शुक्रवार, 19 जून 2015

संतान सुख की प्राप्ति में विलम्ब या बाधा

जन्म कुंडली का संतान भाव निर्बल एवम पीड़ित होने से संतान सुख की प्राप्ति में विलम्ब या बाधा हो तो 
निम्नलिखित शास्त्रोक्त उपायों में से किसी एक या दो उपायों को श्रद्धा पूर्वक करें | आपकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी |
1. संकल्प पूर्वक शुक्ल पक्ष से गुरूवार के १६ नमक रहित मीठे व्रत रखें | केले की पूजा करें तथा ब्राह्मण 
बटुक को भोजन करा कर यथा योग्य दक्षिणा दें | १६ व्रतों के बाद उद्यापन कराएं | ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं गुरुवे नमः 
का जाप करें |

2. पुरुष दायें हाथ की तथा स्त्री बाएं हाथ की तर्जनी में गुरु रत्न पुखराज स्वर्ण में विधिवत धारण करें |
3. यजुर्वेद के मन्त्र दधि क्राणों ( २३/३२) से हवन कराएं |
4. अथर्व वेद के मन्त्र अयं ते योनि ( ३/२०/१) से जाप व हवन कराएं |

5. जन्म कुंडली का संतान भाव निर्बल सूर्य से पीड़ित होने के कारण संतान सुख की प्राप्ति में विलम्ब या 
बाधा हो तो हरिवंश पुराण का विधिवत श्रवण करके उसे दान करें |
जन्म कुंडली का संतान भाव निर्बल चन्द्र से पीड़ित होने के कारण संतान सुख की प्राप्ति में विलम्ब या बाधा 
हो तो रामेश्वर तीर्थ में स्नान करें ,एक लक्ष गायत्री मन्त्र का जाप कराएं तथा चांदी के पात्र में दूध भर कर दान 
दें |
जन्म कुंडली का संतान भाव निर्बल मंगल से पीड़ित होने के कारण संतान सुख की प्राप्ति में विलम्ब या बाधा 
हो तो भूमि दान करें ,प्रदोष व्रत करें |
जन्म कुंडली का संतान भाव निर्बल बुध से पीड़ित होने के कारण संतान सुख की प्राप्ति में विलम्ब या बाधा 
हो तो विष्णु सहस्रनाम का जाप करें |
जन्म कुंडली का संतान भाव निर्बल गुरु से पीड़ित होने के कारण संतान सुख की प्राप्ति में विलम्ब या बाधा हो 
तो गुरूवार को फलदार वृक्ष लगवाएं ,ब्राह्मण को स्वर्ण तथा वस्त्र का दान दें |
जन्म कुंडली का संतान भाव निर्बल शुक्र से पीड़ित होने के कारण संतान सुख की प्राप्ति में विलम्ब या बाधा 
हो तो गौ दान करें , आभूषणों से सज्जित लक्ष्मी -नारायण की मूर्ति दान करें |
जन्म कुंडली का संतान भाव निर्बल शनि से पीड़ित होने के कारण संतान सुख की प्राप्ति में विलम्ब या बाधा 
हो तो पीपल का वृक्ष लगाएं तथा उसकी पूजा करें ,रुद्राभिषेक करें और ब्रह्मा की मूर्ति दान करें |
6. संतान गोपाल स्तोत्र
ॐ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते
देहि में तनयं कृष्ण त्वामहम शरणम गतः |
उपरोक्त मन्त्र की १००० संख्या का जाप प्रतिदिन १०० दिन तक करें | तत्पश्चात १०००० मन्त्रों से हवन,
१००० से तर्पण ,१०० से मार्जन तथा १० ब्राह्मणों को भोजन कराएं |
7.संतान गणपति स्तोत्र

श्री गणपति की दूर्वा से पूजा करें तथा उपरोक्त स्तोत्र का प्रति दिन ११ या २१ की संख्या में पाठ करें |

शीघ्र विवाह के लिए सरल उपाय

शीघ्र विवाह के लिए सरल उपाय ...


कई बार शादी में बिना बात रुकावट आ जाती है , रिश्तेदारों का भाग भाग कर बुरा हाल हो जाता है लेकिन 

फिर भी रिश्ता पक्का नहीं होता है आइये जानते है इससे कैसे बचे ..

सर्व प्रथम तो किसी ज्योतिषी से पत्रिका जरुर दिखाए की शादी का योग चल भी रहा है या नहीं , कई बार 

विवाह का योग होने पर भी ग्रहों के कारन या मांगलिक दोष के कारन विवाह में बाधा आती है तो इसका उपाय 

कराये किसी विद्वान के माध्यम से ग्रहों की शांति कराये ,


जन्म पत्रिका में कन्या की शादी के लिए गुरु और वर की शादी के लिए शुक्र ग्रह कारक होता है , 


सरल उपाय :-


१:- जिस कन्या के विवाह में विलम्ब हो रहा है तो वो प्रत्येक गुरूवार को नहाने से पहले बाल्टी में एक चुटकी 

हल्दी डालकर स्नान करे और नहाने के बाद हल्दी ,केसर को गंगा जल में घोलकर माथे और नाभि में टिका 

(तिलक ) करे 


२:-गुरु का स्थान कुंडली में बड़े बुजुर्गों को दिया गया है इसलिए भूलकर भी बजुर्गों का अपमान न करें उनकी 

सेवा करे और उनका पैर छुकर आशीर्वाद लीजिये जल्द ही हाँथ पीले हो जायेगे ..


३:- गुरूवार को केले के वृक्ष की पूजा करे .


४. किसी धर्म स्थान या माता के मंदिर में जाकर इस मन्त्र का १ बार जाप करे और माँ की मूर्ति के आगे १ 

जल भरा नारियल लाल रंग की चुनरी में लपेटकर भेट अर्पित करे .

“कात्यायनि महामाये महायोगिन्यधीश्वरि।नन्दगोप सुतं देवि पतिं मे कुरु ते नमः।।”


अब बारी है वर की .. उनके लिए ये सरल उपाय 


१. ९ वर्ष तक की कन्याओं की सेवा करे ,


२. गाय को या गौशाला में हरा चारा दान करे 


३. किसी धर्म स्थान या माता के मंदिर में जाकर इस मन्त्र का १ बार जाप करे और माँ की मूर्ति के आगे १ 

जल भरा नारियल लाल रंग की चुनरी में लपेटकर भेट अर्पित करे .

“ॐ पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्।


तारिणीं दुर्ग संसार सागरस्य कुलोद्भवाम्।।”


टोटका :- कुम्हार अपने चाक को जिस डंडे से घुमाता है, उसे किसी तरह किसी को बिना बताए प्राप्त कर लें। 

इसके बाद घर के किसी कोने को रंग-रोगन कर साफ कर लें। इस स्थान पर उस डंडे को लंहगा-चुनरी व सुहाग 

का अन्य सामग्री से सजाकर दुल्हन का स्वरूप देकर एक कोने में खड़ करके गुड़ और चावलों से इसकी पूजा 

करें। इस टोटके से लड़के का विवाह शीघ्र ही हो जाता है। यदि चालीस दिनों में इच्छा पूरी न हो तो फिर यही 

प्रक्रिया दोहराएं(डंडा प्राप्त करने से लेकर पूजा तक)। यह प्रक्रिया सात बार कर सकते हैं।

धन लक्ष्मी के आगमन का मार्ग

श्वेत बबूल के पुष्प, अरण्डी के पुष्प एवं मेंहदी के पुष्प-तीनों को प्राप्त करके चांदी की डिब्बी में बंद करके घर 
में रखने से धन का आगमन होने लगता हैं।
दान करने से धन घटता नहीं, बल्कि जितना देते हैं उसका दस गुना र्इश्वर हमें दे देता है।
इनमें से किसी भी एक मंत्र का चयन करके सुबह, दोपहर और रात को सोते समय पांच-पांच बार नियम से 
उसका स्मरण करें। मातेश्वरी लक्ष्मीजी आप पर परम कृपालु बनी रहेंगी।
दुकानदार दुकान खोलें, तब महादेव का थड़ा अर्थात दुकान की गद्दी पर बैठकर इस मंत्र की प्रथम माला जप लें।
श्री शुक्ले महाशुक्ले कमल दल निवासे श्री महालक्ष्मी नमो नम:। लक्ष्मी मार्इ सबकी सवाइर््र आवो चेतो करो 
भलार्इ न करो तो सात समुद्रों की दुहार्इ, ऋद्धि-सिद्धि न करे तो नौ नाथ चौरासीसिद्धोंकी दुहार्इ।
आप जब भी बैंक में रुपये जमा करने जाएं तो प्रयास करें कि पश्चिममुखी होकर ही कार्य करें तथा मानसिक 
रूप से मां लक्ष्मी के किसी भी मंत्र का जप करते रहें। यदि मां लक्ष्मी का कोर्इ मंत्र याद न हो तो निम्न मंत्र का 
जप करें। इससे आपका धन सदैव बढ़ता रहेगा। मंत्र इस प्रकार है-
ऊँ श्रीं श्रीं श्रीं।
पीपल के पत्त्ो पर ‘राम’ लिखकर तथा कुछ मीठा रखकर हनुमान मंदिर में चढ़ा आएं। इससे अवश्य ही धन 
लाभ होगा। इसके अतिरिक्त नित्य प्रात:काल लक्ष्मी को लाल पुष्प अर्पित करके दूध निर्मित मिष्ठान का 
भोग लगाने से भी धन का लाभ होगा।
शनिवार के दिन पीपल का एक अखंडित पत्ता तोड़कर उसे गंगाजल से धोकर उसके ऊपर हल्दी तथा दही के 
घोल से दाएं हाथ की अनामिका उंगली द्वारा एक वर्ग के भीतर ‘हृी’ लिखें। तत्पश्चात धूप-दीप दिखाकर यह 
पत्ता मोड़कर अपने बटुए मे रख लें। प्रत्येक शनिवार को पूजा के साथ वह पत्ता बदलते रहें। आपका बटुआ 
धन से कभी खाली नही रहेंगा। पुराना पत्ता घर से बाहर किसी पवित्र स्थान पर ड़ाल दें।
अचानक धन प्राप्ति के लिए अपनी मनोकामना कहते हुए बरगद की जटा में गांठ लगा दें। जब धन लाभ हो 
जाए तो उसे खोल दें।
काली हल्दी को सिंदूर और धूप देकर लाल वस्त्र में लपेटकर एक-दो मुद्राओं सहित तिजोरी में रखें। इससे धन
लक्ष्मी  की वृद्धि होती रहेगी।
यदि धन का लाभ नही हो रहा हो तो शुक्रवार के दिन से नित्य गोधूलि वेला में श्री महालक्ष्मी या तुलसी के पौधे  
के समक्ष गौ घृत का दीपक जलाएं।
यदि किसी भी धर्म स्थल में आपको कोर्इ सिक्का या धन मुद्रा मिले तो आप उसे बिना किसी झिझक के उठा 
लें और उसको धन रखने के स्थान पर लाल अथवा पीले रेशमी वस्त्र में बांधकर रख दें। इससे धन में वृद्धि 
होगी।
शुक्रवार के दिन किसी सुहागिन स्त्री को लाल वस्त्र या सुहाग सामग्री दान करने से धन लक्ष्मी के आगमन का 
मार्ग प्रशस्त होता है। यदि शुक्रवार के दिन कोर्इ विवाहित स्त्री आपको चाय-पानी पर आमंत्रित करे तो उसके 
आग्रह को न ठुकराएं-चाहे आप कितने ही अधिक व्यस्त क्यों न हों। यह धन के आगमन का द्योतक है।