गुरुवार, 24 मार्च 2016
रविवार, 17 जनवरी 2016
वशीकरण का सबसे आसान तरीका
यूं तो वशीकरण के कई तरीके प्रचलित हैं। जिनमें से कुछ तो सार्वजनिक हैं तथा कुछ अत्यंत गोपनीय किस्म के होते हैं। यंत्र, तंत्र और मंत्र के क्षेत्र में ही वशीकरण के कई अचूक और १०० प्रतिशत प्रमाणिक साधन या उपाय उपलब्ध हैं। किन्तु हर प्रयोग में किसी न किसी विशेष विधि एवं नियम-कायदों का पालन करना पड़ता ही है। इसीलिये, आज की इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में इंसान ऐसे तरीके या उपाय चाहता है जो कम से कम समय में सम्पन्न हो सकें। आजकल हर इंसान शार्टकट के जुगाड़ में लगा रहता है।
पारम्परिक और लम्बे रास्ते पर ना तो वह चलना चाहता है और ना ही उसके पास इतना समय होता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए ही यहां वशीकरण यानि किसी को अपने प्रभाव में लाने या अनुकूल बनाने का सरल अनुभवी एवं अचूक तरीका या उपाय दिया जा रहा है। यह अचूक और शर्तिया कारगर उपाय इस प्रकार है-- जिस भी व्यक्ति को आप अपने वश में करना चाहते हैं, उसका एक चित्र जो कि लगभग पुस्तक के आकार का तथा स्पष्ट छवि वाला हो, उपलब्ध करें। उस चित्र को इतनी ऊंचाई पर रखें कि जब आप पद्मासन में बैठे, तो उस चित्र की छवि आपकी आंखों के सामने ही रहे। ५ मिनिट तक प्राणायाम करने के पश्चात उस चित्र पर ध्यान एकाग्र करें। पूर्ण गहरे ध्यान में पंहुचकर उस चित्र वाले व्यक्तित्व से बार-बार अपने मन की बात कहें। कुछ समय के बाद अपने मन में यह गहरा विश्वास जगाएं कि आपके इस प्रयास का प्रभाव होने लगा है। यह प्रयोग सूर्योदय से पूर्व होना होता है।
यह पूरा प्रयोग असंख्यों बार अजमाने पर हर बार सफल रहता है। किन्तु इसकी सफलता पूरी तरह से व्यक्ति की एकाग्रता और अटूट विश्वास पर निर्भर रहती है। मात्र तीन से सात दिनों में इस प्रयोग के स्पष्ट प्रभाव दिखने लगते हैं।
संतान कमेश्वरी साधना मंत्र
संतान कमेश्वरी साधना मंत्र:–
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यह अनुष्ठान वरदान स्वरूप माना गया है | इस मंत्र का प्रयोग जहां जनहिताय देना उपयुक्त समझता हु | “असन्तते: गृह शून्यम ” अर्थान्त जिस के कोई संतान नहीं उसका घर सुना है |
अतः वह लोग यह मंत्र अनुष्ठान विनियोग पूर्वक सवा लाख करे जा किसी पंडित से करवा ले सवा लाख जाप होने पर तर्पण ,मार्जन आदि विधि पूर्वक गाय घृत खीर चरु की आहुति देते हुये दशांश हवन जरूर कराए संततिलाभ सुनिहचित होगा | पाठ प्रारंभ से पूर्णता तक पति- पत्नी दोनों ब्रह्मचर्य
पूर्वक रहे |
पूर्वक रहे |
विधि –
विनियोग –
ॐ श्री सन्तानकमेश्वरी महामंत्रास्य मन्मथ ऋषि त्रिष्पुट छन्द: श्री सन्तान कामेश्वरी देवता ,क्लीं बीजं ह्रीं शक्ति: श्रीं कीलकम (अमुक्य:/ मम) सन्तान प्राप्तये वंश वृद्धये जपे विनियोग: |
नोट –
विनियोग में जहां ( अमुक्य:) लिखा है, अगर स्त्री विशेष के लिए अनुष्ठान किया जा रहा है, वहाँ उस स्त्री का नाम बोले | यदि पति –पत्नी स्वयं कर रहे है तो मम बोले |
मुख्य पूजन अगर पंडित से करवा रहे हैं तो वह स्वयं कर लेगा जिस में गुरु पूजन, गणेश पूजन, कलश पूजन, षोडश मातृका पूजन, प्रधान देवता पूजन आदि आते हैं | नहीं तो अपनी सुविदा अनुसार वेदी स्थापन कर स्वयं कर ले यह पूजन किसी भी पूजन की किताब से मिल जाते हैं |
नियम –
सफ़ेद वस्त्र पहने आसन कोई भी कंबल का चल जाएगा पूजन धूप, दीप, फल, फूल,नवेद आदि से करे |एक कलश के उपर एक नारियल लाल वस्त्र लपेट कर पाँच आम के पते पल्व आदि रख के उस उपर नारियल रख दे फिर कलश पूजन करे ,कलश हमेशा जौ आदि धन्य के उपर स्थापन करना चाहिए कलश पूजन से पहले गणेश पूजन और कलश पूजन के बाद नव ग्रह षोडश मातृका आदि का पूजन कर फिर सन्तान कामेश्वरी का पूजन करना चाहिए इस के बाद अपनी सुविदा अनुसार मंत्र जप मूँगे जा रुद्राक्ष की माला से करे जप जब पूरा हो जाए तो उसका दशांश हवन, हवन का दशांश मार्जन मंत्र के अंत में मर्ज्यामी सोआहं आत्म सिंचयमी शब्द लगा कर करना चाहिए फिर शब्द के अंत में तर्पयमी शब्द लगा के तर्पण करना चाहिए इस तरह यह प्रयोग अनुष्ठान पूर्ण हो जाता है और आपके जीवन की सन्तान की कमी दूर करने में सहायक होता है |
मंत्र –
|| ॐ क्लीं ऐं ह्रीं श्रीं नमो भगवती सन्तानकामेश्वरी –गर्भ निरोधं निरासया-निरासया सम्यक् शीघ्रं सन्तान मुत्पादयोत्पाद्य स्वाहा ||
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