योग भारत में एक आध्यात्मिक प्रकिया को कहते हैं जिसमें शरीर, मन
और आत्मा को एक साथ लाने (योग) का काम होता है।" "भगवान कृष्ण
की आत्मा को परमात्मा से मिलाने के लिए "योग" होता है |.
योग का अर्थ अपने ध्यान को ईश्वर से जोड़ना है | हमारा ध्यान हमेशा
संसार में रहता है | ध्यान को संसार से हटा कर आत्मा में ले जाना ही
योग है | प्राण को सम करना योग है | इसे विचारों से भी किया जा सकता
और शरीर से भी | यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा,
ध्यान और समाधि को समझे बिना योग को समझना कठिन है | योग
वशिष्ठ में इन्हें बहुत विस्तार से समझाया गया है | भारत में जिस योग
का प्रचार किया जा रहा वह योग का ५ % ही है वास्तव में पूरे योग को
समझना अधिक आवश्यक है | जब हम ईश्वर को ही नही जानते तो
किस प्रकार से योग करने की बात करते हैं | योग केवल शरीर का
अभ्यास नही है बल्कि बहुत बड़ा हिस्सा मन को शून्य करना है | बिना
मन को शून्य किये योग के बारे में सोचा नही जा सकता जब की मन
शरीर के अभ्यास से शून्य नही हो सकता | दुनिया के लोगों का ध्यान
संसार में हैं इसलिए वह मन को शून्य करने के बारे में सोच नही सकते |
1 comments:
best yug
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