मंत्र :- ॐ ह्रीं ब्री बिकट वीर हनुमंत वीर मंत्र को मारो । उलट दो पाताल काल जाल संधारो । जो धन जहाँ से आय वहाँ को जाय । टोनहिन का टोना ओझा को दंड द्रोही शत्रु को मारो न मारो तो माता अंजनी का पिया दूध हराम करो । माता सीता पे चोट पड़े हूं फट स्वाहा ।
प्रयोग :- हनुमान जी की पूजा करके 108 बार जप करे । पीड़ित का अगरबत्ती से 9 बार झाड़ा लगाने से लगाने से आराम होता है ।
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