शनिवार, 24 जनवरी 2015

गोर्की माया

गोर्की माया:-----

बांधूं इंद्र को, बांधूं तार।
बांधूं बांधूं लोहे का आरा।
उठे इंद्र न बोले बाबा।
सुख साख धूनी हो जाय।
तन ऊपर फेंकी , कड़े होय सूत।
में तो बंधन बांध्यो, सांस सुसुर जाया पूत।
मन बांधूं, मंत्र बांधूं विद्या के साथ।
चार खूंट फिर आये फलानि फलाने के साथ।

Note: स्त्री को मोहित करना है तो फलानि फलाने के साथ नहीं तो पुरुष 

के लिए फलाना फलानि के साथ  |

विधि : यदि कामिनी को मोहित करना हो तो शनिवार को उसके बांये पैर 

के नीचे कि मिटटी और पुरुष को आकर्षित करना हो तो दायें पैर के नीचे 

कि मिटटी ले आओ। उस मिटटी से एक मिलती जुलती प्रतिमा बना लो। 

अब आधी रात को नगन अवस्था एवं स्थूल सरीर होकर ऊपर दिया गए 

मंत्र से पूजन और धुप दीप करो। एक घंटे तक मंत्र जप करके फिर एक 

कच्चे सूत से मंत्र जप करते हुए उस पुतली को बांध दें, और उसको छुपा 

कर रख दें। और अब चमत्कार देखें।

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