ऊं हूँ स्फारय स्फारय मारय मारय शत्रुवर्गान नाशय नाशय स्वाहा ।
उपरोक्त मंत्र को दस हजार जप करके ।
घर के अंदर के चारों कोने की मिट्टी अपने अभिभावक के एक बलिस्त नीचे की मिट्टी की वेदी बना कर उस पर
बैर की लकडी में काला नमक,पीली सरसों , काली मिर्च , ताल मखाना , सरसो का तेल मिश्रित हवन करके ।
पुनः हवन की हुई भस्म के साथ एक बलिस्त ( बित्ता ) पलाश की लकडी चारो किनारो के गड्ढे में पुनः रख दें ।
इससे मकान का कीलन होता है मकान में मौजूद आत्माये भाग खडी होती हैं । तथा कीलन करने के पश्चात
कोई भी आत्मा घर में प्रवेश नहीं कर सकती
दक्षिण पश्चिम के कोने को 24 घंटे के बाद कीलें जिससे की घर में मौजूद आत्मायें बाहर निकल जायें
ये प्रत्यंगिरा का मकान कीलन विधि है
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