रविवार, 16 फ़रवरी 2014

गोमती चक्र

गोमती चक्र कम कीमत वाला एक ऐसा पत्थर है जो गोमती नदी मे मिलता है। विभिन्न तांत्रिक कार्यो तथा असाध्य रोगों में इसका प्रयोग होता है। असाध्य रोगों को दुर करने तथा मानसिक शान्ति प्राप्त करने के लिये लगभग 10 गोमती चक्र लेकर रात को पानी में डाल देना चाहिऐ। सुबह उस पानी को पी जाना चाहिऐ । इससे पेट संबंध के विभिन्न रोग दुर होते है।
धन लाभ के लिऐ 11 गोमती चक्र अपने पुजा स्थान मे रखना चाहिऐ उनके सामने ॐ श्री नमः का जाप करना चाहिऐ। इससे आप जो भी  कार्य करेंगे उसमे आपका मन लगेगा और सफलता प्राप्त होगी । किसी भी कार्य को उत्साह के साथ करने की प्रेरणा मिलेगी।
गोमती चक्रों को यदि चांदी अथवा किसी अन्य धातु की डिब्बी में सिंदुर तथा अक्षत डालकर रखें तो ये शीघ्र फलदायक होते है। होली, दीवाली, तथा नवरात्रों आदि पर गोमती चक्रों की विशेष पुजा की जाति है। अन्य विभिन्न मुहुर्तों के अवसर पर भी इनकी पुजा लाभदायक मानी जाती है। सर्वसिद्धि योग तथा रावेपुष्य योग आदि के समय पुजा करने पर ये बहुत फलदायक है।

धन लाभ व कर्जा मुक्ति

प्यारे मित्रो मैं यहाँ  केवल  उन्ही मंत्रो के बारे मे लिखता हु जिनका प्रभाव मैने और मेर साथियों ने खुद देखा है।
धन लाभ व कर्जा मुक्ति के लिये आप इस मंत्र का केवाल सुबह के समय 30 मिनट तक जाप करे 
 और सुख की अनुभूति से अभिभूत हों .  
मंत्र ..........
 ओम नमो चंडी चंडी  महा चंडी काली काली महाकाली 
 दुर्गे दुर्गे महादुर्गे संकट हरो रक्षा करो मनोकामना पूर्ण करो 
 जो न करो तो दुहाई गुरु गोरख नाथ की 
 दुहाई ईश्वर महादेव गोरा पार्वती की 
 महाबलीभैरव की दुहाई .


 बस केवल 15 दिन मे एक बार दुर्गा मन्दिर मे एक नारियल चढावें और 21 दिन मे चमतकर देखें .

साधना के क्षेत्र मे सफलता प्राप्ति के लिये शक्ति शाली मंत्र

साधना के क्षेत्र मे सफलता प्राप्ति के लिये शक्ति शाली तन्त्र मन्त्र यन्त्र शिरोमणी मंत्र इस प्रकार है .
मन्त्र

ओम नमो परब्रहम परमात्मने नम: उत्पत्तिस्थिति प्रलयंकराये 
 ब्रहम हरिहराये त्रिगुणात्मने सर्व कौतुकानी दर्शय दर्शय 
 दत्तात्रेयाय नम:
 मनोकामना सिद्धिं कुरू कुरू स्वाहा ! 

 ये मन्त्र ब्रह्मा विष्णु शिव सहित परम गुरु दत्तात्रेय  जी को समर्पित है . 
 इस के प्रतिदिन 10 मिनट के जाप मात्र से सारे मन्त्र जागृत होने लगते है। 

 और कार्यों मे तुरन्त सिद्धी मिलती है ये परम गोपनीय मन्त्र है। इसका प्रभाव बड़ा ही दिव्य है।
 आप नित्य ही खुद को शक्तिशाली अनुभव करेंगे 

 आपको लगेगा की आप सब कुछ करने मे सक्षम है। इस मन्त्र के प्रभाव प्रत्येक साधक के लिये अलग अलग हो सकते है 
 ये परम सात्विक मन्त्र है इसका जाप कोई भी कर सकता है कोई भी विधान नहीं है