ऋण मुक्ति भैरव साधना-
हर व्यक्ति के जीवन में ऋण एक अभिशाप है !एक वार व्यक्ति इस में
फस गया तो धस्ता चला जाता है ! सूत की चिंता धीरे धीरे मष्तश पे
हावी होती चली जाती है जिस का असर स्वस्थ पे होना भी स्वाभिक है !
प्रत्येक व्क्यती पे छ किस्म का ऋण होता है जिस में पित्र ऋण मार्त ऋण
भूमि ऋण गुरु ऋण और भ्राता ऋण और ऋण जिसे ग्रह
ऋण भी कहते है !संसारी ऋण (कर्ज )व्यक्ति की कमर
तोड़ देता है मगर हजार परयत्न के बाद
भी व्यक्ति छुटकारा नहीं पाता तो मेयूस हो के
ख़ुदकुशी तक सोच लेता है !मैं जहां एक बहुत ही सरल
अनुभूत साधना प्रयोग दे रहा हु आप निहचिंत हो कर
करे बहुत जल्द आप इस अभिशाप से मुक्ति पा लेंगे !
विधि – शुभ दिन जिस दिन रवि पुष्य योग
हो जा रवि वार हस्त नक्षत्र हो शूकल पक्ष हो तो इस
साधना को शुरू करे
वस्त्र --- लाल रंग की धोती पहन सकते है !
माला – काले हकीक की ले !
दिशा –दक्षिण !
सामग्री – भैरव यन्त्र जा चित्र और हकीक
माला काले रंग की !
मंत्र संख्या – 12 माला 21 दिन करना है !
पहले गुरु पूजन कर आज्ञा ले और फिर श्री गणेश
जी का पंचौपचार पूजन करे तद पहश्चांत संकल्प ले !
अपने जीवन में स्मस्थ ऋण मुक्ति के लिए यह साधना कर
रहा हु हे भैरव देव मुझे ऋण मुक्ति दे !जमीन पे थोरा रेत
विशा के उस उपर कुक्म से तिकोण बनाए उस में एक पलेट
में स्वास्तिक लिख कर उस पे लाल रंग का फूल रखे उस पे
भैरव यन्त्र की स्थापना करे उस यन्त्र का जा चित्र
का पंचौपचार से पूजन करे तेल का दिया लगाए और
भोग के लिए गुड रखे जा लड्डू भी रख सकते है ! मन
को स्थिर रखते हुये मन ही मन ऋण मुक्ति के लिए
पार्थना करे और जप शुरू करे 12 माला जप रोज करे इस
प्रकार 21 दिन करे साधना के बाद
स्मगरी माला यन्त्र और जो पूजन किया है वोह समान
जल प्रवाह कर दे साधना के दोरान रवि वार जा मंगल
वार को छोटे बच्चो को मीठा भोजन आदि जरूर
कराये ! शीघ्र ही कर्ज से मुक्ति मिलेगी और कारोबार
में प्रगति भी होगी !
मंत्र—ॐ ऐं क्लीम ह्रीं भम भैरवाये मम ऋणविमोचनाये
महां महा धन प्रदाय क्लीम स्वाहा !!
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