गुरुवार, 14 अप्रैल 2016

दुश्मनी कराने का इस्लामी अमल



व ज़न्ना अन्नहुल फ़िराकु वल तफ़फ़तिस्साकु बिस्साक़ी इला रब्बिका 

यव मइज़िन निल मसाकु अल्लाहुम्मा फ़र्रिक़ बयनाहुमा कमा फ़र्रक़ता 

बयनस्समाई वल अर्ज़ि व कमा फ़र्रक़ता बयना आदमा व इबलीसा व 

कमा फ़र्रक़ता बयना ईब्राहिमा व नमरुदा व फ़र्रक़ता बयना मूसा व 

फ़िरऔना व कमा फ़र्रक़ता बयना मुहम्मदिन सल्ललाहु अलयहि 

वसल्लमा व अबू जहलिन

शनिवार के दिन दोपहर के समय धूप मेँ बैठकर 11-11 बार 11 दिनोँ 


क उपरोक्त आयत पढेँ।जिन दो जनो के बीच द्वेष कराना हो उनका 

ध्यान करेँ। तो दोनो मे झगडा हो जावेगा।

आयत के शब्दो का उच्चारण सहीँ सही होना चाहिए। परिक्षित प्रयोग है। 

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें