माँ काली को सिघ्र प्रशऩ करने का मनत्रर डंड भूज डंड प्रचंड नौ खंड प्रगट देवी तूंही छुंडन के छुड खगर दीखा खपर लीए खड़ी कालीका तागड़ दे मसतंग चोला जरीका फागड़ दीफू गलेफुल माल जय जय जयनत आदि सकती कालका खपर धनी मचकुट छनदनी देव जय जय महीरा जय मरदनी चड मुड विडाल विडलनी निशुमभ को दलनी जय शिव राजेशवरी अमरित यगय धाती द्रविड़ द्रविड़नी ऊँऊँऊँ सवाहा..........इस मनत्र को ३३३ बार नितय घी का दीपक जलाकर भाव से २१ दिन जपे सभी काम सफल होगे और माँ की कॄपपा सिघ्र होगी माँ आपको अपने पुत्र सम जानेगी जय महा काली
शनिवार, 18 जनवरी 2014
माँ काली का मनत्रर
माँ काली को सिघ्र प्रशऩ करने का मनत्रर डंड भूज डंड प्रचंड नौ खंड प्रगट देवी तूंही छुंडन के छुड खगर दीखा खपर लीए खड़ी कालीका तागड़ दे मसतंग चोला जरीका फागड़ दीफू गलेफुल माल जय जय जयनत आदि सकती कालका खपर धनी मचकुट छनदनी देव जय जय महीरा जय मरदनी चड मुड विडाल विडलनी निशुमभ को दलनी जय शिव राजेशवरी अमरित यगय धाती द्रविड़ द्रविड़नी ऊँऊँऊँ सवाहा..........इस मनत्र को ३३३ बार नितय घी का दीपक जलाकर भाव से २१ दिन जपे सभी काम सफल होगे और माँ की कॄपपा सिघ्र होगी माँ आपको अपने पुत्र सम जानेगी जय महा काली
बुरी संगत से बचाने के लिए करे
बुरी संगत से बचाने के लिए करे
बेटा किसी बुरी संगत मे फंस जाए पती जुआ खेलने लग जाए या बात बात पे झगडा करे मार पीट करे बचचे आवारा हो जाए तो .......आप शनीवार को एक काली मिरच मिकस एक पापड़ ले उसको थाली मे रखे उस पापड़ पर दो लोहे की कील रखे १० ग्राम साबत उड़द रखे १० ग्राम गुड़ रखे एक सरसों के तेल का दीपक रखे दीपक मे चुटकी भर सिनदुर डाले दीपक को प्रजलीत करे एक ताँबे का लोटा पानी का ले लौटे मे थोड़े काले तील डाले और थाली को पीपल के पस लेके जाए पापड़ पीपल की जडो मे रखे फिर ये सारा सामान पापड़ पर रखे दीपक जलाएं पानी का लौटा पीपल की जड़ो मे चढाएं और हाथ जोड़ कर कामना करे फला वयकती या मेरा बेटा या मेरा पती पतनी सुधरे जीसके लिए कर रहे हो उसके सुधार की कामना करे यह का औरत पुऱूष कोइ भी कर सकता है ये केवल शनीवार को
शाम को ना सुरय असत हो ना बाहर हो यानी शाम को गौधुली के समय 7शनिवार करे साथ मे 7 शनिवार व्रत करे केसी भी बुरी
संगती पे फसे हुए का सुधार हो जाएगा यह मेरा अनुभूत प्रयोग है
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