त्र का प्रयोग कोर्ट-कचहरी, मुकदमा-विवाद, आपसी कलह, शत्रु-वशीकरण, नौकरी-इण्टरव्यू, उच्च अधीकारियों से सम्पर्क करते समय करे। उक्त मन्त्र को पढ़ते हुए इस प्रकार जाँए कि मन्त्र की समाप्ति ठीक इच्छित व्यक्ति के सामने हो।

शत्रु शमन के लिए

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साबुत उड़द की काली दाल के 38 और
चावल के 40 दाने मिलाकर
किसी गड्ढे में दबा दें और ऊपर से नीबू
निचोड़ दें । नीबू निचोड़ते
समय शत्रु का नाम लेते रहें, उसका शमन
होगा और वह आपके
विरुद्ध कोई कदमनहींउठाएगा ।

सभी रोगो का १०० प्रती सत इलाज

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सभी रोगो का १०० प्रती सत इलाज रोग चाहे कैसा भी हो :::::: मंगल वार के दिन गाय के बछड़े को घर लाए उसको तीलक करे और मोली बांधे दीपक जलाकर आरती कर और पाँव छुए गुड व रोटी खिलाए और उससे परारथना करे की हे नदीशवर मे आपकी सरण मे हु आप मुझे ठीक करे आप उसकी दिन भर खुब सेवा करे २१ दिन तक सेवा करे गुड रोटी हरी घास दाना कचरा खुब खिलावे और २१ दिन केवल गाय का दुध ही खुद पीवे व छोटी बछडी का गौ मुत्र दिन मे ३बार पीए आप हर प्रकार के रोग से मुकत हो जांएगे धयान रहे बछडा घर की गाय का ना हो बाहर से पकड के लावे बछडा बीमार या कमजोर मील जाए तो जादा ठीक रहेगा जय गौ माता