ॐ निरन्जन निराकार अवधू मूल द्वार में बन्ध लगाई पवन पलटे गगन
समाई, ज्योति मध्ये ज्योत ले स्थिर हो भई ॐ मध्या: उत्पन्न भई उग्र
त्रिपुरा सुन्दरी शक्ति आवो शिवघर बैठो, मन उनमन, बुध सिद्ध चित्त में
भया नाद | तीनों एक त्रिपुर सुन्दरी भया प्रकाश | हाथ चाप शर धर एक
हाथ अंकुश | त्रिनेत्रा अभय मुद्रा योग भोग की मोक्षदायिनी | इडा पिंगला
सुषुम्ना देवी नागन जोगन त्रिपुर सुन्दरी | उग्र बाला, रुद्र बाला तीनों
ब्रह्मपुरी में भया उजियाला | योगी के घर जोगन बाला, ब्रह्मा विष्णु
शिव की माता |
श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ह्रीं श्रीं कं एईल
ह्रीं हंस कहल ह्रीं सकल ह्रीं सो:
ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं
ये माँ त्रिपुर सुन्दरी का शाबर मन्त्र है एक माला हकीक से सुबह शाम
करके इच्छित वस्तु समस्त गुणवत्ता के प्राप्त कर सकते है । सौन्दर्यता
प्रदायिनी देवी माता अपने साधक को रूप,जय,और समस्त बाधाओ से
मुक्त रखती है । इसे 108 दिन तक करे आपको इच्छित सौन्दर्य प्राप्त
होगी ।जै माँ विन्ध्यवासिनी
2 comments:
Easy, Powerful and best shabar mantra for deveted persons.
Easy, Powerful and useful for devoted persons.
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