शनिवार, 15 फ़रवरी 2014

क्या केजरीवाल का जनलोकपाल बिल पास न करवा पाने के मुद्दे पर इस्तीफा देना एक सही कदम है ?

क्या केजरीवाल का जनलोकपाल बिल पास न करवा पाने के मुद्दे पर इस्तीफा देना एक सही  कदम है ?

एक दृष्टिकोण

दरअसल श्री केजरीवाल जी भी ये अच्छी तरह से जानते थे कि दिल्ली विधानसभा में किसी भी कानून को बनाने के लिए केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की अनुमति लेना आवश्यक है जबकि देश के अन्य किसी भी राज्य को अपने यहाँ कानून बनाने के लिए केंद्र सरकार कि अनुमति कि आवश्यकता नहीं है तो दिल्ली कि सरकार के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है केजरीवाल ने इसी सौतेले व्यव्हार के विरोध में रेल भवन के आगे धरना भी दिया था दरअसल श्री केजरीवाल जी और आम आदमी पार्टी उदभव गलत व्यवस्था का  विरोध  करने के कारण ही हुआ है  दिल्ली में हुए अन्ना के आंदोलन का मुख्य बिंदु "जन-लोकपाल कानून पास करवाना और गलत व्यवस्था और नियम को बदलकर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना"  ही था  और इसीलिए केजरीवाल और उनके सहयोगियो ने "आप" का गठन किया था केजरीवाल को दिल्ली विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत नहीं मिला फिर भी उन्होंने लोगो के भारी दबाव के कारण मॅहगाई से पिसती जनता को राहत  देने के लिए कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई और बिजली के बिल के दाम आधे किये और पानी मुफ्त देना शुरू कर दिया ।उनके समय में दिल्ली कि देखादेखी हरियाणा में भी बिजली के दाम कम हो गए।  सी एन जी के दाम घटाने के लिए उन्होंने केंद्र सरकार को लिखा फलस्वरूप सी एन जी के दाम 15 रु प्रति किलो कम हो गए ।  केजरी कि सरकार बनते ही भ्रष्टाचार-रिश्वतखोरी में भरी कमी आयी । सब्जियो के दाम कम हो गए । उन्होंने ये कानून पास किया कि सब्जी मंडी में आढ़ती अपना कमीशन किसान से न लेकर ग्राहको से ले , इससे आढ़ती तो नाराज हुए पर जनता और किसानो को फायदा हुआ । सरकारी अधिकारी-कर्मचारी अपना कार्य सही तरीके से और समय पर करने लगे । महगाई से पिसती जनता को वास्तव में राहत महसूस हुई । 

जन-लोकपाल कानून पास करना केजरीवाल जी का मुख्य चुनावी अजेंडा था और उन्होंने इसे पास न करवा पाने कि स्थिति में अपना इस्तीफा दे दिया और विधानसभा भंग करने कि सिफारिश कि है जो कि एकदम सही कदम है । 

सोमवार, 3 फ़रवरी 2014

ऋण नाशक उपाय

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शुक्ल पक्ष के मंगलवार को 21 गोमती चक्र लेकर उनको समुद्री नमक मिले पानी में एक घंटा डुबो दें। इसके पश्चात इन गोमती चक्रों को कच्चे दूध से धोंले तथा प्रत्येेक गोमती चक्र पर गणेश जी का स्मरण करते हुए सिन्दूर लगावें । यह कर चुकने के बाद इन गोमती चक्रों को चौकी पर लाल कपड़ा बिछा कर रखें तथा 21 लाल गुंजा 'रत्ती हल्दी की एक गांठ तथा तांबे का एक सिक्का रखें । ओर धूप - दीप जलाकर विघ्ननाशक ऋणहर्ता गणेश जी का ध्यान करते हुए निम्न मंत्र की माला जपें - ऊँ गं ऋणहर्ताय नम:। समस्त गोमती चक्रों को उसी लाल कपड़े में पोटली बनाकर लाल डोरे से लपेट कर अपने व्यवसायिक स्थल या घर की तिजोरी अथवा धन रखने वाले स्थान पर रख दें। अब नित्य धूप देकर उक्त मंत्र की माला का जाप करें। थोड़े ही दिनों में कर्ज की नियमित किस्त चुकाने हेतु धन आगमन होने लगेगा। रोजगार में वृद्धि होगी तथा चिंता व तनाव दूर होकर समृद्धि के अवसर बनेंगे।

मंगलवार, 21 जनवरी 2014

नव नाथ जाप

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नव नाथ जाप :- ॐ नमो आदेश गुरूजी को आदेश ! ॐ गुरूजी ॐ कारे आदिनाथ , उदयनाथ पार्वती, सत्यनाथ ब्रम्हा , संतोषनाथ विष्णु , अचल अचम्भेनाथ , गजबेली गजकन्थडि नाथ , ज्ञान पारखी सिद्ध चौरंगीनाथ , मायास्वरुपी दादा मत्स्येन्द्रनाथ घटे पिंडे निरंतर सत्य  श्री शम्भु जति गुरु गोरक्षनाथ जी को आदेश आदेश ! नाथ जी आदेश-आदेश ! नव नाथ चौरासी सिद्धों को आदेश - आदेश !! 

साधन-विधि एवं प्रयोगः-पूर्णमासी से जप प्रारम्भ करे। जप के पूर्व चावल की नौ ढेरियाँ बनाकर उन पर ९ सुपारियाँ मौली बाँधकर नवनाथों के प्रतीक-रुप में रखकर उनका षोडशोपचार-पूजन करे। तब गुरु, गणेश और इष्ट का स्मरण कर आह्वान करे। फिर मन्त्र-जप करे। प्रतिदिन नियत समय और निश्चित संख्या में जप करे। ब्रह्मचर्य से रहे, अन्य के हाथों का भोजन या अन्य खाद्य-वस्तुएँ ग्रहण न करे। स्वपाकी रहे। इस साधना से नवनाथों की कृपा से साधक धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष को प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है। उनकी कृपा से ऐहिक और पारलौकिक-सभी कार्य सिद्ध होते हैं। गुरु गोरक्ष नाथ जी कि कृपा प्राप्त हो जाती है । मंत्र अनुभूत है ।