सोमवार, 21 अक्तूबर 2024

लक्ष्मी शाबर मन्त्र

 लक्ष्मी शाबर मन्त्र

ॐ विष्णु-प्रिया लक्ष्मी, शिव-प्रिया सती से प्रकट हुई। कामाक्षा भगवती आदि-शक्ति, युगल मूर्ति अपार, दोनों की प्रीति अमर, जाने संसार। दुहाई कामाक्षा की। आय बढ़ा व्यय घटा। दया कर माई। ॐ नमः विष्णु-प्रियाय। ॐ नमः शिव-प्रियाय। ॐ नमः कामाक्षाय। ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं फट् स्वाहा।”

विधिः- धूप-दीप-नैवेद्य से पूजा कर सवा लक्ष जप करें। लक्ष्मी आगमन एवं चमत्कार प्रत्यक्ष दिखाई देगा। रुके कार्य होंगे। लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।

पहले मन्त्र को याद कर लें | दीपावली की रात्रि में संकल्प लेकर कम से कम ग्यारह माला जाप करें | और उसके बाद सवा लाख जाप का संकल्प लेकर साधारण धूप-दीप-नैवेद्य से पूजा करके 40 दिन में सवा लाख जाप पूर्ण करने पर आपको चमत्कारिक लाभ प्रत्यक्ष दिखाई देगा | साधना गुप्त रखें इसके चमत्कार कभी भी किसी को न बताएं | आपकी धन की समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी | किसी भी शंका समाधान और दीक्षा के लिए मुझसे संपर्क करें whatsapp 9971485458 या ईमेल subhas801@gmail.com

रविवार, 4 फ़रवरी 2024

Watch the thoughts as they arise

 Watch the thoughts as they arise. Watch the perceptions as they arise. Watch the watcher as it arises. Watch the sense of "me" arising. Watch thoughts of suffering arise one at a time. There never appears more than a single thought at any one time. Then this thought, then this thought. They vanish upon the arising which reveals their emptiness. Seeing the emptiness of one thought is seeing the emptiness of all thoughts. Same taste. Seeing the emptiness of one perception is seeing the emptiness of all perceptions. Seeing the emptiness of one belief is seeing the emptiness of all beliefs. Seeing the emptiness of one's self is seeing the emptiness of all selves.

Experience is always just this current empty thought or empty perception: look into this directly by examining just this current thought or perception. All of experience is never more than this current empty perception or thought.
Seeing this clearly and directly reveals true liberation in each moment. Not seeing this clearly in every moment is the only cause of suffering.

रविवार, 17 दिसंबर 2023

श्री शिव शतांगायुर्मन्त्र

 श्री शिव शतांगायुर्मन्त्र 

 गंभीर से गंभीर बीमारियों को दूर करता है

 यह शिव का सौ साल तक की आयुदेनेवाला मंत्र है | 

शत्रु को ध्वस्त कर देता है | 

बिमारियों को परास्त कर देता है | 

सभी दोषो का विनाश कर देता है | 

मारण - मोहन - स्तम्भन सभी को ध्वस्त कर देता है | 


मंत्र :

ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं ह्रौं ह्रेँ ह्रः 

हन हन दह दह 

पच पच गृहाण गृहाण

 मारय मारय मर्दय मर्दय 

महा महा भैरव भैरव रूपेण धुनय धुनय 

कम्पय कम्पय विघ्नय विघ्नय

 विश्वेश्वरी क्षोभय क्षोभय   

कटु कटु मोहय मोहय हुम् स्वाहा ||