सोमवार, 28 मार्च 2016

जोड़ो के दर्द का इलाज

दोस्तों आज आप के साथ एक ऐसा फार्मूला शेयर करना चाहता हु जो हर एक परिवार के लिए जरुरी है। ज्यादातर इसके शिकार हमारे घर बुजुर्ग ही होते है और हम कुछ नही कर पाते। जी हा हम जोड़ो के दर्द, घुटनो के दर्द, सर्वाइकल, फ्रोज़न शोल्डर, स्लिप डिस्क, हाथ पैरो का दर्द, गठिया रोग, अर्थरिटिस, हाथ पैरो की अकड़न, कैल्सियम की कमी, संधिवात, आमवात और कमरदर्द ऐसे और भी नाम हम इस बीमारी को देते है। डॉक्टर के पास इसका इलाज भी करते है लेकिन कोई फायदा नहीं। जब तक दवाई लेते है तब फायदा होता है। दवाई बंद करते ही फिर से समस्या शुरू होती है।

निचे दिए गए औषधियां आपको पंसारी (जड़ी बुटी दुकान) में मिल जाएगी और न भी मिले तो निराश मत होना। आप हमारे पास से बानी बनायी दवाई भी आर्डर कर सकते है। हमें आप कभी भी हमारे मोबाइल नंबर 07838157738 पे कॉल कर सकते है। 4-5 महीने के निरंतर उपयोग से सभी दर्द से छुटकारा मिलेगा यह आजमाया हुवा फार्मूला है।

जड़ी बुटी के नाम : पुनर्नवा 30 ग्राम, शुद्ध गुग्गल 20 ग्राम, अश्वगंधा 30 ग्राम, सौंठ 30 ग्राम, सहजन के पत्ते सूखे 100 ग्राम, महायोगराज गुग्गल 30 ग्राम, चंद्रप्रभावती 30 ग्राम, देवदार 30 ग्राम, रास्ना 30 ग्राम, शंखभस्म 20 ग्राम, प्रवाल भस्म 20 ग्राम, गोखरू 30 ग्राम, सहजन के बीज 40 ग्राम इत्यादि।

बनाने की विधि :
सभी जड़ी बूटियों को पंसारी की दुकान से लेकर कूट पीसकर पाउडर बना लीजिये और रोज सुबह शाम भूके पेट गुनगुने पानी के साथ 1-1 चम्मच सेवन कीजिये।

परहेज: तेल में तले पदार्थ, आलू, फास्टफूड, जंकफूड, मैदे से बने पदार्थ न खाए और रोज सुबह बिना चप्पल के रोड पे चले।

नोट : तैयार की हुयी दवाई डाक से भेजने की सुविधा उपलब्ध है।
WATSaap no. 09971485458

शनिवार, 26 मार्च 2016

व्यापार वृद्धि प्रयोग

व्यापार वृद्धि प्रयोग 
-: मंत्र :-
॥ धां धीं धूं धूर्जटे पत्नीं वां वीं वुं वागधीश्वरी
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देव्ये शां शीं शुं में शुभम कुरु ॥
विधी :-
उपरोक्त मन्त्र सिद्ध कुंजिका स्तोत्र में से हैं । कुछ शुद्ध गुलाब में से बनी अगरबत्ती लेकर उपरोक्त मन्त्र 108 बार जप कर अगरबत्ती अभिमंत्रित कर लीजिए । उसके बाद उन अगरबत्ती में से 5 अगरबत्ती लेकर प्रज्वलित करे । उसके बाद अपने पुरे व्यवसाय स्थल में एंटी क्लोक वाइस (घडी की उलटी दिशा में) घुमाले और एक जगह लगादे और फिर देखे आपका व्यापार कैसे नहीं चलता ।
यह प्रयोग पूर्ण प्रामाणिक एवं कई बार परिक्षीत हैं । माँ भगवती ने चाहा तो आप व्यापार को लेकर जल्द ही चिंता मुक्त हो जायेंगे ॥

गुरुवार, 24 मार्च 2016

आकस्मिक धन प्राप्ति केलिए ..(शेयर मार्केट या अन्य में लाभदायक )

आकस्मिक धन प्राप्ति केलिए ..(शेयर मार्केट या अन्य में लाभदायक )

धन प्राप्ति तो एक ऐसी क्रिया हैं जो सबके मन को भांति हैं जीवन मे धन के बिना किसी भी चीज का वैसा 

अस्तित्व नही हैं जैसा की होना ही चाहिए .आधिन्काश आवश्यकताए तो केबल धन के माध्यम से कहीं 

जायदा सुचारू रूप से पूरी हो जाती हैं ..

पर धन का आगमन भी तो एक अनिवार्य आवश्यकता हैं पर जो एक बंधी बंधाई धन राशि हर महीने मिलती 

हैं वह तो एक निश्चित रूप से खर्च होती हैं.. पर कहीं से यदि कोई आकस्मिक धन यदि हमें मिल जाता हैं तो 

वह बहुत ही प्रसन्नता दायक होता हैं .

पर यह आकस्मिक धन आये कहाँ से ..यह सबसे बड़ा प्रश्न अब हर किसी को तो गडा धन नही मिल सकता हैं 


 तो व्यक्ति नए नए माध्यम देखता हैं कि कैसे इसकी सम्भावनए बनायी जाए या हो पाए .

और सबसे ज्यादा हर व्यक्ति का रुझान हैं तो वह् हैं शेयर मार्केट की ओर ..रो ज जोभी सुचनाये आती हैं वह 


होती हैं शेयर मार्केट की.. की उसने इतना फायदा लिया या वह पूरी तरह से बर्बाद हो गया ..फिर भी लोग 

धनात्मक पक्ष कहीं जयादा देख्ते हैं .मतलब की फायदा होता ही हैं . अब जो लंबी अवधि के लिए अपना धन 

लगाते हैं वह कहीं ज्यादा लाभदायक होते हैं और जो कम अवधि के लिए उनके लिए क्या कहा जाए यह बहुत 

ही ज्यादा जोखिम भरा सौदा हैं .

पर एक साधना ऐसी भी हैं जिसके सफलता पूर्वक करने से व्यक्ति का जोखिम बहुत कम हो जाता हैं .. और 


व्यक्ति को लाभ की सम्भावनाये कहीं अधिक होती हैं


जप संख्या –

११ हज़ार हैं दिन् निर्धारित नही हैं जब जप समाप्त हो जाये तो १०८ आहुति इस मन्त्र से कर दे. और आप 


देखेंगे की स्वयं ही नए नए स्त्रोत से घनागम की अवश्यकताए पूरी होती जाएँगी.

वस्त्र पीले और आसन भी पीला रहेगा.

जप प्रातः काल कहीं जयादा उचित होगा .

दिशा पूर्व या उत्तर उचित रहेगी .

किसी भी माला से जप किया जा सकता हैं .

सदगुरुदेव पूजन , जप समर्पण और संकल्प कि क्यों कर रहे हैं यह साधना  का  एक हमेशा से अनिवार्य 

अंग हैं ही

मंत्र :

आकाश चारिणी यक्षिणी सुंदरी आओ धन लाओ मेरी 
झोली  भर जाओ |वर्षा करो धन की जैसे बादल वरसै 

जल की |कुबेर की रानी यक्षिणी महरानी कसम तेरे पति की लाज रख जन की | सच्चे गुरु का चेला बांटू प्रसाद 

मेवा करूँ तेरी जय सेवा जय यक्षिणी देवा ||


मन्त्र सिद्ध करने के बाद जो भी आप व्यापर या शेयर में अपन धन लगते हैं उसमे से जो आपको लगता हैं की 


आपका अधिक प्रोफिट हैं उस धन के कुछ हिस्से को ...मतलब जो धन पाए ..उसमे अपने गुरु का और देवीके 

नाम का कुछ भाग निकाल ले .... या उस धन के हिस्से को .... गुरु को दे कर यक्षिणी को मेवा आदि अर्पित 

कर दे .