भगवती बगलामुखी (पीताम्बरा ) के इस मंत्र का अनुष्ठान चतुराक्षर मंत्र के अनुष्ठान के बाद किया जाता हैा भगवती का यह मंत्र बहुत ही प्रभावशाली एवं चमत्कारी हैा साधको के हितार्थ भगवती के अष्ठाक्षर मंत्र का विधान दे रहा हूं
मंत्र :- ओम आँ ह्ल्रीं क्रों हुं फट स्वाहा
ध्यान
युवती च मदोन्मत्तां पीताम्बर धरां शिवाम |
पीतभूषण भूषांगी समापीन पयोधराम ||
मदिरामोद - वदनां प्रवाल सदृशाधराम |
पानं पात्रं च शुद्धिं च विभ्रतीं बगलां स्मरेत ||
विनियोगः
ॐ अस्य अष्टाक्षरी बगला मंत्रस्य ब्रह्मा ऋषिः गायत्री छन्दः बगलामुखी देवता लं बीजं
ह्रीं शक्तिः ईं कीलकं मम सर्वार्थ सिध्यर्थे जपे विनियोगः ||
ऋष्यादि न्यासः
श्री ब्रह्म ऋषये नमः शिरसि |
गायत्री छन्दसे नमः मुखे |
श्री बगलामुखी देवताये नमः हृदि |
लं बीजाय नमः गुह्ये |
ह्रीं शक्तये नमः पादयोः |
ईं कीलकाय नमः सर्वांगे |
श्री बगलामुखी देवता प्रीत्यर्थे जपे विनियोगाय नमः अंजलौ ||
❄षडङ्ग-न्यास कर-न्यास | अंग-न्यास || ❄
ॐ हल्रां अंगुष्ठाभ्यां नमः| हृदयाय नमः ||
ॐ हल्रीं तर्जनीभ्यां नमः| शिरसे स्वाहा ||
ॐ हल्रूं मध्यमाभ्यां नमः| शिखायै वषट् ||
ॐ हल्रैं अनामिकाभ्यां नमः| कवचाय हुं ||
ॐ हल्रौं कनिष्ठिकाभ्यां नमः| नेत्र-त्रयाय वौषट् ||
ॐ हल्रः करतल-कर-पृष्ठाभ्यां नमः| अस्त्राय फट् ||
मंत्र का हल्दी की माला से 125000 जप करे और तद दशांश हवन , तद्दशांश तर्पण तद्दशांश मार्जन/ अभिषेक करके कम से कम 11 ब्राह्मणो को भोजन करावें |
ॐ हल्रां अंगुष्ठाभ्यां नमः| हृदयाय नमः ||
ॐ हल्रीं तर्जनीभ्यां नमः| शिरसे स्वाहा ||
ॐ हल्रूं मध्यमाभ्यां नमः| शिखायै वषट् ||
ॐ हल्रैं अनामिकाभ्यां नमः| कवचाय हुं ||
ॐ हल्रौं कनिष्ठिकाभ्यां नमः| नेत्र-त्रयाय वौषट् ||
ॐ हल्रः करतल-कर-पृष्ठाभ्यां नमः| अस्त्राय फट् ||
मंत्र का हल्दी की माला से 125000 जप करे और तद दशांश हवन , तद्दशांश तर्पण तद्दशांश मार्जन/ अभिषेक करके कम से कम 11 ब्राह्मणो को भोजन करावें |
2 comments:
Nice Post
जो करने का अधिकारी नही है उसके लिए ये खबर क्या काम की ओर जो करने का अधिकारी है वो अपनी गुरु परम्परा से करेगा । अतः उसके लिए भी ये खबर कोई काम की नही । फिर इसके देने का प्रयोजन क्या हुआ ।
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