मंगलवार, 17 फ़रवरी 2015

प्रक्टिकल ज्ञान

सर्वप्रथम तो वो निराकार एक मात्र परमात्मा ही था । उसमे इच्छा (रूपी प्रकृति प्रकट) हुई की मैं अनेक हो जाऊ और वो दो में विभक्त हुआ तथा उन दो से आगे के संसार के विस्तार हुआ । उस एक परमात्मा में इच्छा होते ही मन प्रकट हो गया । मन ही प्रकृति का रूप है वह परमात्मा तो निर्विकल्प था और आज भी है । वहां कोई भी संकल्प -विकल्प है ही नहीं । पूर्व में सृष्टि संकल्प मयि थी अर्थात संकल्प से ही सन्तानोपत्ति हो जाया करती थी बहुत बाद में सृष्टि मैथुन मयि हुई अर्थात सन्तानोपत्ति मैथुन से होने लगी । 

यह सब आप प्रक्टिकल ज्ञान के द्वारा जान सकते है 

शुक्रवार, 6 फ़रवरी 2015

कार्य सिध्दी का आसान उपाय

कार्य सिध्दी का आसान उपाय:-------


राेज सुबह स्नान कर आप चाय नाशते से पूर्व सूर्य देवता काे एक लाल 

फूल कुंकू लगाकर पूर्व दिशा की आेर मुंह कर आप अर्पण करे आैर 

मंत्र(श्री ह्रीं सूर्याय नम: ) मंत्र का १२ बार जाप करे ऐसा 

करने से २१ दिन में कार्य सिध्दि हाेती है।

शनिवार, 31 जनवरी 2015

पुत्र प्राप्ति के उपाय

जो महिला पुत्र पाने की इच्छा रखती हो वह गर्भ के पाहिले महीने से शतावर के चूर्ण को दूध के साथ पिए । नागकेसर के चूर्ण को घी के साथ पकाकर खाया जाये तो पुत्रकारक होता है  । पलाश के बीज को भी पीसकर पीने से पुत्र की प्राप्ति होती है । गर्भ के समय प्रथम महीने से बछड़े वाली गाय के दूध में शिवलिंगी के बीज एक माह तक खाने से पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है । मंत्राभिमन्त्रित शिवलिंगी के बीज पाने के लिए आप मुझसे संपर्क कर सकते है