परविद्या छेदन मंत्र
आज कल के समय मे लोग परविद्या अर्थात किये कराये से ज्यादा परेशान हैं एक पुरानी घटना इसका निवारण हमें दे सकती है जब सुग्रीव जी और बाली मे युद्ध चलता था तब सुग्रीव पर्वत पर रहते थे और सिद्धि करते थे उस समय श्री सुग्रीव जी को अनेक सिद्धियाँ भी प्राप्त हुईं और जब श्री राम ने लंका पर चढ़ाई की तब भी सुग्रीव जी ने इन सिद्धियों के बल पर अपनी सेना की काफी सहायता की रावण के सैनिक राक्षस थे और परविद्या मे निपुण थे ऐसे मे श्री सुग्रीव जी और हनुमान जी अपनी शक्तियों से अपनी सेना की रक्षा करते थे ऐसा ही एक मंत्र आज भी बहुत प्रचलित और उपयोग है जिसका नाम है परविद्या नाशक सुग्रीव मंत्र
अगर आप किसी भी ऐसी समस्या मे घिरे हैं जैसे धन की समस्या, काम का ना चलना, व्यापार मे हानि कोर्ट केस इत्यादि जिससे निकलने के स्थान पर उसमे और फंसते जा रहे हों तो आप समझ लीजिए कि पर विद्या है ऐसे मे
एक मुट्ठी चावल लेकर
ll ॐ सुग्रीवाय जने वह ताराय स्वाहा डाकिनी दिशा बंध पुत्र रक्षा च प्रवश्य प्रवश्य ll
मंत्र को १०८ बार पढ़कर अक्षत अपने ईष्ट और कुलदेवी का ध्यान करते हुए दक्षिण दिशा की और उछाल दें
यह परविद्या की समाप्ति का बड़ा ही बेहतर और शक्तिशाली उपाय है