गुरुवार, 14 अप्रैल 2016

चमेली तेल मोहन प्रयोग


1. ॐ नमो मोहनी रानी। सिंहासन बैठी मोह रही दरबार। मेरी भक्ती,गुरु 

की शक्ती। दुहाई गौरा पार्वती की। बजरंग बली की आन। नहीँ तो लोना 

चमारी की आन लगे। 

2. ॐ नमो मन मोहनी। मोहनी चला। गैर के मस्तक धरा। तेल का 


दीपक जला। जल मोहूं , थल मोहूं। मोहूं सारा जगत। 

मोहनी रानी जा शैया पै ला। न लाये तो गौरा पार्वती की दुहाई। लोना 

चमारिन की दुहाई। नहीँ तो वीर हनुमान की आन।

प्रयोग विधी:-

1. चमेली के तेल पर अंगुली डुबो कर 7 बार मंत्र पढेँ। फिर तिलक की 

तरह माथे पर लगा लेँ, जहाँ जाऐ सभी मोहित होँगेँ!

2. तेल को मंत्र2 से अभिमंत्रित कर साध्या पर छिडक देँ तो वह वशिभूत 


हो जाएगी।

तंत्र प्रयोग करेँ,तो थोडा सोच लेँ की आप का प्रयोग सहीँ ही हो।

श्री दुर्गा सूक्त

श्री दुर्गा सूक्त

(किसी भी प्रकार की सांसारिक समस्या मे सूक्त का108बार जाप उत्तम 


होता है)

ॐ जातवेदसे सुनवाम सोममरातीवतो निदहाति बेद।

स नः पर्षदति दुर्गाणी विश्व नावेद सिन्धुं दुरितात्यग्नि।

तामग्निवर्णाँ तपसा ज्वलन्तिँ वैरोचनीँ कर्मफलेषु जुष्टाम।

दुर्गा देवी शरणामहं प्रपद्ये सुतरसि रसते नमः।

अग्नेत्वं पारपा नव्यौ अस्मान्ष्तस्तिभिरितिदुर्याणि विश्वा।

पूश्चप्रथ्वी बहुला न इर्वो भवा ताकाय तनताय शंयो।

विश्वानि नो दुर्गहा जातवेदं सिन्धुं न नावादुरितातिपर्षि।

अग्ने अत्रिवन्मनसा शुभानोऽस्माकं बोध्यवितां तनूनाम्।

प्रतनाजितं सहमानमुग्रमग्निं हवेम् परमात्सधस्मात्।

दुःस्वप्न नाशक प्रयोग

ॐ णमो अरहंताणं दीवोत्ताणं,


सरणगइपइट्ठाणं, अप्पडिदयवर, नाणदंसण, धराणं, विअट्टछउम्माणं ऐँ 

स्वाहा।



प्रतिदिन एक माला का जप करेँ तो बुरे स्वप्न कभी नहीँ आतेँ। सम्मान 

बढ़ेगा।कहीँ जाना हो तो मंत्र का 3 बार उच्चारण करके जाएं।तो मार्ग के 

सभी भय समाप्त हो जातेँ है कार्य सफल हो जाता है।


अनुभूत प्रर्योग़ है।