सबसे महत्वपूर्ण संबंध होता है जब एक घर की लड़की दूसरे अपरिचित परिवार में बहू बन कर जाती है।
ससुराल पक्ष में सबसे अहम संबंध बनता है सास और बहू का। यदि बहू का साथ सौम्य संबंध संबंधों में
मधुरता और सास का बहू संग पुत्रीवत व्यवहार बन जाए तो परिवार में जहां एकता और सुदृढ़ता होगी वहीं
सुख-शांति, समृद्धि भी होगी। इसके प्रतिकूल होने पर गृह-क्लेश, विघटन, पति-पत्नी में वैमनस्य एवं कई बार
विच्छेद तक की नौबत जैसे परिणाम सामने आते हैं। जो दोनों परिवारों के लिए असहनीय हो जाते हैं। ऐसी
प्रतिकूल परिस्थितियों में ज्योतिष विज्ञान की सहायता से काफी सीमा तक इन समस्याओं से निपटा जा
सकता है।
नित्य घर में
‘कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।
प्रणत् क्लेश नाशाय गोविंदाय नमो नम:’।।
इस मंत्र की 11 माला सास और बहू करें।
यह अति प्रभावशाली उपाय है
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