सोमवार, 16 सितंबर 2013

नमाज के बाद फसाद

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गुरुवार, 5 सितंबर 2013

॥ अथ श्रीदत्तात्रेयस्तोत्रम। ॥

जटाधरं पान्डुरान्गम शूलाहस्तम कृपनिधिम ।
सर्वरोगहरं देवं दत्तात्रेयमहं भजे ॥ १॥

अस्य श्रीदत्तात्रेयस्तोत्रम.न्त्रस्य भगवान.ह नारद^इषिः ।
अनुष्टुप.ह छन्दः . श्रीदत्तपरमात्मा देवता ।
श्रीदत्तप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः ॥

जगदुत्पत्तिकर्त्रे च स्थितिसा.नहार हेतवे ।
भवपाशविमुक्ताय दत्तात्रेय नमो.अस्तुते ॥ १॥

जराजन्मविनाशाय देहाशुद्धिकराया च ।
दिगम्बरदयामूर्ते दत्तात्रेय नमो.अस्तुते ॥ २॥

कर्पूरकान्तिदेहाय ब्रह्ममूर्तिधाराया च ।
वेदाशास्त्रपरिग्याया दत्तात्रेय नमो.अस्तुते ॥ ३॥

र्हस्वदीर्घक्र^इशास्थूला-नामगोत्र-विवर्जिता ।
प्.न्चाभूतैकदीप्ताया दत्तात्रेय नमो.अस्तुते ॥ ४॥

यज्याभोकते च यज्ञाय यज्यारूपधाराया च ।
यज्याप्रियाया सिद्धाय दत्तात्रेय नमो.अस्तुते ॥ ५॥

आदौ ब्रह्मा मध्य विश्ह्नुरा.न्ते देवः सदाशिवः ।
मूर्तित्रयस्वरूपाय दत्तात्रेय नमो.अस्तुते ॥ ६॥

भोगालयाय भोगाय योगयोग्याय धारिने ।
जितेन्द्रियाजिताग्याया दत्तात्रेय नमो.अस्तुते ॥ ७॥

दिगम्बराय दिव्याय दिव्यरूपध्राय च ।
सदोदितापराब्रह्मा दत्तात्रेय नमो.अस्तुते ॥ ८॥

जम्बुद्वीपमहाक्शेत्रमातापुरनिवासिने ।
जयमानासताम देवा दत्तात्रेय नमो.अस्तुते ॥ ९॥

भिक्शातानाम गर^इहे ग्रामे पात्रं हेमामयम करे ।
नानास्वादमयी भिक्षा दत्तात्रेय नमो.अस्तुते ॥ १०॥

ब्रह्मज्ञानमयी मुद्रा वस्त्र चाकाशाभूताले ।
प्रग्यानाघनाबोधाया दत्तात्रेय नमो.अस्तुते ॥ ११॥

अवधूतासदानान्दापराब्रह्मस्वरूपिने ।
विदेहदेहरूपाय दत्तात्रेय नमो.अस्तुते ॥ १२॥

सत्यम्रूपसदाचारसत्यधर्मपरायन ।
सत्याश्रयापरोक्षाया दत्तात्रेय नमो.अस्तुते ॥ १३॥

शूलाहस्तागादापाने वनामालासुकंधरा ।
यग़्य़सूत्रधरब्रह्मन.ह दत्तात्रेय नमो.अस्तुते ॥ १४॥

क्षराक्षरास्वरूपाया परात्पराताराया च ।
दत्तमुक्तिपरस्तोत्र दत्तात्रेय नमो.अस्तुते ॥ १५॥

दत्त विद्याध्यालाक्ष्मीषा दत्त स्वात्मस्वरूपिने ।
गुनानिर्गुनारूपाया दत्तात्रेय नमो.अस्तुते ॥ १६॥

शत्रुनाशाकाराम स्तोत्रं ग्यानाविग्यानादायाकम. ।
सर्वपापं शमं याति दत्तात्रेय नमो.अस्तुते ॥ १७॥

इदं स्तोत्रं महाद्दिव्यम दात्ताप्रत्याक्षकाराकम. ।
दात्तात्रेयाप्रसादाच्चा नारादेना प्रकीर्तितम. ॥ १८॥

.. इति श्रीनारादापुराने नारादाविराचितम
दत्तात्रेयस्तोत्रं सुसंपूर्नाम. ..

सोमवार, 19 अगस्त 2013

क्या कारण है?

आचार्य चाणक्य के नगर अफगानिस्तान से हिंदू मिट गया ?

काबुल जो भगवान राम के पुत्र कुश का बनाया शहर था आज वहाँ एक भी मंदिर नही बचा
गंधार जिसका विवरण महाभारत मे है जो चाणक्य के अखंड भारत की सीमा हुआ करता था 

जहां की रानी गांधारी थी आज उसका नाम कंधार हो चूका है और वहाँ आज एक भी हिंदू नही 

बचा
कम्बोडिया जहां राजा सूर्य देव बर्मन ने दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर अंकोरवाट बनाया आज 

वहा भी हिंदू नही है

बाली द्वीप मे २० साल पहले तक ९०% हिंदू थे आज सिर्फ २०% बचे

कश्मीर घाटी मे सिर्फ २० साल पहले ५०% हिंदू थे , आज एक भी हिंदू नही बचा
नोर्थ ईस्ट जैसे सिक्किम, नागालैंड , आसाम आदि मे हिंदू हर रोज मारे या भगाएजाते है या 

उनका धर्मपरिवर्तन हो रहा है
1569 तक ईरान का नाम पारस या पर्शिया होता था और वहाँ एक भी मुस्लिम नही था सिर्फ 

पारसी रहते थे .. जब पारस पर मुस्लिमो का आक्रमणहोता था तब पारसी बूढ़े बुजुर्ग अपने 

नौजवान को यही सिखाते थे की हमे कोई मिटा नही सकता . लेकिन ईरान से सारे के सारे 

पारसी मिटा दिये गए .. धीरे धीरे उनका कत्लेआम और धर्मपरिवर्तन होता रहा ..

एक नाव मे बैठकर २१ पारसी किसी तरह गुजरात के नवसारी जिले के उद्वावाडा गांव मे पहुचे 

और आज पारसी सिर्फ भारत मे ही गिनती की संख्या मे बचे है


अफनिस्तान मेँ हिन्दू खत्म हो गया पाकिस्तान बाँग्लादेश मेँ हिन्दू खत्म होने की कगार पर है 

और भारत मेँ भी हिन्दु घट ही रहा है इसके कारण क्या है????
क्या कारण है कि किसी मुस्लिम बस्ति मेँ अकेले घुसने मेँ हमेँ डर लगने लगता है ??
क्या कारण है कि हमने कभी किसी भी देश पर आक्रमण नहीँ किया फिर भी लोगोँ ने हमारी 

सीमाओँ हमारी संस्कृति को तहस नहस किया
क्या कारण है कि आज कोई भी नेता खुल कर मुस्लिमोँ के लिये हज सब्सिडी आरक्षण बालिका 

विद्या धन जैसी योजनायेँ लागूकरके धर्मनिरपेक्ष बन जाता है और विरोधकरने वाला 

सामप्रदायिक

क्या कारण है कि कुछ उलेमा हाजी काजी 15 मिनट मेँ भारत तोड़ने की बात तक कर जाते हैँ 

और हम कुछ नहीँ कर पाते
कुछ तो कारण होँगे ,,,,,,,,,,,,???

"कारण है ! कारण है हिंदुत्व के नाम पर हो रही राजनीति, कारण है आश्रमों, मंदिरों में दुबके 

धर्म के कम्बल में छुपे कायर साधू-सन्यासी और धर्मभीरु भक्त, कारण है धर्म के नाम पर लूट 

रहे पाखंडी पण्डे-पुरोहित, कारण है भूखे और लाचार को रोटी के बजाय नाम जप और संकीर्तन 

देना, कारण है कर्म-काण्ड, आडम्बर और दिखावे में उलझे पाखंडी अवतारी और उनके भक्त | 

कारण है ग्रामीणों और आदिवासियों की छीन रही स्त्रियों और भूमि पर आँख मूँद लेना | कारण 

है जाति-पाति में हिन्दुओं का बंटा होना | कारण है जब कोई एक हिन्दू मुसीबत में होता है तो 

बाकी हिन्दू शुतुरमुर्ग की तरह रेत में सर गाड़ लेते हैं या धर्म के कम्बल में दुबक जाते हैं.


आओ हम संकल्प ले की हम सब जाति पाती  के मतभेद भुलाकर एक हो जाएंगे  और हिन्द 

देश के निवासी सभी अपने को एकमात्र हिन्दू कहलायेंगे । और हिन्दुओ पर हो रहे अत्याचार 

का एक हो कर विरोध करेंगे । चाहे हमें कोई सांप्रदायिक कहे हम किसी भी हिन्दू बहन बेटी पर 

अत्याचार होता नहीं देखेंगे और अपनी पूरी शक्ति से उसका विरोध करेंगे । किसी भी हिन्दू 

भाई पर किसी भी प्रकार का संकट आये तो हम उसकी मदद करेंगे और एक हो कर रहेंगे ।