मंगलवार, 11 अक्तूबर 2016

ब्राह्मणों को ही गायत्री संध्या अनिवार्य है | क्यों ?

ब्राह्मणों को ही गायत्री संध्या अनिवार्य क्यों है ?

इसलिए क्योंकि ब्रह्म गायत्री की संध्या त्रिकाल करने से ब्राह्मणों के सभी कष्ट निवारण होते है । उनकी सभी मनोकामनाये भी गायत्री मंत्र के प्रभाव से पूर्ण हो जाती हैं । गायत्री मंत्र ब्राह्मण को आसानी से अपना प्रभाव देने लगता है और सिद्ध हो जाता है । अतः सभी ब्राह्मण बंधू इस कामधेनु रूपी ब्रह्म गायत्री की त्रिकाल संध्या अवश्य करे । अगर त्रिकाल न कर सके तो द्विकाल अर्थात दो समय तो अवश्य करे और चमत्कार देखे । 

विशेष :- गायत्री मंत्र को पद विभाजन करके ही जपना चाहिए जो पद विभाजन नहीं करते उन्हें दोष लगता है । शापविमोचन,  विनियोग, पूर्ण न्यास, प्राणायाम ,ध्यान, मुद्रा प्रदर्शन सहित ही गायत्री जपने से सम्पूर्ण प्रभाव पता चलने लगेगा । ये अनुभूत है । 

नोट :- ब्रह्म गायत्री अन्य वर्णो के लिए दुष्कर है अतः व्यर्थ श्रम न करके वे अन्य देवताओ के मंत्रो का प्रयोग करे । ये भी अनुभूत है । 

सोमवार, 10 अक्तूबर 2016

मंगल व शनि के दिन करें यह उपाय अपार धन के लिए

जीवन में धन-संपत्ति बेहद महत्वपूर्ण है, यदि आपके पास धन की कमी है, तो यह अपने आप में एक बड़ी समस्या है। इसीलिए हम आपके लिए लेकर आए हैं, ऐसे उपाय जो धन की समस्या से मुक्ति दिलाने में कारगर साबित होंगे-
आप प्रति मंगलवार और शनिवार यह उपाय आज़मा सकते हैं। इससे आपकी समस्याएं धीरे-धीरे समाप्त होंगी और धन में वृद्धि होंगी।
उपाय - प्रति मंगलवार और शनिवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठें।
नित्य कर्मों से निवृत्त होकर
किसी पीपल के पेड़ से 11 पत्ते तोड़ लें।
ध्यान रखें पत्ते पूरे होने चाहिए,
कहीं से टूटे या खंडित नहीं होने चाहिए।
इन 11 पत्तों पर स्वच्छ जल में कुमकुम, अष्टगंध या चंदन मिलाकर श्रीराम का नाम लिखें।
नाम लिखते समय हनुमान चालीसा का पाठ करें।
इसके बाद श्रीराम नाम लिखे हुए इन पत्तों की एक माला बनाएं।
इस माला को हनुमानजी के मंदिर जाकर बजरंगबली को अर्पित करें।
प्रति मंगलवार या शनिवार को इस उपाय को करने से धन की समस्याएं समाप्त हो जाएंगी।

हनुमान शाबर मंत्र

 हनुमान शाबर मंत्र

हनुमान जाग.---- किलकारी मार.---- तू हुंकारे.---- राम काज सँवारे.---- ओढ़ सिंदूर सीता मैया का.---- तू प्रहरी राम द्वारे.---- मैं बुलाऊँ , तु अब आ.---- राम गीत तु गाता आ.---- नहीं आये तो हनुमाना.---- श्री राम जी ओर सीता मैया कि दुहाई.---- शब्द साँचा.---- पिंड कांचा.---- फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा.--|

इस मंत्र की माला जाप करें लगातार 5 दिन तक और साधना के अंत में भगवान हनुमान की पूजा सामग्री  और माला के लिए एक गढ्ढा खोदें और जमीन में ये माला डाल दें.