रविवार, 3 जुलाई 2022

मनचाहे धन की प्राप्ति हेतु संकटनाशन गणेश स्तोत्र के 21 पाठ नित्य छ माह तक करें

 सूर्योदय से पहले उठकर नित्यकर्म व स्नान आदि से निवृत होकर भगवान गणेश जी का चित्र अथवा मूर्ति सामने रखकर उनका भक्ति भाव से गंध, पुष्प, धुप, दीप और नैवेद्य द्वारा पूजन करें और अपने संकटों का नाश करने की प्रार्थना करें | संकल्प करके निम्न संकटनाशन गणेश स्तोत्र का इक्कीस पाठ सूर्योदय से पहले करें |


संकटनाशन गणेश स्तोत्र


प्रणम्यं शिरसा देव गौरीपुत्रं विनायकम।

भक्तावासं: स्मरैनित्यंमायु:कामार्थसिद्धये।।1।।


प्रथमं वक्रतुंडंच एकदंतं द्वितीयकम।

तृतीयं कृष्णं पिङा्क्षं गजवक्त्रं चतुर्थकम।।2।।


लम्बोदरं पंचमं च षष्ठं विकटमेव च।

सप्तमं विघ्नराजेन्द्रं धूम्रवर्ण तथाष्टकम् ।।3।।


नवमं भालचन्द्रं च दशमं तु विनायकम।

एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजाननम।।4।।


द्वादशैतानि नामानि त्रिसंध्य य: पठेन्नर:।

न च विघ्नभयं तस्य सर्वासिद्धिकरं प्रभो।।5।।


विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम्।

पुत्रार्थी लभते पुत्रान् मोक्षार्थी लभते गतिम् ।।6।।


जपेद्वगणपतिस्तोत्रं षड्भिर्मासै: फलं लभेत्।

संवत्सरेण सिद्धिं च लभते नात्र संशय: ।।7।।


अष्टभ्यो ब्राह्मणेभ्यश्च लिखित्वां य: समर्पयेत।

तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादत:।।8।।


लगातार छ माह तक नित्य 21 पाठ करने से भगवान गणेश की कृपा हो जाती है और मनचाहे धन की प्राप्ति होने लगती है | ऐसा अनुभूत है |

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