शनिवार, 31 जनवरी 2015
पुत्र प्राप्ति के उपाय
जो महिला पुत्र पाने की इच्छा रखती हो वह गर्भ के पाहिले महीने से शतावर के चूर्ण को दूध के साथ पिए । नागकेसर के चूर्ण को घी के साथ पकाकर खाया जाये तो पुत्रकारक होता है । पलाश के बीज को भी पीसकर पीने से पुत्र की प्राप्ति होती है । गर्भ के समय प्रथम महीने से बछड़े वाली गाय के दूध में शिवलिंगी के बीज एक माह तक खाने से पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है । मंत्राभिमन्त्रित शिवलिंगी के बीज पाने के लिए आप मुझसे संपर्क कर सकते है
शनिवार, 24 जनवरी 2015
मंत्र चमत्कार
१). इस मंत्र के स्मरण मात्र से डर भाग जाता है, और अकस्मात् आयी
बाधाओ का निवारण होता है. जब भी किसी प्रकार के कोई पशुजन्य या
दूसरे तरह से प्राणहानि आशंका हो तब इस मंत्र का ७ बार जाप करना
चाहिए. इस प्रयोग के लिए मात्र मंत्र याद होना ज़रुरी है. मंत्र कंठस्थ
करने के बाद केवल ७ बार शुद्ध जाप करें व चमत्कार देंखे!
(२). अगर इस मंत्र का एक हज़ार बार बिना रुके लगातार जाप कर लिया
जाए तो व्यक्ति की स्मरण शक्ति विश्व के उच्चतम स्तर तक हो जाती
है तथा वह व्यक्ति परम मेधावी बन जाता है!
(३). अगर इस मंत्र का बिना रुके लगातार १०,००० बार जप कर लिया
जाए तो उसे त्रिकाल दृष्टि (भूत, वर्त्तमान, भविष्य का ज्ञान) की प्राप्ति
हो जाती है!
(४). अगर इस मंत्र का बिना रुके लगातार एक लाख बार, रुद्राक्ष की
माला के साथ, लाल वस्त्र धारण करके तथा लाल आसान पर बैठकर,
उत्तर दिशा की और मुख करके शुद्ध जाप कर लिया जाये, तो उस
व्यक्ति को "खेचरत्व" एवं "भूचरत्व" की प्राप्ति हो जायेगी!
मंत्र इस प्रकार है -
ॐ हं ठ ठ ठ सैं चां ठं ठ ठ ठ ह्र: ह्रौं ह्रौं ह्रैं क्षैं क्षों क्षैं क्षं ह्रौं ह्रौं क्षैं ह्रीं स्मां
ध्मां स्त्रीं सर्वेश्वरी हुं फट् स्वाहा
(Om Ham th th th seim chaam tham th th th hrah hraum
hraum hreim ksheim kshom ksheim ksham hraum hraum
ksheim hreeng smaam dhmaam streem sarveshwari hum
phat swaahaa)
बाधाओ का निवारण होता है. जब भी किसी प्रकार के कोई पशुजन्य या
दूसरे तरह से प्राणहानि आशंका हो तब इस मंत्र का ७ बार जाप करना
चाहिए. इस प्रयोग के लिए मात्र मंत्र याद होना ज़रुरी है. मंत्र कंठस्थ
करने के बाद केवल ७ बार शुद्ध जाप करें व चमत्कार देंखे!
(२). अगर इस मंत्र का एक हज़ार बार बिना रुके लगातार जाप कर लिया
जाए तो व्यक्ति की स्मरण शक्ति विश्व के उच्चतम स्तर तक हो जाती
है तथा वह व्यक्ति परम मेधावी बन जाता है!
(३). अगर इस मंत्र का बिना रुके लगातार १०,००० बार जप कर लिया
जाए तो उसे त्रिकाल दृष्टि (भूत, वर्त्तमान, भविष्य का ज्ञान) की प्राप्ति
हो जाती है!
(४). अगर इस मंत्र का बिना रुके लगातार एक लाख बार, रुद्राक्ष की
माला के साथ, लाल वस्त्र धारण करके तथा लाल आसान पर बैठकर,
उत्तर दिशा की और मुख करके शुद्ध जाप कर लिया जाये, तो उस
व्यक्ति को "खेचरत्व" एवं "भूचरत्व" की प्राप्ति हो जायेगी!
मंत्र इस प्रकार है -
ॐ हं ठ ठ ठ सैं चां ठं ठ ठ ठ ह्र: ह्रौं ह्रौं ह्रैं क्षैं क्षों क्षैं क्षं ह्रौं ह्रौं क्षैं ह्रीं स्मां
ध्मां स्त्रीं सर्वेश्वरी हुं फट् स्वाहा
(Om Ham th th th seim chaam tham th th th hrah hraum
hraum hreim ksheim kshom ksheim ksham hraum hraum
ksheim hreeng smaam dhmaam streem sarveshwari hum
phat swaahaa)
गोर्की माया
गोर्की माया:-----
बांधूं इंद्र को, बांधूं तार।
बांधूं बांधूं लोहे का आरा।
उठे इंद्र न बोले बाबा।
सुख साख धूनी हो जाय।
तन ऊपर फेंकी , कड़े होय सूत।
में तो बंधन बांध्यो, सांस सुसुर जाया पूत।
मन बांधूं, मंत्र बांधूं विद्या के साथ।
चार खूंट फिर आये फलानि फलाने के साथ।
Note: स्त्री को मोहित करना है तो फलानि फलाने के साथ नहीं तो पुरुष
के लिए फलाना फलानि के साथ |
विधि : यदि कामिनी को मोहित करना हो तो शनिवार को उसके बांये पैर
के नीचे कि मिटटी और पुरुष को आकर्षित करना हो तो दायें पैर के नीचे
कि मिटटी ले आओ। उस मिटटी से एक मिलती जुलती प्रतिमा बना लो।
अब आधी रात को नगन अवस्था एवं स्थूल सरीर होकर ऊपर दिया गए
मंत्र से पूजन और धुप दीप करो। एक घंटे तक मंत्र जप करके फिर एक
कच्चे सूत से मंत्र जप करते हुए उस पुतली को बांध दें, और उसको छुपा
कर रख दें। और अब चमत्कार देखें।
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