सिद्ध वशीकरण मन्त्र
१॰ “बारा राखौ, बरैनी, मूँह म राखौं कालिका। चण्डी म राखौं मोहिनी, भुजा म राखौं जोहनी। आगू म राखौं
सिलेमान, पाछे म राखौं जमादार। जाँघे म राखौं लोहा के झार, पिण्डरी म राखौं सोखन वीर। उल्टन काया,
पुल्टन वीर, हाँक देत हनुमन्ता छुटे। राजा राम के परे दोहाई, हनुमान के पीड़ा चौकी। कीर करे बीट बिरा करे,
मोहिनी-जोहिनी सातों बहिनी। मोह देबे जोह देबे, चलत म परिहारिन मोहों। मोहों बन के हाथी, बत्तीस
मन्दिर के दरबार मोहों। हाँक परे भिरहा मोहिनी के जाय, चेत सम्हार के। सत गुरु साहेब।”
विधि- उक्त मन्त्र स्वयं सिद्ध है तथा एक सज्जन के द्वारा अनुभूत बतलाया गया है। फिर भी शुभ समय में
१०८ बार जपने से विशेष फलदायी होता है। नारियल, नींबू, अगर-बत्ती, सिन्दूर और गुड़ का भोग लगाकर
१०८ बार मन्त्र जपे।
मन्त्र का प्रयोग कोर्ट-कचहरी, मुकदमा-विवाद, आपसी कलह, शत्रु-वशीकरण, नौकरी-इण्टरव्यू, उच्च
अधीकारियों से सम्पर्क करते समय करे। उक्त मन्त्र को पढ़ते हुए इस प्रकार जाँए कि मन्त्र की समाप्ति ठीक
इच्छित व्यक्ति के सामने हो।
शुक्रवार, 19 जून 2015
दरिद्रता निवारण का चमत्कारी मंत्र
दरिद्रता निवारण का चमत्कारी मंत्र
ॐ नमो नारायणाय नमः।
यह मंत्र सौभाग्य, सम्पदा, मोक्ष एवं सभी प्रकार की उन्नति के लिए अत्यन्त ही अनुकूल है, यह अत्यन्त
सरल और महत्वपूर्ण है उन लोगों के लिए जो गृहस्थ है और ज्यादा विधि विधान नही कर सकते है। दस लाख
बार जपने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है। स्त्रियों के लिए यह मंत्र विशेष उपयोगी माना गया है , इससे गृहस्थ
जीवन सुखमय रहता है तथा मृत्यु के बाद निश्चय ही विष्णु लोक को जाता है। पूजन कक्ष में प्राण प्रतिष्ठित
लक्ष्मी यन्त्र के सामने यह प्रयोग अधिक श्रेष्ठ रहता है। यन्त्र और स्वयं को इत्र लगाकर साधना करने से
निश्चित सफलता मिलती है।
ॐ नमो नारायणाय नमः।
यह मंत्र सौभाग्य, सम्पदा, मोक्ष एवं सभी प्रकार की उन्नति के लिए अत्यन्त ही अनुकूल है, यह अत्यन्त
सरल और महत्वपूर्ण है उन लोगों के लिए जो गृहस्थ है और ज्यादा विधि विधान नही कर सकते है। दस लाख
बार जपने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है। स्त्रियों के लिए यह मंत्र विशेष उपयोगी माना गया है , इससे गृहस्थ
जीवन सुखमय रहता है तथा मृत्यु के बाद निश्चय ही विष्णु लोक को जाता है। पूजन कक्ष में प्राण प्रतिष्ठित
लक्ष्मी यन्त्र के सामने यह प्रयोग अधिक श्रेष्ठ रहता है। यन्त्र और स्वयं को इत्र लगाकर साधना करने से
निश्चित सफलता मिलती है।
रुठी हुई स्त्री का वशीकरण
रुठी हुई स्त्री का वशीकरण
“मोहिनी माता, भूत पिता, भूत सिर वेताल। उड़ ऐं काली ‘नागिन’ को जा लाग। ऐसी जा के लाग कि ‘नागिन’
को लग जावै हमारी मुहब्बत की आग। न खड़े सुख, न लेटे सुख, न सोते सुख। सिन्दूर चढ़ाऊँ मंगलवार, कभी
न छोड़े हमारा ख्याल। जब तक न देखे हमारा मुख, काया तड़प तड़प मर जाए। चलो मन्त्र, फुरो वाचा।
दिखाओ रे शब्द, अपने गुरु के इल्म का तमाशा।”
विधि- मन्त्र में ‘नागिन’ शब्द के स्थान पर स्त्री का नाम जोड़े। शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से ८ दिन पहले साधना
प्रारम्भ करे। एक शान्त एकान्त कमरे में रात्रि मे १० बजे शुद्ध वस्त्र धारण कर कम्बल के आसन पर बैठे।
अपने पास जल भरा एक पात्र रखे तथा ‘दीपक’ व धूपबत्ती आदि से कमरे को सुवासित कर मन्त्र का जप करे।
‘जप के समय अपना मुँह स्त्री के रहने की स्थान / दिशा की ओर रखे। एकाग्र होकर घड़ी देखकर ठीक दो घण्टे
तक जप करे। जिस समय मन्त्र का जप करे, उस समय स्त्री का स्मरण करता रहे। स्त्री का चित्र हो, तो कार्य
अधिक सुगमता से होगा। साथ ही, मन्त्र को कण्ठस्थ कर जपने से ध्यान केन्द्रित होगा। इस प्रयोग में मन्त्र
जप की गिनती आवश्यक नहीं है। उत्साह-पूर्वक पूर्ण संकल्प के साथ जप करे।
अनुभुत सिद्ध अष्टलक्ष्मी साधना
अनुभुत सिद्ध अष्टलक्ष्मी साधना
मनुष्य के जीवन की सबसे बड़ी समस्या हैं निर्धनता.धन के अभाव में मनुष्य मान सन्मान प्रतिष्ठा से भी
वंचित रहेता..
साधना को शुरू करने से पहले पञ्च देवता पूजन और गुरु पूजन के साथ साथ सदगुरुदेव प्रदुत्त मंत्र जाप
(गुरुमंत्र) जाप जरूर कर लें ....संकल्प करना ना भूले..
चाहे वह कितना भी बड़ा ज्ञानी क्यों ना हो..कही मैंने सुना था की पैसा खुदा तो नहीं पर खुदा से कम भी
नहीं..आज के युग में यह बात शत प्रतिशत मुझे योग्य लगती हैं...जिनके जीवन में धन का अभाव
हैं...जिनका व्यापार अच्छे से नहीं चल रहा हैं जो कर्जे के चक्र्व्ह्यु में फस गए हैं...जो लोग धन के अभाव के
कारण बार बार अच्छे मोके गवा देते हैं स्वयं भी दुखी होते हैं और परिवार भी दुखी रहेता हैं ..यह साधना उन
सब को तो समर्पित तो हैं ही साथमे हमारे प्रिय साधक भाई यो को भी समर्पित हैं क्यूंकि धन के अभाव में
साधन उपलब्ध नहीं होता और बिना साधन,साधना नहीं होती...अब आगे मैं क्या कहू पर आप स्वयं यह
साधना करे फिर आपका हृदय स्वयं बोलेगा....
सामग्री
१.सिद्ध श्रीयंत्र , पाट ,पीला वस्त्र , ताम्बे की थाली, गाय के घी के ९(नौ) दीपक, गुलाब अगरबत्ती, लाल/पीले फूलो की माला, पीली बर्फी, शुद्ध,अस्ट्गंध,
२.माला :स्फटिक/कमलगट्टा. जप संख्या :१,२५०००
३.आसन :पीला,---- वस्त्र : पीले ; समय :शुक्रवार रात नौ बजे के बाद
४.दिशा :उत्तराभिमुख
मंत्र:
ऐं ह्रीं श्रीं अष्टलक्ष्मीयै ह्रीं सिद्धये मम गृहे आगच्छागच्छ नमः स्वाहा ||
५.विधान :-पाट पर पिला वस्त्र बिछा कर उस पर सिद्ध श्री यन्त्र स्थापित करे,पीले वस्त्र धारण कर पीले
आसन पर बैठे श्री यन्त्र पर अस्ट्गंध का छीट्काव कर खुद अस्ट्गंध का तिलक करे उसके बाद ताम्बे की
थाली में गाय के घी से नौ दीपक जलाये,गुलाब अगरबत्ती लगाये,प्रस्साद में पीली बर्फी रखे श्री यन्त्र पर फूल
माला चढ़ाये उसके बाद मन्त्र जप करे.और माँ की कृपा को प्राप्त करे ...माँ भगवती आप सभी को सुख समृद्धि
से पूर्ण करे..
मनुष्य के जीवन की सबसे बड़ी समस्या हैं निर्धनता.धन के अभाव में मनुष्य मान सन्मान प्रतिष्ठा से भी
वंचित रहेता..
साधना को शुरू करने से पहले पञ्च देवता पूजन और गुरु पूजन के साथ साथ सदगुरुदेव प्रदुत्त मंत्र जाप
(गुरुमंत्र) जाप जरूर कर लें ....संकल्प करना ना भूले..
चाहे वह कितना भी बड़ा ज्ञानी क्यों ना हो..कही मैंने सुना था की पैसा खुदा तो नहीं पर खुदा से कम भी
नहीं..आज के युग में यह बात शत प्रतिशत मुझे योग्य लगती हैं...जिनके जीवन में धन का अभाव
हैं...जिनका व्यापार अच्छे से नहीं चल रहा हैं जो कर्जे के चक्र्व्ह्यु में फस गए हैं...जो लोग धन के अभाव के
कारण बार बार अच्छे मोके गवा देते हैं स्वयं भी दुखी होते हैं और परिवार भी दुखी रहेता हैं ..यह साधना उन
सब को तो समर्पित तो हैं ही साथमे हमारे प्रिय साधक भाई यो को भी समर्पित हैं क्यूंकि धन के अभाव में
साधन उपलब्ध नहीं होता और बिना साधन,साधना नहीं होती...अब आगे मैं क्या कहू पर आप स्वयं यह
साधना करे फिर आपका हृदय स्वयं बोलेगा....
सामग्री
१.सिद्ध श्रीयंत्र , पाट ,पीला वस्त्र , ताम्बे की थाली, गाय के घी के ९(नौ) दीपक, गुलाब अगरबत्ती, लाल/पीले फूलो की माला, पीली बर्फी, शुद्ध,अस्ट्गंध,
२.माला :स्फटिक/कमलगट्टा. जप संख्या :१,२५०००
३.आसन :पीला,---- वस्त्र : पीले ; समय :शुक्रवार रात नौ बजे के बाद
४.दिशा :उत्तराभिमुख
मंत्र:
ऐं ह्रीं श्रीं अष्टलक्ष्मीयै ह्रीं सिद्धये मम गृहे आगच्छागच्छ नमः स्वाहा ||
५.विधान :-पाट पर पिला वस्त्र बिछा कर उस पर सिद्ध श्री यन्त्र स्थापित करे,पीले वस्त्र धारण कर पीले
आसन पर बैठे श्री यन्त्र पर अस्ट्गंध का छीट्काव कर खुद अस्ट्गंध का तिलक करे उसके बाद ताम्बे की
थाली में गाय के घी से नौ दीपक जलाये,गुलाब अगरबत्ती लगाये,प्रस्साद में पीली बर्फी रखे श्री यन्त्र पर फूल
माला चढ़ाये उसके बाद मन्त्र जप करे.और माँ की कृपा को प्राप्त करे ...माँ भगवती आप सभी को सुख समृद्धि
से पूर्ण करे..
त्रिपुर सुंदरी उपासना
त्रिपुर सुंदरी की उपासना लक्ष्मी रूप में होती है, ब्रह्मा, विष्णु, महेश की शक्तियां उनमें समाहित हैं। भगवती
त्रिपुरसुंदरी दस महाविद्याओं में दसवें स्थान पर हैं। इन्हें षोडशी,ललिता और राजराजेश्वरी नाम से भी वर्णित
किया गया है। षोडशी इसलिए कही जाती हैं क्योंकि ये 16 साल की युवती का प्रतिनिधित्व करती हैं। शाक्त
तांत्रिकों के मध्य ये सबसे प्राचीन पूजित देवी हैं। इन्हें तीनों लोकों में सबसे सुंदर और आकर्षक माना गया है।
इसका एक अर्थ यह भी है कि ये स्थूल,सूक्ष्म और परालोक की अद्भुत प्रभाव वाली देवी हैं जो हर तरह की सुख-
संपदा देने में सक्षम हैं।
त्रिपुर सुंदरी मंत्र: ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नम:
व्यक्तित्व विकास, स्वस्थ्य और सुन्दर काया के लिए त्रिपुर सुंदरी देवी की साधना करें। रुद्राक्ष की माला का
प्रयोग करें। दस माला मंत्र २१ दिन तक लगातार जप अवश्य करें।
चमत्कार आपके सामने होगा
सास और बहू का सौम्य संबंध
सबसे महत्वपूर्ण संबंध होता है जब एक घर की लड़की दूसरे अपरिचित परिवार में बहू बन कर जाती है।
ससुराल पक्ष में सबसे अहम संबंध बनता है सास और बहू का। यदि बहू का साथ सौम्य संबंध संबंधों में
मधुरता और सास का बहू संग पुत्रीवत व्यवहार बन जाए तो परिवार में जहां एकता और सुदृढ़ता होगी वहीं
सुख-शांति, समृद्धि भी होगी। इसके प्रतिकूल होने पर गृह-क्लेश, विघटन, पति-पत्नी में वैमनस्य एवं कई बार
विच्छेद तक की नौबत जैसे परिणाम सामने आते हैं। जो दोनों परिवारों के लिए असहनीय हो जाते हैं। ऐसी
प्रतिकूल परिस्थितियों में ज्योतिष विज्ञान की सहायता से काफी सीमा तक इन समस्याओं से निपटा जा
सकता है।
नित्य घर में
‘कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।
प्रणत् क्लेश नाशाय गोविंदाय नमो नम:’।।
इस मंत्र की 11 माला सास और बहू करें।
यह अति प्रभावशाली उपाय है
मुकदमे में जीत व केद से रिहाई
मुकदमे में जीत व केद से रिहाई
मंगलवार के दिन से शुरू करके हर रोज़ शाम को चार- पांच बजे के करीब गेंहू क़ी रोटी के चूरे मे खालिस देशी
घी और चीनी मिलाकर कोओं को खिलायेl ऐसा तब तक करते रहे जब तक कि मुकदमा समाप्त न हो जायेl
तारीक वाले दिन उन्ही कोओं मैं से किसी कि पीठ से हासिल किये हुए एक लंबे पंख को अपनी दांयी तरफ कि
जेब मे डालकार अदालत मे हासिल हों l उस पंख के असर से अदालत का ध्यान आपकी बातों की तरफ हो
जायेगा और मुकदमे का फेसला आपके हक़ मे हो जाएगा l जब मुकदमे मे जीत हो जाये तो देसी घी और
चीनी मिली हुई गेहू की रोटी की चुरी कम से कम एक हफ्ता तक आगे भी कोओं को अवश्य खिलाते रहे l
पति या प्रेमी वशीकरण
अगर पति या प्रेमी का पत्नी या प्रेमिका के प्रति प्यार कम हो गया हो तो श्री कृष्ण का स्मरण कर तीन इलायची अपने बदन से स्पर्श करती हुई शुक्रवार के दिन छुपा कर रखें। जैसे अगर साड़ी पहनतीं हैं तो अपने पल्लू में बांध कर उसे रखा जा सकता है और अन्य लिबास पहनती हैं तो रूमाल में रखा जा सकता है। शनिवार की सुबह वह इलायची पीस कर किसी भी व्यंजन में मिलाकर पति या प्रेमी को खिला दें। मात्र तीन शुक्रवार में स्पष्ट फर्क नजर आएगा।शुक्ल पक्ष के रविवार को ५ लौंग शरीर में ऐसे स्थान पर रखें जहां पसीना आता हो व इसे सुखाकर चूर्ण बनाकर दूध, चाय में डालकर जिस किसी को पिला दी जाए तो वह वश में हो जाता है।
शत्रु शमन के लिए
कुछ उपयोगी टोटके :शत्रु शमन के लिए :
साबुत उड़द की काली दाल के 38 और चावल के 40 दाने मिलाकर किसी गड्ढे में दबा दें और ऊपर से नीबू निचोड़ दें। नीबू निचोड़ते समय शत्रु का नाम लेते रहें, उसका शमन होगा और वह आपके विरुद्ध कोई कदमनहींउठाएगा।
अकारण परेशान करने वाले व्यक्ति से शीघ्र छुटकारा पाने के लिए :
यदि कोई व्यक्ति बगैर किसी कारण के परेशान कर रहा हो, तो शौच क्रिया काल में शौचालय में बैठे-बैठे वहीं के पानी से उस व्यक्ति का नाम लिखें और बाहर निकलने से पूर्व जहां पानी से नाम लिखा था, उस स्थान पर अप बाएं पैर से तीन बार ठोकर मारें। ध्यान रहे, यहप्रयोग स्वार्थवश न करें, अन्यथा हानि हो सकती है।
साबुत उड़द की काली दाल के 38 और चावल के 40 दाने मिलाकर किसी गड्ढे में दबा दें और ऊपर से नीबू निचोड़ दें। नीबू निचोड़ते समय शत्रु का नाम लेते रहें, उसका शमन होगा और वह आपके विरुद्ध कोई कदमनहींउठाएगा।
अकारण परेशान करने वाले व्यक्ति से शीघ्र छुटकारा पाने के लिए :
यदि कोई व्यक्ति बगैर किसी कारण के परेशान कर रहा हो, तो शौच क्रिया काल में शौचालय में बैठे-बैठे वहीं के पानी से उस व्यक्ति का नाम लिखें और बाहर निकलने से पूर्व जहां पानी से नाम लिखा था, उस स्थान पर अप बाएं पैर से तीन बार ठोकर मारें। ध्यान रहे, यहप्रयोग स्वार्थवश न करें, अन्यथा हानि हो सकती है।
घर में सुख-समृद्धि कारक एक अद्भुत प्रयोग
हमेशा घर मे कलह होता है। घर में सदस्यों में आपस में बनती नहीं है। कोर्ट कचेहरी में हमेशा धन का नाश
होता है। या किसी ने आपसे कहा है आपके घर में वास्तु दोष है और इस कारक आपके घर में सुख-समृद्धि नहीं
होती है तो इस प्रयोग को अवश्य अपनाना चाहिए।
यह अद्भुत प्रयोग है इस प्रयोग को करने वाला व्यक्ति हमेशा आत्मविश्वास से चलने वाला होना चाहिए तो यह प्रयोग और अधिक जल्दी फायदा देगा।
एक छोटी सी मिटटी की लुटिया ले लें। उसमें गंगा जल से भरकर सात
गोमती चक्र डालें। लुटिया मे छेद वाली केंदुका कौड़ी कलावे में बांधकर
डाल दें। उसके बाद ढक्कन लगा दें और इसे घर मे उत्तरपूर्व (North
East) दिशा में स्थापित कर लें। घर में सुख शांति होगी धन लाभ होगा।
और कारोबारी सारी समस्याओं का निवारण हो जायेगा। शनि अमावस्या
के दिन लुटिया के अंदर डाली गयी सामग्री को बहते जल में प्रवाहित कर
दें और नई सामग्री डाल दें।
बुधवार, 17 जून 2015
कांजी भाई और pk
कांजी भाई और pk कोर्ट में हाजिर हुए >>
•
वकील : हाँ तो आप दोनों का कहना है कि इन्सान
डर के कारण मंदिर जाता है और मूर्ति पूजा गलत है।
कांजी भाई : जी बिलकुल। ईश्वर तो सभी जगह है
उसको मंदिर में ढूँढने की क्या आवश्यकता है।
वकील : आप का मतलब है कि मंदिर में नहीं है।
कांजी भाई : वहां भी है।
वकील : तो फिर आप लोगो को मंदिर जाना क्यों
पाखंड लगता है?
कांजी भाई : हमारा मतलब है मंदिर ही क्यों
जाना मूर्ति में ही क्यों?? जब सभी जगह है तो
जरूरत ही क्या है पूजा करने की बस मन में ही पूजा
कर लो।
वकील-'हा हा हा हा '
कांजी भाई- इसमें हंसने की क्या बात है??
वकील दोनो को घूरते हुए आगे बड़ा और पुछा- एक
बात बताइए आप पानी केसे पीते है?
'पानी कैसे पीते है?
ये कैसा पागलो जासा सवाल है जज साहब?कांजी
बोला'
वकील लगभग चिल्लाते हुए - मैं पूछता हूँ आप पानी
कैसे पीते है ?
कांजी भाई हडबडाते हुए - ज ज ज जी ग्लास से।
पॉइंट टू बी नोटेड मी लार्ड कांजी भाई ग्लास से
पानी पीते है
और ये pk तो इस ग्रह का आदमी नहीं है फिर भी पूछ
लेते है।
क्यों भाई तुम पानी कैसे पीते हो?
pk- जी मैं भी ग्लास से पीता हूँ।
वकील कांजी भाई की और मुड़ते हुए - कांजी भाई
एक बात बताइए जब पानी हाइड्रोजन और
आक्सीजन के रूप में इस हवा में भी मोजूद है तो आप
हवा में से सूंघकर पानी क्यों नहीं पी लेते?
और ऐसा कहकर वकील ने हवा में लगभग नाक को
तीन बार अलग अलग घुसेड़ते हुए बताया मानो हवा से
नाक से पानी पी रहा हो।
कांजी भाई झुंझलाकर बोला - जज साहब वकील
साहब कैसी बाते कर रहे है?भला इस प्रकार हवा से
सूंघकर पानी कैसे पिया जा सकता है ?पानी पीने के
लिए किसी ग्लास की जरूरत तो पड़ेगी ही।
और वकील जेसे कांजी पर टूट पड़ा हो- इसी प्रकार
कांजी भाई जैसे आप यह जानते हुए भी कि पानी
सभी जगह मोजूद है आप को पानी पीने के लिए
ग्लास की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार यह
जानते हुए भी कि ईश्वर सभी जगह मोजूद है उसके
बावजूद हमें मूर्ति ,मंदिर या तीर्थस्थल की
आवश्यकता होती है ताकि हम ईश्वर की सरलता से
ध्यान लगाकर आराधना कर सके ।
•
कांजी भाई चुप।
और अब pk को भी बात समझ में आ चुकि थी कि
आदमी मंदिर क्यों जाता है
•
वकील : हाँ तो आप दोनों का कहना है कि इन्सान
डर के कारण मंदिर जाता है और मूर्ति पूजा गलत है।
कांजी भाई : जी बिलकुल। ईश्वर तो सभी जगह है
उसको मंदिर में ढूँढने की क्या आवश्यकता है।
वकील : आप का मतलब है कि मंदिर में नहीं है।
कांजी भाई : वहां भी है।
वकील : तो फिर आप लोगो को मंदिर जाना क्यों
पाखंड लगता है?
कांजी भाई : हमारा मतलब है मंदिर ही क्यों
जाना मूर्ति में ही क्यों?? जब सभी जगह है तो
जरूरत ही क्या है पूजा करने की बस मन में ही पूजा
कर लो।
वकील-'हा हा हा हा '
कांजी भाई- इसमें हंसने की क्या बात है??
वकील दोनो को घूरते हुए आगे बड़ा और पुछा- एक
बात बताइए आप पानी केसे पीते है?
'पानी कैसे पीते है?
ये कैसा पागलो जासा सवाल है जज साहब?कांजी
बोला'
वकील लगभग चिल्लाते हुए - मैं पूछता हूँ आप पानी
कैसे पीते है ?
कांजी भाई हडबडाते हुए - ज ज ज जी ग्लास से।
पॉइंट टू बी नोटेड मी लार्ड कांजी भाई ग्लास से
पानी पीते है
और ये pk तो इस ग्रह का आदमी नहीं है फिर भी पूछ
लेते है।
क्यों भाई तुम पानी कैसे पीते हो?
pk- जी मैं भी ग्लास से पीता हूँ।
वकील कांजी भाई की और मुड़ते हुए - कांजी भाई
एक बात बताइए जब पानी हाइड्रोजन और
आक्सीजन के रूप में इस हवा में भी मोजूद है तो आप
हवा में से सूंघकर पानी क्यों नहीं पी लेते?
और ऐसा कहकर वकील ने हवा में लगभग नाक को
तीन बार अलग अलग घुसेड़ते हुए बताया मानो हवा से
नाक से पानी पी रहा हो।
कांजी भाई झुंझलाकर बोला - जज साहब वकील
साहब कैसी बाते कर रहे है?भला इस प्रकार हवा से
सूंघकर पानी कैसे पिया जा सकता है ?पानी पीने के
लिए किसी ग्लास की जरूरत तो पड़ेगी ही।
और वकील जेसे कांजी पर टूट पड़ा हो- इसी प्रकार
कांजी भाई जैसे आप यह जानते हुए भी कि पानी
सभी जगह मोजूद है आप को पानी पीने के लिए
ग्लास की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार यह
जानते हुए भी कि ईश्वर सभी जगह मोजूद है उसके
बावजूद हमें मूर्ति ,मंदिर या तीर्थस्थल की
आवश्यकता होती है ताकि हम ईश्वर की सरलता से
ध्यान लगाकर आराधना कर सके ।
•
कांजी भाई चुप।
और अब pk को भी बात समझ में आ चुकि थी कि
आदमी मंदिर क्यों जाता है
शनिवार, 6 जून 2015
स्वप्न वाराही सिद्धी
स्वप्न वाराही सिद्धी.
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यह एक अनोखी साधना है जिसमे सफलता पाना आसान है परंतु इस साधना का उपयोग तभी करना चाहिये जब आप किसी कठिन समस्या मे फसे हुए हो और समस्या से बाहर निकलने का रास्ता ना मिले.
कभी भी इस साधना का गलत प्रयोग ना करे जैसे सट्टा या लौटरी का नंबर स्वप्न मे देखना.
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यह एक अनोखी साधना है जिसमे सफलता पाना आसान है परंतु इस साधना का उपयोग तभी करना चाहिये जब आप किसी कठिन समस्या मे फसे हुए हो और समस्या से बाहर निकलने का रास्ता ना मिले.
कभी भी इस साधना का गलत प्रयोग ना करे जैसे सट्टा या लौटरी का नंबर स्वप्न मे देखना.
साधना विधि:-
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सोने से पूर्व जहा आप सोते है वहा के आस पास का जगहा साफ करके रखे और चद्दर भी साफ सुधरी होनी चाहिये.
सोने से पहिले 3 माला जाप 21 दिनो तक करना है.इससे आपको इस साधना मे सफलता मिलती है.जब किसी सवाल का जवाब प्राप्त करना हो तब 'स्वप्न वाराही" से प्रार्थना करके अपना सवाल बताये और 11 बार मंत्र का जाप करके निद्रा ले,इस विधान से आपको समस्या के निवारण हेतु जवाब स्वप्न मे मिल जायेगा.
----------------------
सोने से पूर्व जहा आप सोते है वहा के आस पास का जगहा साफ करके रखे और चद्दर भी साफ सुधरी होनी चाहिये.
सोने से पहिले 3 माला जाप 21 दिनो तक करना है.इससे आपको इस साधना मे सफलता मिलती है.जब किसी सवाल का जवाब प्राप्त करना हो तब 'स्वप्न वाराही" से प्रार्थना करके अपना सवाल बताये और 11 बार मंत्र का जाप करके निद्रा ले,इस विधान से आपको समस्या के निवारण हेतु जवाब स्वप्न मे मिल जायेगा.
मंत्र-
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-------
ll ओम ह्रीं नमो वाराहि अघौरे स्वप्न दर्शय दर्शय ठ: ठ: स्वाहा ll
ll om hreem namo vaarahi aghoure swapn darshay darshay thaa thaa swaahaa ll
3 माला रोज 21 दिनो तक जाप करना है.
दिशा,वस्त्र,माला का कोई विधान नही है इसलिये चिंतित ना हो.
दिशा,वस्त्र,माला का कोई विधान नही है इसलिये चिंतित ना हो.
शनिवार, 18 अप्रैल 2015
परीक्षा में सफलता हेतु सरल प्रयोग
परीक्षा में सफलता हेतु सरल प्रयोग
मित्रों,
अक्सर बहुत सारे बच्चे, छात्र, परीक्षार्थी और उनके माता पिता, व्यक्तिगत रूप से मेसेज बॉक्स में या फिर बहुत सारे ग्रुप्स में परीक्षा में सफलता के लिए इसी बारे में पूछते हैं कि
अक्सर बहुत सारे बच्चे, छात्र, परीक्षार्थी और उनके माता पिता, व्यक्तिगत रूप से मेसेज बॉक्स में या फिर बहुत सारे ग्रुप्स में परीक्षा में सफलता के लिए इसी बारे में पूछते हैं कि
हाईस्कूल या इंटर की परीक्षा में सफल होने के लिए या अच्छे अंक पाने के लिए कोई प्रयोग बताएं।
प्रतियोगी परीक्षा में या सरकारी नौकरी के लिए कुछ बताएं।
प्रतियोगी परीक्षा में या सरकारी नौकरी के लिए कुछ बताएं।
आज आपको इसी विषय में एक अनुभूत प्रयोग बताने जा रहा हूँ जिसका मैंने बहुत बार प्रयोग किया है और आशातीत परिणाम पाया है। आज गुरु पुष्य नक्षत्र में जब मैंने ये कुछ लोगों के लिए बनाये तो विचार आया की ये प्रयोग सार्वजानिक कर दूँ ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्र इसका लाभ ले सकें।
ये प्रयोग आप
गणेश चतुर्थी के दिन कर सकते हैं फिर बसंत पंचमी के अवसर पर भी। अथवा गुरु पुष्य नक्षत्र में |
सर्वप्रथम भूमि को साफ कर उस पर रोली या सिंदूर से एक स्वस्तिक का चिन्ह बनायें इस पर एक लकड़ी का पाटा या चौकी स्थापित करें। इस चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर एक ताम्बे या स्टील की थाली रखें। थाली में केसर या हल्दी से अष्टदल बनायें , इस पर पीले या लाल फूल बिछाकर भगवन गणेश की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
अब दायें हाथ में जल अक्षत और पुष्प लेकर संकल्प करें की आप (अपना नाम) पुत्र श्री (पिता का नाम) गोत्र माघ मास चतुर्थी तिथि कृष्ण पक्ष दिन रविवार _____स्थान में _______ परीक्षा में सफलता के लिए ये प्रयोग कर रहे हैं और सफल होने पर उनके निमित्त ________ करेंगे।
तत्पश्चात भोजपत्र पर अनार की कलम से अष्टगंध या केसर की स्याही से नीचे दिए चित्र अनुसार पंद्रह का यन्त्र बनायें और यंत्र के नीचे विद्यार्थी का नाम पिता का नाम और गोत्र लिखें।
इस भोजपत्र को प्रतिमा के चरणों में रख दें। साथ में यदि उपलब्ध हो तो सिद्ध श्वेतार्क मूल भी इसके साथ रख दें।
इस भोजपत्र को प्रतिमा के चरणों में रख दें। साथ में यदि उपलब्ध हो तो सिद्ध श्वेतार्क मूल भी इसके साथ रख दें।
अब भगवन की और यंत्र की पंचोपचार पूजा करें, 108 दूर्वादल और 108 हरी इलायची चढ़ाएं और निम्न मंत्र से उनका ध्यान करे
ं
एक दंतम चतुर्हस्तं पाशमंकुश धारिणम।
रदम च वरदं हस्तैर्विभ्राणम मूषकध्वजम।।
लम्बोदरम शूपकर्णकम रक्तवाससम।
रक्तगंधानुलिप्तंगम रक्तपुषपैसुपुजितम।।
भक्तानुकंपिनं देवं जगत्कारणमुच्यतम।
एवं ध्यायन्ति यो नित्यं सः योगी: योगिनाम वर:।।
ं
एक दंतम चतुर्हस्तं पाशमंकुश धारिणम।
रदम च वरदं हस्तैर्विभ्राणम मूषकध्वजम।।
लम्बोदरम शूपकर्णकम रक्तवाससम।
रक्तगंधानुलिप्तंगम रक्तपुषपैसुपुजितम।।
भक्तानुकंपिनं देवं जगत्कारणमुच्यतम।
एवं ध्यायन्ति यो नित्यं सः योगी: योगिनाम वर:।।
तत्पश्चात निम्न मंत्र का 11 माला जप करें। जप रुद्राक्ष स्फटिक श्वेत या रक्त चन्दन अथवा हल्दी माला से कर सकते हैं। तुलसी माला का प्रयोग वर्जित है।
ॐ एकदंत महाबुद्धिः सर्वसौभाग्य दायकः।
सर्व सिद्धि करो देव गौरी पुत्रो विनायकः।।
सर्व सिद्धि करो देव गौरी पुत्रो विनायकः।।
भगवन को तिल के लड्डुओं का भोग लगायें।
इसके बाद उक्त यन्त्र को चाँदी या ताबीज में भरकर श्वेतार्क मूल के साथ लाल वस्त्र में सिलकर गले में धारण कर लें। फिर प्रतिदिन इस मंत्र की एक माला जप करें। परीक्षा के दिन में जब समय कम होता है तब भी कम से कम 21 जप अवश्य करें।
इसके बाद उक्त यन्त्र को चाँदी या ताबीज में भरकर श्वेतार्क मूल के साथ लाल वस्त्र में सिलकर गले में धारण कर लें। फिर प्रतिदिन इस मंत्र की एक माला जप करें। परीक्षा के दिन में जब समय कम होता है तब भी कम से कम 21 जप अवश्य करें।
इलायची निकलकर बाकि पूजन सामग्री वस्त्र समेत प्रवाहित कर दें। एक इलायची प्रतिदिन खाएं ये आपकी बुद्धि और ग्रहण क्षमता तीव्र करेगी।
यदि श्वेतार्क मूल का ताबीज या सिद्ध मूल न हो तो सिर्फ यन्त्र भी बहुत प्रभावशाली है।
जो बच्चे ये प्रयोग न कर सकें उनके मातापिता ये कर सकते हैं, संकल्प में प्रार्थना करें की आप ये अपने बच्चे के लिए कर रहे हैं और इसका फल उसे मिले।
बहुत से बच्चे पढने में कमजोर होते हैं।
बहुतों का मन पढाई में कम या नहीं लगता है।
कुछ याद अच्छा कर लेते हैं पर परीक्षा में भूल जाते हैं।
कुछ लिखते अच्छा हैं पर याद नहीं कर पाते। कुछ मेहनत बहुत करते हैं पर फिर भी अछे नम्बर नहीं आते।
विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं और नौकरी हेतु परीक्षाओं की तयारी करने वाले छात्र ।
बहुतों का मन पढाई में कम या नहीं लगता है।
कुछ याद अच्छा कर लेते हैं पर परीक्षा में भूल जाते हैं।
कुछ लिखते अच्छा हैं पर याद नहीं कर पाते। कुछ मेहनत बहुत करते हैं पर फिर भी अछे नम्बर नहीं आते।
विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं और नौकरी हेतु परीक्षाओं की तयारी करने वाले छात्र ।
ये सभी उपरोक्त लघु साधना का प्रयोग कर अपने क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते है।
बुधवार, 8 अप्रैल 2015
जगमोहन मन्त्र
ॐ वश्य मुखी राज मुखी स्वाहा।।
इस मंत्र को 21 माला जाप करके सिद्ध कर ले कोई विधान नहीं है
बस किसी भी अमावश्या या पूर्णिमा को सिद्ध करके माला खत्म होने के बाद 3 फूंक पानी पे मारकर पानी पि ले जिससे ये सिद्ध हो जायेगा।।
इसके बाद 21 बार पानी पे फूंक मार कर मुँह धोने से जग मोहन होता है /
इस मंत्र को 21 माला जाप करके सिद्ध कर ले कोई विधान नहीं है
बस किसी भी अमावश्या या पूर्णिमा को सिद्ध करके माला खत्म होने के बाद 3 फूंक पानी पे मारकर पानी पि ले जिससे ये सिद्ध हो जायेगा।।
इसके बाद 21 बार पानी पे फूंक मार कर मुँह धोने से जग मोहन होता है /
ह्रदय रोग के बारे में
यहाँ में आपको ह्रदय रोग के बारे में बता रहा हूँ जो की आम बात हो गई है ह्रदय घात
इस रोग में अथवा रोग होने की आशंका में आप नियमित रूप से श्री आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करे साथ ही लाल धागे में सूर्य यन्त्र पहने जो की पूर्ण तरह से प्रतिष्ठ हो और 3 माला रोजाना सूर्य मंत्र का जाप करे।।
आप पञ्च मुखी रुद्राक्ष भी धारण करे इससे भी लाभ मिलेगा
रुद्राक्ष इतने बड़े धागे में धारण करे की आपके ह्रदय पे आये ताँबे के पात्र में रात को रुद्राक्ष डालकर भीगने दे और प्रातः खाली पेट उस जल का सेवन करे।।यह भी लाभ देता है।। इसके अलावा आप 43 दिन तक नियमित रूप से ताँबे का चोकोर टुकड़ा बहते जल में बहाये प्रभाहित करे प्रत्येक रविवार गाय को गुड़ व् गेहू खाने को दे।।
2 ताँबे के 2 छोटे पात्र लेकर एक में सहद व् एक में गाय का घी रखे दोनों में एक एक ताँबे की सामान्य अंगूठी डाल कर सूर्योदय में सूर्य की किरणों में रखे 3 घंटे बाद आप घी के पात्र की अंगूठी सूर्य की और मुख करके धारण करेई व् सहद का सेवन कर ले सहद का सेवन नियमित रूप से ठीक होने तक करे।।।
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इस रोग में अथवा रोग होने की आशंका में आप नियमित रूप से श्री आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करे साथ ही लाल धागे में सूर्य यन्त्र पहने जो की पूर्ण तरह से प्रतिष्ठ हो और 3 माला रोजाना सूर्य मंत्र का जाप करे।।
आप पञ्च मुखी रुद्राक्ष भी धारण करे इससे भी लाभ मिलेगा
रुद्राक्ष इतने बड़े धागे में धारण करे की आपके ह्रदय पे आये ताँबे के पात्र में रात को रुद्राक्ष डालकर भीगने दे और प्रातः खाली पेट उस जल का सेवन करे।।यह भी लाभ देता है।। इसके अलावा आप 43 दिन तक नियमित रूप से ताँबे का चोकोर टुकड़ा बहते जल में बहाये प्रभाहित करे प्रत्येक रविवार गाय को गुड़ व् गेहू खाने को दे।।
2 ताँबे के 2 छोटे पात्र लेकर एक में सहद व् एक में गाय का घी रखे दोनों में एक एक ताँबे की सामान्य अंगूठी डाल कर सूर्योदय में सूर्य की किरणों में रखे 3 घंटे बाद आप घी के पात्र की अंगूठी सूर्य की और मुख करके धारण करेई व् सहद का सेवन कर ले सहद का सेवन नियमित रूप से ठीक होने तक करे।।।
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सोमवार, 9 मार्च 2015
बगलामुखी चतुरक्षर मन्त्र
बगलामुखी चतुरक्षर मन्त्र
●ॐ आं ह्लीं क्रों ●
(सांख्यायन तन्त्र)
❄विनियोगः-ॐ अस्य चतुरक्षर बगला मंत्रस्य ब्रह्मा ऋषिः, गायत्री छन्दः, बगलामुखी देवता, ह्लीं बीजं, आं शक्तिः क्रों कीलकं, सर्वार्थ सिद्धयर्थे जपे विनियोगः ।
❄ऋष्यादि-न्यास❄
ब्रह्मा ऋषये नमः शिरसि,
गायत्री छन्दसे नमः मुखे,
बगलामुखी देवतायै नमः हृदि,
ह्लीं बीजाय नमः गुह्ये,
आं शक्तये नमः पादयो,
क्रों कीलकाय नमः नाभौ,
सर्वार्थ सिद्धयर्थे जपे विनियोगाय नमः सर्वांगे ।
❄षडङ्ग-न्यास कर-न्यास❄
अंग-न्यास
ॐह्लां अंगुष्ठाभ्यां नमःहृदयाय नमः
ॐह्लीं तर्जनीभ्यां नमःशिरसे स्वाहा
ॐह्लूं मध्यमाभ्यां नमःशिखायै वषट्
ॐह्लैं अनामिकाभ्यां नमःकवचाय हुं
ॐह्लौं कनिष्ठिकाभ्यां नमःनेत्र-त्रयाय वौषट्
ॐह्लःकरतल-कर-पृष्ठाभ्यां नमःअस्त्राय फट्
❄ध्यान❄
हाथ में पीले फूल, पीले अक्षत और जल लेकर ‘ध्यान’ करे -
●कुटिलालक-संयुक्तां मदाघूर्णित-लोचनां,
मदिरामोद-वदनां प्रवाल-सदृशाधराम् ।
सुवर्ण-कलश-प्रख्य-कठिन-स्तन-मण्डलां,
आवर्त्त-विलसन्नाभिं सूक्ष्म-मध्यम-संयुताम् ।
रम्भोरु-पाद-पद्मां तां पीत-वस्त्र-समावृताम् ।।
इस मंत्र के जप से माई की कृपा प्राप्त होती है, और सारे मनोरथ पूर्ण होते है।
शुक्रवार, 20 फ़रवरी 2015
ऋण मुक्ति भैरव साधना
ऋण मुक्ति भैरव साधना-
हर व्यक्ति के जीवन में ऋण एक अभिशाप है !एक वार व्यक्ति इस में
फस गया तो धस्ता चला जाता है ! सूत की चिंता धीरे धीरे मष्तश पे
हावी होती चली जाती है जिस का असर स्वस्थ पे होना भी स्वाभिक है !
प्रत्येक व्क्यती पे छ किस्म का ऋण होता है जिस में पित्र ऋण मार्त ऋण
भूमि ऋण गुरु ऋण और भ्राता ऋण और ऋण जिसे ग्रह
ऋण भी कहते है !संसारी ऋण (कर्ज )व्यक्ति की कमर
तोड़ देता है मगर हजार परयत्न के बाद
भी व्यक्ति छुटकारा नहीं पाता तो मेयूस हो के
ख़ुदकुशी तक सोच लेता है !मैं जहां एक बहुत ही सरल
अनुभूत साधना प्रयोग दे रहा हु आप निहचिंत हो कर
करे बहुत जल्द आप इस अभिशाप से मुक्ति पा लेंगे !
विधि – शुभ दिन जिस दिन रवि पुष्य योग
हो जा रवि वार हस्त नक्षत्र हो शूकल पक्ष हो तो इस
साधना को शुरू करे
वस्त्र --- लाल रंग की धोती पहन सकते है !
माला – काले हकीक की ले !
दिशा –दक्षिण !
सामग्री – भैरव यन्त्र जा चित्र और हकीक
माला काले रंग की !
मंत्र संख्या – 12 माला 21 दिन करना है !
पहले गुरु पूजन कर आज्ञा ले और फिर श्री गणेश
जी का पंचौपचार पूजन करे तद पहश्चांत संकल्प ले !
अपने जीवन में स्मस्थ ऋण मुक्ति के लिए यह साधना कर
रहा हु हे भैरव देव मुझे ऋण मुक्ति दे !जमीन पे थोरा रेत
विशा के उस उपर कुक्म से तिकोण बनाए उस में एक पलेट
में स्वास्तिक लिख कर उस पे लाल रंग का फूल रखे उस पे
भैरव यन्त्र की स्थापना करे उस यन्त्र का जा चित्र
का पंचौपचार से पूजन करे तेल का दिया लगाए और
भोग के लिए गुड रखे जा लड्डू भी रख सकते है ! मन
को स्थिर रखते हुये मन ही मन ऋण मुक्ति के लिए
पार्थना करे और जप शुरू करे 12 माला जप रोज करे इस
प्रकार 21 दिन करे साधना के बाद
स्मगरी माला यन्त्र और जो पूजन किया है वोह समान
जल प्रवाह कर दे साधना के दोरान रवि वार जा मंगल
वार को छोटे बच्चो को मीठा भोजन आदि जरूर
कराये ! शीघ्र ही कर्ज से मुक्ति मिलेगी और कारोबार
में प्रगति भी होगी !
मंत्र—ॐ ऐं क्लीम ह्रीं भम भैरवाये मम ऋणविमोचनाये
महां महा धन प्रदाय क्लीम स्वाहा !!
हर व्यक्ति के जीवन में ऋण एक अभिशाप है !एक वार व्यक्ति इस में
फस गया तो धस्ता चला जाता है ! सूत की चिंता धीरे धीरे मष्तश पे
हावी होती चली जाती है जिस का असर स्वस्थ पे होना भी स्वाभिक है !
प्रत्येक व्क्यती पे छ किस्म का ऋण होता है जिस में पित्र ऋण मार्त ऋण
भूमि ऋण गुरु ऋण और भ्राता ऋण और ऋण जिसे ग्रह
ऋण भी कहते है !संसारी ऋण (कर्ज )व्यक्ति की कमर
तोड़ देता है मगर हजार परयत्न के बाद
भी व्यक्ति छुटकारा नहीं पाता तो मेयूस हो के
ख़ुदकुशी तक सोच लेता है !मैं जहां एक बहुत ही सरल
अनुभूत साधना प्रयोग दे रहा हु आप निहचिंत हो कर
करे बहुत जल्द आप इस अभिशाप से मुक्ति पा लेंगे !
विधि – शुभ दिन जिस दिन रवि पुष्य योग
हो जा रवि वार हस्त नक्षत्र हो शूकल पक्ष हो तो इस
साधना को शुरू करे
वस्त्र --- लाल रंग की धोती पहन सकते है !
माला – काले हकीक की ले !
दिशा –दक्षिण !
सामग्री – भैरव यन्त्र जा चित्र और हकीक
माला काले रंग की !
मंत्र संख्या – 12 माला 21 दिन करना है !
पहले गुरु पूजन कर आज्ञा ले और फिर श्री गणेश
जी का पंचौपचार पूजन करे तद पहश्चांत संकल्प ले !
अपने जीवन में स्मस्थ ऋण मुक्ति के लिए यह साधना कर
रहा हु हे भैरव देव मुझे ऋण मुक्ति दे !जमीन पे थोरा रेत
विशा के उस उपर कुक्म से तिकोण बनाए उस में एक पलेट
में स्वास्तिक लिख कर उस पे लाल रंग का फूल रखे उस पे
भैरव यन्त्र की स्थापना करे उस यन्त्र का जा चित्र
का पंचौपचार से पूजन करे तेल का दिया लगाए और
भोग के लिए गुड रखे जा लड्डू भी रख सकते है ! मन
को स्थिर रखते हुये मन ही मन ऋण मुक्ति के लिए
पार्थना करे और जप शुरू करे 12 माला जप रोज करे इस
प्रकार 21 दिन करे साधना के बाद
स्मगरी माला यन्त्र और जो पूजन किया है वोह समान
जल प्रवाह कर दे साधना के दोरान रवि वार जा मंगल
वार को छोटे बच्चो को मीठा भोजन आदि जरूर
कराये ! शीघ्र ही कर्ज से मुक्ति मिलेगी और कारोबार
में प्रगति भी होगी !
मंत्र—ॐ ऐं क्लीम ह्रीं भम भैरवाये मम ऋणविमोचनाये
महां महा धन प्रदाय क्लीम स्वाहा !!
कुछ अति लाभकारी उपाय
यदि आप का कोई कार्य नहीं बन रहा हो तो शुक्ल पक्ष के आज पहले
शुक्रवार को नयी झाडू खरीद कर मंदिर में 2 शुक्रवार को मंदिर में दान
कर दे।और अपनी समस्या को मंदिर में बोल कर चले आये।आप की
समस्या हल होगी।झाड़ू को घर में छिपा कर रखे और झाड़ू को कही
पटकना नहीं चाहिए।
पानी द्वारा कष्ट निवारण:--
रात को सोते समय अपने पलंग के नीचे एक बर्तन में थोड़ा सा पानी रख
लें, सुबह वह पानी घर के बाहर डाल दें इससे रोग, वाद-विवाद, बेइज्जती,
मिथ्या लांछन आदि से सदैव बचाव होता रहेगा । जाे लाेग पलंग पर
शयन न करते हाे वे जल काे अपने सिरहाने जमीन पर रख सकते है
पानी घर के बाहर मेन गेटपर डालना चाहिये।
नाैकरी मे आ रही परेशानी काे दूर करे:--
आप रविवार काे गाैमाता काे गेहूं व गुङ खिलाये। एेसा आप हर रविवार
करे ताे ठीक नही ताे ४ रविवार अवश्य करे इस उपाय काे करने से नाैकरी
मे आपकी किसी भी प्रकार का संकट नही आयेगा।
******** जय श्री राम *******************
मानसिक कष्ट दूर करें:--
यदि आपकाे किसी काम काे करने मे घबराहट हाेती है सिर दर्द हाेता है
बैचेनी लगती है किसी भी प्रकार का मानसिक कष्ट रहता है आैर ङिप्रेशन
का किसी हद तक शिकार हाे रहे है ताे करे ये आसान उपाय:-
आप राेज स्नान के जल मे कुछ कच्चा दूध व केसर काे मिलाकर स्नान
के जल मे मिलाकर स्नान करे कुछ ही दिनाे मे आपकाे लाभ दृष्टिगाेचर
हाेगा।इस प्रयाेग काे कम से कम 15 दिन अवश्य करें। आैर आप
नियमीत करें ताे काेई हानी नही है।
******** जय श्री राम*******************
विवाह बाधा दूर करें:--
शुक्ल पक्ष के साेमवार के दिन अविवाहित कन्या एक रूद्राक्ष आैर पांच
बिल्व पत्र लेकर भगवान शिव के मंदिर जाएे आैर बिल्व पत्र के साथ
रूद्राक्ष शिवजी काे चढाकर कर अपने विवाह की अङचनाे काे दूर करने का
भगवान शिव से निवेदन करे ताे उसकी विवाह की अङचने भगवान शिव
की कृपा से दूर हाेती है।
नाेट:- यह प्रयाेग कन्या २ या ३ साेमवार करे ताे शीघ्र लाभ हाेगा।
******** जय श्री राम*********************
गृह निर्माण व क्रय की समस्या निवारण प्रयाेग:--
* राेज सुबह स्नान कर गणेशजी काे एक लाल फूल चढाऐ २१ दिन तक
मंदिर या घर पर गणेश जी काे आैर समस्या निवारण हेतु गणेश जी से
प्राथना करें।
* 5 मंगलवार गणेश मंदिर मे गणेशजी काे गेहूं गुङ चढाएे।
* किसी भी मंदिर मे एक नीम की लकङी का घर निर्मित करवाकर दान
करें।
* मंगलवार गाैमाता काे मसुर की दाल व गुङ अवश्य खिलाऐ।
***** जय श्री राम*******************
कार्य सफलता:--
घर से बाहर किसी महत्वपूर्ण कार्य में जाते समय मुख्य द्वार पर काली
मिर्च डालकर उस पर अपना दाहिना पैर रखकर घर से बाहर निकले
कार्यों में सफलता मिलेगी ।
******* जय श्री राम*********
शुक्रवार को नयी झाडू खरीद कर मंदिर में 2 शुक्रवार को मंदिर में दान
कर दे।और अपनी समस्या को मंदिर में बोल कर चले आये।आप की
समस्या हल होगी।झाड़ू को घर में छिपा कर रखे और झाड़ू को कही
पटकना नहीं चाहिए।
पानी द्वारा कष्ट निवारण:--
रात को सोते समय अपने पलंग के नीचे एक बर्तन में थोड़ा सा पानी रख
लें, सुबह वह पानी घर के बाहर डाल दें इससे रोग, वाद-विवाद, बेइज्जती,
मिथ्या लांछन आदि से सदैव बचाव होता रहेगा । जाे लाेग पलंग पर
शयन न करते हाे वे जल काे अपने सिरहाने जमीन पर रख सकते है
पानी घर के बाहर मेन गेटपर डालना चाहिये।
नाैकरी मे आ रही परेशानी काे दूर करे:--
आप रविवार काे गाैमाता काे गेहूं व गुङ खिलाये। एेसा आप हर रविवार
करे ताे ठीक नही ताे ४ रविवार अवश्य करे इस उपाय काे करने से नाैकरी
मे आपकी किसी भी प्रकार का संकट नही आयेगा।
******** जय श्री राम *******************
मानसिक कष्ट दूर करें:--
यदि आपकाे किसी काम काे करने मे घबराहट हाेती है सिर दर्द हाेता है
बैचेनी लगती है किसी भी प्रकार का मानसिक कष्ट रहता है आैर ङिप्रेशन
का किसी हद तक शिकार हाे रहे है ताे करे ये आसान उपाय:-
आप राेज स्नान के जल मे कुछ कच्चा दूध व केसर काे मिलाकर स्नान
के जल मे मिलाकर स्नान करे कुछ ही दिनाे मे आपकाे लाभ दृष्टिगाेचर
हाेगा।इस प्रयाेग काे कम से कम 15 दिन अवश्य करें। आैर आप
नियमीत करें ताे काेई हानी नही है।
******** जय श्री राम*******************
विवाह बाधा दूर करें:--
शुक्ल पक्ष के साेमवार के दिन अविवाहित कन्या एक रूद्राक्ष आैर पांच
बिल्व पत्र लेकर भगवान शिव के मंदिर जाएे आैर बिल्व पत्र के साथ
रूद्राक्ष शिवजी काे चढाकर कर अपने विवाह की अङचनाे काे दूर करने का
भगवान शिव से निवेदन करे ताे उसकी विवाह की अङचने भगवान शिव
की कृपा से दूर हाेती है।
नाेट:- यह प्रयाेग कन्या २ या ३ साेमवार करे ताे शीघ्र लाभ हाेगा।
******** जय श्री राम*********************
गृह निर्माण व क्रय की समस्या निवारण प्रयाेग:--
* राेज सुबह स्नान कर गणेशजी काे एक लाल फूल चढाऐ २१ दिन तक
मंदिर या घर पर गणेश जी काे आैर समस्या निवारण हेतु गणेश जी से
प्राथना करें।
* 5 मंगलवार गणेश मंदिर मे गणेशजी काे गेहूं गुङ चढाएे।
* किसी भी मंदिर मे एक नीम की लकङी का घर निर्मित करवाकर दान
करें।
* मंगलवार गाैमाता काे मसुर की दाल व गुङ अवश्य खिलाऐ।
***** जय श्री राम*******************
कार्य सफलता:--
घर से बाहर किसी महत्वपूर्ण कार्य में जाते समय मुख्य द्वार पर काली
मिर्च डालकर उस पर अपना दाहिना पैर रखकर घर से बाहर निकले
कार्यों में सफलता मिलेगी ।
******* जय श्री राम*********
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