देह रक्षा मंत्र :- ॐ नमो हनुमान वज्र का कोठा उसमे पिंड हमारा बैठा । ईश्वर कुंजी ब्रह्मा ताला मेरे इस पिंड का आठो याम का यति हनुमंत रखवाला ।
प्रयोग विधि :- पहले मंत्र को किसी शुभ मुहूर्त में 108 बार जपकर सिद्ध कर ले फिर जब भी देह रक्षा करनी हो 21 बार पढ़कर अपनी छाती पर फूंक मारे । सभी प्रकार की बाधा से रक्षा होगी ।
शुक्रवार, 9 सितंबर 2016
शनिवार, 30 जुलाई 2016
धरण ठिकाने आने का एवं बाँह में तेज दर्द को हरने का मंत्र
बहुत से लोग जो नाभि डिगने (खिसकने) या धारण टलने की समस्या सा परेशान रहते है वह निम्न लिखित मंत्र का प्रयोग करे । इस मंत्र से धरण ठिकाने आ जाती है और अगर बाँह में तेज दर्द हो तो उसमे भी लाभ होता है
मंत्र :- सुमेरु पर्वत सुमेरु पर्वत पर लोना चमारी लोना चमारी की सोने की राँपी सोने की सुतारी हूक चक बाँह बिलारी धरणी नाली काटि कूटि समुद्र खारी बहाओ लोना चमारी की दुहाई फुरो मंत्र ईश्वरोवाचा ।
विधि :- किसी शुभ मुहूर्त में 108 बार जपने से मंत्र सिद्ध हो जाता है । सिद्ध होने के बाद मंत्र से अभिमंत्रित विभूति नाभि पर लगाने से धारण ठिकाने आ जाती है । इसी प्रकार अभिमंत्रित विभूति को बाँह पर लगाने से बाँह की तीव्र पीड़ा भी समाप्त हो जाती है ।
रविवार, 10 जुलाई 2016
रक्तचामुंडा वशीकरण मंत्र
मंत्र
ओम ह्रीं रक्तचामुण्डे अमुकम मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा
ओम ह्रीं रक्तचामुण्डे अमुकम मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा
दुर्गा देवी का सामान्य पूजन करके इस मंत्र का दो लाख जप करे,रुद्राक्ष की माला से । जप समय देवी रक्त चामुंडा का ध्यान करे । रक्त चामुंडा का स्वरुप दुर्गा सप्तशती में बताया गया है । जप का दशांश हवन तद्दशांश तर्पण तद्दशांश मार्जन तद्दशांश कन्या भोजन कराने पर मंत्र सिद्ध हो जाता है
सिद्धि के पश्चात प्रयोग करते समय साध्य का नाम अमुक के स्थान पर लेने से खान-पान में प्रयोग करने से अचूक काम करता है
सदस्यता लें
संदेश (Atom)