रविवार, 5 अप्रैल 2020

हरिद्रा गणपति मंत्र

ॐ गां गीं  गूं गैं गौं गः गणपतये सर्वजनमुखस्तम्भनाय आगच्छ आगच्छ मम विघ्नान नाशय नाशय दुष्टं खादय  खादय दुष्टस्य मुखं स्तम्भय स्तम्भय अकालमृत्युं हन  हन भो गणाधिपतये ॐ ह्लीं वश्यं कुरु कुरु ॐ ह्लीं बगलामुखी हूं फ़ट स्वाहा | 

इस गणपति मंत्र से वशीकरण , विघ्नो का नाश और शत्रु नाश होता है केवल दीक्षित साधक ही प्रयोग करने के अधिकारी है 

यहाँ पर लिखने का तात्पर्य केवल विद्या का संरक्षण और संवर्धन ही है दीक्षित जन ही प्रयोग करे | 

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