१). इस मंत्र के स्मरण मात्र से डर भाग जाता है, और अकस्मात् आयी
बाधाओ का निवारण होता है. जब भी किसी प्रकार के कोई पशुजन्य या
दूसरे तरह से प्राणहानि आशंका हो तब इस मंत्र का ७ बार जाप करना
चाहिए. इस प्रयोग के लिए मात्र मंत्र याद होना ज़रुरी है. मंत्र कंठस्थ
करने के बाद केवल ७ बार शुद्ध जाप करें व चमत्कार देंखे!
(२). अगर इस मंत्र का एक हज़ार बार बिना रुके लगातार जाप कर लिया
जाए तो व्यक्ति की स्मरण शक्ति विश्व के उच्चतम स्तर तक हो जाती
है तथा वह व्यक्ति परम मेधावी बन जाता है!
(३). अगर इस मंत्र का बिना रुके लगातार १०,००० बार जप कर लिया
जाए तो उसे त्रिकाल दृष्टि (भूत, वर्त्तमान, भविष्य का ज्ञान) की प्राप्ति
हो जाती है!
(४). अगर इस मंत्र का बिना रुके लगातार एक लाख बार, रुद्राक्ष की
माला के साथ, लाल वस्त्र धारण करके तथा लाल आसान पर बैठकर,
उत्तर दिशा की और मुख करके शुद्ध जाप कर लिया जाये, तो उस
व्यक्ति को "खेचरत्व" एवं "भूचरत्व" की प्राप्ति हो जायेगी!
मंत्र इस प्रकार है -
ॐ हं ठ ठ ठ सैं चां ठं ठ ठ ठ ह्र: ह्रौं ह्रौं ह्रैं क्षैं क्षों क्षैं क्षं ह्रौं ह्रौं क्षैं ह्रीं स्मां
ध्मां स्त्रीं सर्वेश्वरी हुं फट् स्वाहा
(Om Ham th th th seim chaam tham th th th hrah hraum
hraum hreim ksheim kshom ksheim ksham hraum hraum
ksheim hreeng smaam dhmaam streem sarveshwari hum
phat swaahaa)
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1 comments:
es mantra ko aakh band kar ke jape ya aakh khol kar
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