सोमवार, 1 दिसंबर 2014

मनचाहा धन प्राप्ति

मनचाहा धन चाहिए तो लें लक्ष्मी के 18 पुत्रों का नाम
भगवती लक्ष्मी के 18 पुत्र माने जाते हैं। शुक्रवार के दिन इनके नाम के आरंभ में ॐ और अंत में 'नम:' लगाकर जप करने से मनचाहे धन की प्राप्ति होती है। जैसे -
1. ॐ देवसखाय नम:,
2. ॐ चिक्लीताय नम:,
3. ॐ आनंदाय नम:,
4. ॐ कर्दमाय नम:,
5. ॐ श्रीप्रदाय नम:,
6. ॐ जातवेदाय नम:,
7. ॐ अनुरागाय नम:,
8. ॐ संवादाय नम:,
9. ॐ विजयाय नम:,
10. ॐ वल्लभाय नम:,
11. ॐ मदाय नम:,
12. ॐ हर्षाय नम:,
13. ॐ बलाय नम:,
14. ॐ तेजसे नम:,
15. ॐ दमकाय नम:,
16. ॐ सलिलाय नम:,
17. ॐ गुग्गुलाय नम:,
18. ॐ कुरूंटकाय नम:

कमर दर्द और मासपेशियों के दर्द के लिए लाल तेल

कमर दर्द और मासपेशियों के दर्द के लिए लाल
तेल
सामग्री--- तिल का तेल 300 ml , तारपीन
का तैल 100 ml , लहसुन छिले 60 ग्राम ,
रतनजोत पाउडर 20 ग्राम , पुदीना सत्त्व 15
ग्राम , अजवाइन सत्व 15 ग्राम , देशी कपूर 20
ग्राम हल्दी पाउडर 5 ग्राम
विधि- सर्वप्रथम पुदीना सत्त्व , अजवाइन सत्व
व कपुर इन तीनों को एक साफ कांच की शशी में
डालकर हिलाकर रख दें। 2-3 घटें में तीनों वस्तुए
आपस में मिलकर लिक्विड हो जाएगी। इसे ‘‘ अमृत
धारा ‘‘ कहते है। इसे व तारपीन के तैल को अलग
रख दें. अब कढाही में तिल का तैल गर्म करें और
इसमें लहसुन की कलियां कुचल कर डाल दें। इसे
इतना भूनें की लहसुन काला पड़ जाए। अब आंच बंद
कर इस गरम तेल में ही रतनजोत और
हल्दी पाउडर डाल दें तथा कलछी से धीरे धीरे
हिलाएं . ठण्डा होने पर इसे मसल कर कपड़े से तेल
छान लें। अब इस तेल में अमृत धारा और तारपीन
का तैल मिला दें। मालिश के लिए तैल तैयार है।
सावधानी- तैल बनाते समय ध्यान रखें कि अमृत
धारा व तारपीन तैल अन्त में तैल छानने के बाद व
ठण्डा होने पर मिलाना है।

व्यापार या नौकरी में मंदी

1. अगर आपके व्यापार या नौकरी में मंदी आ गयी है तो किसी साफ़ शीशी में सरसों का तेल भरकर उस शीशी को किसी तालाब या बहती नदी के जल में डाल दें और ईश्वर से अपनी सफलता के लिए प्रार्थना करें । आपके व्यापार / नौकरी में जान आ जाएगी।

2. शनिचर के दिन अपनी दुकान बंद करते समय कुछ काले उडद के साबुत दाने दुकान के अंदर बिखेर देना.रविवार सुबह दुकान खोलने बाद झाडु लगाकर उडद के दाने और ईकट्टा हुआ सब कचरा कागज मेे बांधकर एक तरफ दुकान मे रखना .दुकान बंद करने के बाद ओ नदी मेे डाल कर आणा.अजमाया हुआ टोटका है.