शनिवार, 20 जून 2015

सनातन धर्म में भेद भाव वर्जित है इसे समझ ले

देखिये भाइयो  जब से ये केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आई है भाजपा के कुछ छदम लोग  फेसबुक पर , ट्विटर पर, आज धर्म के नाम पर, घर वापसी के नाम पर दोनों मजहबो के लोगो के बीच में नफ़रत के बीज बो रहे है जो की अच्छी बात नहीं है । पहले ये समझ ले की हमारा धर्म सनातन है सनातन मतलब जो की अनंत काल से चला आ  रहा हो । ये बाद में कुछ मुस्लिम आक्रांताओ ने सिंधु नदी के इस पार  सिंधु और उस  पार  हिन्दू नाम दिया जो की हम ढो रहे है खैर  चाहे कोई हिन्दू हो या मुस्लिम या ईसाई या अन्य कोई सभी इसी देश में रहते है तो  हमारा कर्तव्य है की हम सबसे मिलजुल कर रहे और सबसे प्रेम करे । हमारे सनातन धर्म में भेद भाव वर्जित है इसे समझ ले । हमारे यहाँ तो "वसुधैव कुटुंबकम " अर्थात पूरी वसुधा ही एक कुटुंब है अर्थात पूरी पृथ्वी ही एक परिवार है तो क्या परिवार में एक दूसरे से नफ़रत की जाती है ? क्या कोई अपने ही भाई से घृणा करता है नहीं ! कभी नहीं ! हमारे धर्म में " वासुदेव सर्वम " या " सियाराम मय सब जग जानी । करउ प्रनाम जोरि जुग पानी ॥ " कहा गया है । 

तो मेरा कहने का तात्पर्य यही है की सबसे प्रेम करे और जाति , धर्म, रहन-सहन के आधार पर  भेद भाव ना करें, जैसा की भाजपा के कुछ लोग सोशल मिडिया पर नफ़रत भरे सन्देश एक दूसरे को भेज रहे है । हमारे धर्म ने सभी को अपनाया है चाहे वो कोई भी हो और चाहे वो कैसा भी हो क्योंकि हमारा प्रभु सबमे निवास करता है इसीलिए किसी से भी नफ़रत न करे । 

दूसरे से नफ़रत करके आप उस दूसरे का तो कुछ नहीं कर पाएंगे पर अपने जीवन में जहर जरूर घोल लेंगे इसीलिए हमेशा प्रेम में जिए और प्रेम ही बाटे  । जय श्री कृष्णा ॥ 

सनातन धर्म में भेद भाव वर्जित है इसे समझ ले

देखिये भाइयो  जब से ये केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आई है भाजपा के कुछ छदम लोग  फेसबुक पर , ट्विटर पर, आज धर्म के नाम पर, घर वापसी के नाम पर दोनों मजहबो के लोगो के बीच में नफ़रत के बीज बो रहे है जो की अच्छी बात नहीं है । पहले ये समझ ले की हमारा धर्म सनातन है सनातन मतलब जो की अनंत काल से चला आ  रहा हो । ये बाद में कुछ मुस्लिम आक्रांताओ ने सिंधु नदी के इस पार  सिंधु और उस  पार  हिन्दू नाम दिया जो की हम ढो रहे है खैर  चाहे कोई हिन्दू हो या मुस्लिम या ईसाई या अन्य कोई सभी इसी देश में रहते है तो  हमारा कर्तव्य है की हम सबसे मिलजुल कर रहे और सबसे प्रेम करे । हमारे सनातन धर्म में भेद भाव वर्जित है इसे समझ ले । हमारे यहाँ तो "वसुधैव कुटुंबकम " अर्थात पूरी वसुधा ही एक कुटुंब है अर्थात पूरी पृथ्वी ही एक परिवार है तो क्या परिवार में एक दूसरे से नफ़रत की जाती है ? क्या कोई अपने ही भाई से घृणा करता है नहीं ! कभी नहीं ! हमारे धर्म में " वासुदेव सर्वम " या " सियाराम मय सब जग जानी । करउ प्रनाम जोरि जुग पानी ॥ " कहा गया है । 

तो मेरा कहने का तात्पर्य यही है की सबसे प्रेम करे और जाति , धर्म, रहन-सहन के आधार पर  भेद भाव ना करें, जैसा की भाजपा के कुछ लोग सोशल मिडिया पर नफ़रत भरे सन्देश एक दूसरे को भेज रहे है । हमारे धर्म ने सभी को अपनाया है चाहे वो कोई भी हो और चाहे वो कैसा भी हो क्योंकि हमारा प्रभु सबमे निवास करता है इसीलिए किसी से भी नफ़रत न करे । 

दूसरे से नफ़रत करके आप उस दूसरे का तो कुछ नहीं कर पाएंगे पर अपने जीवन में जहर जरूर घोल लेंगे इसीलिए हमेशा प्रेम में जिए और प्रेम ही बाटे  । जय श्री कृष्णा ॥ 

शुक्रवार, 19 जून 2015

संतान सुख की प्राप्ति में विलम्ब या बाधा

जन्म कुंडली का संतान भाव निर्बल एवम पीड़ित होने से संतान सुख की प्राप्ति में विलम्ब या बाधा हो तो 
निम्नलिखित शास्त्रोक्त उपायों में से किसी एक या दो उपायों को श्रद्धा पूर्वक करें | आपकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी |
1. संकल्प पूर्वक शुक्ल पक्ष से गुरूवार के १६ नमक रहित मीठे व्रत रखें | केले की पूजा करें तथा ब्राह्मण 
बटुक को भोजन करा कर यथा योग्य दक्षिणा दें | १६ व्रतों के बाद उद्यापन कराएं | ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं गुरुवे नमः 
का जाप करें |

2. पुरुष दायें हाथ की तथा स्त्री बाएं हाथ की तर्जनी में गुरु रत्न पुखराज स्वर्ण में विधिवत धारण करें |
3. यजुर्वेद के मन्त्र दधि क्राणों ( २३/३२) से हवन कराएं |
4. अथर्व वेद के मन्त्र अयं ते योनि ( ३/२०/१) से जाप व हवन कराएं |

5. जन्म कुंडली का संतान भाव निर्बल सूर्य से पीड़ित होने के कारण संतान सुख की प्राप्ति में विलम्ब या 
बाधा हो तो हरिवंश पुराण का विधिवत श्रवण करके उसे दान करें |
जन्म कुंडली का संतान भाव निर्बल चन्द्र से पीड़ित होने के कारण संतान सुख की प्राप्ति में विलम्ब या बाधा 
हो तो रामेश्वर तीर्थ में स्नान करें ,एक लक्ष गायत्री मन्त्र का जाप कराएं तथा चांदी के पात्र में दूध भर कर दान 
दें |
जन्म कुंडली का संतान भाव निर्बल मंगल से पीड़ित होने के कारण संतान सुख की प्राप्ति में विलम्ब या बाधा 
हो तो भूमि दान करें ,प्रदोष व्रत करें |
जन्म कुंडली का संतान भाव निर्बल बुध से पीड़ित होने के कारण संतान सुख की प्राप्ति में विलम्ब या बाधा 
हो तो विष्णु सहस्रनाम का जाप करें |
जन्म कुंडली का संतान भाव निर्बल गुरु से पीड़ित होने के कारण संतान सुख की प्राप्ति में विलम्ब या बाधा हो 
तो गुरूवार को फलदार वृक्ष लगवाएं ,ब्राह्मण को स्वर्ण तथा वस्त्र का दान दें |
जन्म कुंडली का संतान भाव निर्बल शुक्र से पीड़ित होने के कारण संतान सुख की प्राप्ति में विलम्ब या बाधा 
हो तो गौ दान करें , आभूषणों से सज्जित लक्ष्मी -नारायण की मूर्ति दान करें |
जन्म कुंडली का संतान भाव निर्बल शनि से पीड़ित होने के कारण संतान सुख की प्राप्ति में विलम्ब या बाधा 
हो तो पीपल का वृक्ष लगाएं तथा उसकी पूजा करें ,रुद्राभिषेक करें और ब्रह्मा की मूर्ति दान करें |
6. संतान गोपाल स्तोत्र
ॐ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते
देहि में तनयं कृष्ण त्वामहम शरणम गतः |
उपरोक्त मन्त्र की १००० संख्या का जाप प्रतिदिन १०० दिन तक करें | तत्पश्चात १०००० मन्त्रों से हवन,
१००० से तर्पण ,१०० से मार्जन तथा १० ब्राह्मणों को भोजन कराएं |
7.संतान गणपति स्तोत्र

श्री गणपति की दूर्वा से पूजा करें तथा उपरोक्त स्तोत्र का प्रति दिन ११ या २१ की संख्या में पाठ करें |